- स्टडी लीव पर गयीं आईएएस को नहीं लगी सीबीआई की कार्रवाई की भनक
- आवास पर पड़े छापे से सकते में आए पड़ोसी, महीनों से नहीं आई थी फ्लैट पर

lucknow@inext.co.in
LUCKNOW: महज दस साल की नौकरी में बी चंद्रकला अचानक तब सुर्खियों में आना शुरू हुईं जब सपा सरकार में उन्हें एक से बढ़कर प्राइम पोस्टिंग मिलने लगी। सोशल मीडिया पर कभी अफसरों और ठेकेदारों को सार्वजनिक रूप से डांटने वाले उनके वीडियो बेहद चर्चा में तो रहे पर उन्हें देख किसी ने सपने में भी नहीं सोचा था कि खुद को बेहद ईमानदार दर्शाने वाली महिला आईएएस सीबीआई के दस्तावेजों में यूपी की एक बेईमान अफसर के रूप में बनकर उभरेंगी। सीबीआई ने नये साल की शुरुआत में जब वह स्टडी लीव पर थीं तब दो जनवरी को दिल्ली में उनके साथ 11 लोगों पर एफआईआर दर्ज कर ली। इसके बाद छापेमारी की योजना बनी और शनिवार को इसे अंजाम देने के बाद एफआईआर को सार्वजनिक किया गया।

तो क्या इसलिए नहीं लगी ias चंद्रकला को cbi की भनक,10 साल में ऐसे बढ़ती चली गयी प्रापर्टी

हर नियम की उड़ाती रहीं धज्जियां

सीबीआई की जांच में सामने आया कि बी चंद्रकला हर नियम की धज्जियां उड़ाते हुए खनन के नये पट्टे, पुराने पट्टों का रिनीवल और खनन की अवधि को लगातार बढ़ाती रहीं। खनन विभाग के अफसरों और खनन माफिया के साथ आपराधिक साजिश रचते हुए उन्होंने सरकार को अरबों रुपये  के राजस्व का नुकसान भी कराया। उन्होंने हाईकोर्ट के आदेश के बावजूद खनन के पट्टों की ई-टेंडरिंग भी नहीं कराई और मंत्री समेत सरकार के प्रभावशाली लोगों के इशारे पर पट्टे देती रहीं। इतना ही नहीं, उन्होंनेे हमीरपुर में अवैध खनन को भी रोकने का कोई प्रयास नहीं किया। इस दौरान हमीरपुर में बहुमूल्य खनिज उत्पादों का बेरोकटोक खनन होता रहा और खनन को इधर से उधर ले जाने वाली गाडिय़ों से करोड़ों रुपये की वसूली अंजाम दी जाती रही। जांच में ये तथ्य सामने आने के बाद नई दिल्ली स्थित सीबीआई मुख्यालय की स्पेशल क्राइम-थर्ड ब्रांच के डिप्टी एसपी केपी शर्मा ने विगत दो जनवरी को बी चंद्रकला समेत 11 लोगों को आपराधिक साजिश रचने, चोरी, वसूली, धोखाधड़ी, अपराध करने के लिए प्रेरित करने और क्रिमिनल मिसकंडक्ट का आरोपी बनाते हुए एफआईआर दर्ज कर ली।
 
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महीनों से नहीं आई फ्लैट पर
सीबीआई ने जब बी चंद्रकला के फ्लैट पर छापा मारा तो आसपास रहने वाले लोग भी सकते में आ गये। यह फ्लैट एक बिल्डर ने उनको वर्ष 2010 में बेचा था। एनेक्सी के सामने स्थित इस अपार्टमेंट में फ्लैट की कीमत पॉश जगह होने की वजह से काफी ज्यादा है। इस अपार्टमेंट में कई आईएएस अधिकारी, जज आदि के फ्लैट भी हैं। छापेमारी के दौरान पड़ोसी यह भी चर्चा करते नजर आए कि आखिर दो साल की नौकरी में इतना बेशकीमती फ्लैट उन्होंने कैसे खरीद लिया। वहीं अपार्टमेंट के सुरक्षा गार्ड ने बताया कि वह महीनों से फ्लैट पर नहीं आई है।

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दस साल में बढ़ती चली गयी संपत्तियां
सूत्रों की मानें तो बी चंद्रकला वर्ष 2017 में नियुक्ति एवं कार्मिक विभाग को अपनी संपत्तियों का ब्योरा नहीं दे सकी थी। उनका नाम आईपीआर जमा न करने वाले आईएएस अफसरों की सूची में था। वहीं डीओपीटी के मुताबिक वर्ष 2011-12 में बी चंद्रकला की कुल चल-अचल संपत्ति दस लाख रुपये थी। एक साल बाद अचानक यह बढ़कर एक करोड़ रुपये हो गयी। उन्होंने अपने आईपीआर में गहने बेचकर और वेतन से आंध्र प्रदेश के उप्पल में एक फ्लैट खरीदने का जिक्र भी किया है। उनका आंध्र प्रदेश के अनूपनगर में 30 लाख रुपये कीमत का एक मकान भी है जिसका डेढ़ लाख रुपये सालाना किराया उन्हें मिलता है। वहीं सीबीआई ने शनिवार को राजधानी के जिस फ्लैट पर छापा मारा, वह उनकी बेटी के नाम है जिसे 55 लाख रुपये में खरीदा गया था। हालांकि चंद्रकला का दावा था कि यह फ्लैट उनके ससुराल वालों ने गिफ्ट किया है।

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