-सीसैट ने स्टूडेंट्स को किया घनचक्कर

BAREILLY: सिविल सर्विसेज के प्रिलिम एग्जाम में जीएस ने जहां कैंडिडेट्स के दिमाग की बत्ती गुल कर दी तो सीसैट ने स्टूडेंट्स को थका दिया। एग्जाम खत्म होने के बाद सेंटर से निकल रहे स्टूडेंट्स के माथे पर पेपर की टेंशन साफ झलक रही थी। रही सही कसर हिंदी भाषा में पूछे गए क्वेश्चंस ने पूरा कर दिया। क्वेश्चंस की क्लिष्ट भाषा तो हिंदी भाषी स्टूडेंट्स के सिर के ऊपर से निकल गई। ओवरऑल कैंडिडेट्स एग्जाम से नाखुश ही दिखे। स्टूडेंट्स की मानें तो पिछले एग्जाम के मुकाबले इस बार पेपर ज्यादा हार्ड पूछा गया था।

करेंट अफेयर्स से ज्यादा क्वेश्चन

शहर के 25 सेंटर्स पर एग्जाम कंडक्ट कराया था। दो पालियों में एग्जाम हुआ। पहली पाली में जीएस का पेपर था जिसमें 100 क्वेश्चंस पूछे गए। जबकि दूसरी पाली में सीसैट का पेपर था जिसमें 80 क्वेश्चंस पूछे गए थे। कैंडिडेट्स ने बताया कि जीएस का पेपर काफी हार्ड था। जिसे सॉल्व करने में पसीने छूट गए थे। पिछले एग्जाम की ही बात करें तो इसमें सबसे ज्यादा एनवायरमेंट ओर इकोलॉजी के क्वेश्चंस पूछे गए थे। लेकिन इस बार सबसे ज्यादा करेंट अफेयर्स के क्वेश्चंस पूछे गए थे। उसके भी क्वेश्चंस ऐसे थे, जिनको स्टूडेंट्स सॉल्व करने में अक्षम दिखे। कुछ क्वेश्चंस तो स्टूडेंट्स को समझ में ही नहीं आया। जैसे एक क्वेश्चन में राजस्थान की दाल बाटी, वाराणसी की जरी व साड़ी, तिरुपति का लड्डू का ऑप्शन दे कर जियोग्राफिकल इंडिकेशन के बारे में पूछा था। यह क्वेश्चन तो अधिकांश कैंडिडेट्स समझ ही नहीं पाए।

लेंदी था सीसैट

सीसैट के पेपर ने तो कैंडिडेट्स को थका ही दिया। उन्होंने बताया कि इस बार इसका पेपर काफी लेंदी था। करीब 15 से 20 तो पैसेज ही दिए गए थे। इतने बड़े थे कि हर एक को सॉल्व करने में स्टूडेंट्स को 10 से 15 मिनट लग गए। कुछ कैंडिडेट्स ने तो कई क्वेश्चंस बिना हल किए ही छोड़ दिए। वहीं इस बार इंग्लिश पैसेज नहीं दिया गया था।