जेल जाने के बाद राज्य सरकार ने उठाया कदम

LUCKNOW : नोएडा प्लॉट आवंटन घोटाले में सजायाफ्ता आईएएस राजीव कुमार के जेल जाने के बाद बुधवार को राज्य सरकार ने उन्हें सस्पेंड कर दिया। देर शाम हुई उच्चस्तरीय बैठक में उन्हें सस्पेंड करने का निर्णय लिया गया जिसके बाद नियुक्ति विभाग ने पत्रावली तैयार करके उच्चस्तरीय अनुमोदन के लिए भेज दी। देर शाम अनुमति मिलने के बाद उन्हें सस्पेंड किए जाने का आदेश जारी कर दिया गया। मालूम हो कि कुछ दिन पहले आईएएस प्रदीप शुक्ला को भी इसी तरह सस्पेंड किया गया था। जल्द ही राजीव कुमार को चार्जशीट दी जाएगी जिसका जवाब मिलने के बाद आगे की कार्यवाही होगी। माना जा रहा है कि राज्य सरकार उन्हें सेवा से बर्खास्त करने की सिफारिश केन्द्र सरकार से करेगी।

नियुक्ति विभाग के थे प्रमुख सचिव

जिस नियुक्ति विभाग ने राजीव कुमार के निलंबन की पत्रावली तैयार की है, लंबे समय तक वे उसके प्रमुख सचिव रह चुके हैं। प्लॉट आवंटन घोटाले में सजा होने के बाद भी उन्हें इस पद पर बनाये रखा गया। बाद में हाईकोर्ट ने जब इस बाबत राज्य सरकार ने जवाब-तलब करते हुए हलफनामा दाखिल करने को कहा तो उन्हें आनन-फानन में हटाकर इमडप का डीजी बना दिया गया। हाईकोर्ट के सख्त रुख को देखते हुए राज्य सरकार ने फिर अपना फैसला बदला और उन्हें वेटिंग में डाल दिया। राजीव कुमार ने सरेंडर से बचने के लिए तमाम कोशिशें भी की लेकिन उन्हें कहीं राहत नहीं मिली। गाजियाबाद स्थित सीबीआई कोर्ट ने उनके खिलाफ गैरजमानती वारंट जारी कर दिया जिसके बाद उन्हें अदालत में सरेंडर करना पड़ा। वहीं, घोटाले में तीन साल की सजा होने के बाद दो दिन पहले राजीव कुमार ने अदालत में सरेंडर किया था जिसके बाद उन्हें डासना जेल भेज दिया गया था।