ऋतुराज ने आईएएस 2014 बैच में एआरआर रैंक 69वां हासिल किया है

झारखंड में हायर एजुकेशन, वीमेन इम्पावरमेंट और स्किल डेवलपमेंट के लिए काम करने की जताई इच्छा

RANCHI: मेरे पिता रेलवे में ग्रेड थर्ड में इम्प्लॉय थे। वे हमेशा कहते तुम मुझसे आगे जाना। ग्रेड टू की नौकरी जरूर करना, ताकि मेरा सिर ऊंचा रहे। लेकिन मैं तो आईएएस बन गया। अपनी जिंदगी से जुड़ी ये रोचक बातें आईएएस ऋतुराज ने स्टूडेंट्स के साथ शेयर की। साथ ही उन्हें पढ़ाई के लिए भी प्रेरित किया। ऋतुराज सिंह ने बताया कि मुझे पढ़ना कभी अच्छा नहीं लगा। मुझसे ज्यादा मेहनत मेरे दोस्त करते थे। किसी तरह साहेबगंज के सेंट जेवियर्स स्कूल से टेंथ पास किया फिर दिल्ली के कालका पब्लिक स्कूल से ट्वेल्थ किया। फिर बेंगलुरू में इंजीनियरिंग किया। एग्जाम से पहले की एक रात पढ़ता। इस दौरान दो कंपनी इंफोसिस और टेक महिंद्रा में प्लेसमेंट हो गया। मैं सॉफ्टवेयर इंजीनियर बन गया। इंफोसिस ज्वाइन किया तो जॉब ट्रेनिंग में लगातार फेल होता रहा। अब नौकरी बचाने का डर सताने लगा। अंत में पापा से बात की और नौकरी छोड़ यूपीएससी की तैयारी में जुट गया। सुबह आठ बजे से रात एक बजे तक पढ़ता। डेढ़ सालों में इतना कॉन्फीडेंस आ गया कि हर टेस्ट सीरिज में अपना बेस्ट देने लगा। मेंस दिया, तभी मुझे आईएएस बनने का एहसास हो गया था। आज वो मुकाम भी मिल गया।

आईएएस ऋतुराज केसक्सेस टिप्स

-आईएएस एग्जाम की तैयारी के लिए जरूरी नहीं आपको सब कुछ पता हो, लेकिन वो जरूर पता हो जो एग्जाम में आने वाला हो।

- शुरुआत में तीन से ज्यादा घंटे क्वेश्चन समझने में लगेंगे, लेकिन धैर्य रखकर पढ़ें। ये घंटे कुछ मिनट में तब्दील हो जाएंगे।

- डेढ़ से दो साल कड़ी मेहनत करें और लगातार पढ़ें

- संस्थान की मदद जरूर लें, ताकि बेहतर डायरेक्शन और गाइडलाइंस मिल सके

- हर सिलेबस पर पूरा टाइम दें, हड़बड़ी में न पढ़ें----

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चाणक्या आईएएस एकेडमी ने ऋतुराज को किया सम्मानित - फोटो

चाणक्या आईएएस एकेडमी में गुरुवार को 2014 बैच में ऑल इंडिया 69वां रैंक लाने वाले आईएएस ऋतुराज को सम्मानित किया गया। एकेडमी के वाइस प्रेसिडेंट विनय मिश्रा एवं जीएम रीमा मिश्रा ने ऋतुराज को मोमेंटो देकर सम्मानित किया। सम्मान समारोह के दौरान ऋतुराज सिंह ने चाणक्या आईएएस एकेडमी रांची और दिल्ली के टीचर्स के प्रति आभार प्रकट किया। साथ ही वह एकेडमी के स्टूडेंट्स के साथ रूबरू भी हुए और अपने सक्सेस मंत्र और इंस्पीरेशनल बातों को शेयर भी किया। मौके पर वाइस प्रेसिडेंट विनय मिश्रा ने कहा कि ऋतुराज ने अपनी तैयारी में शत प्रतिशत दिया, तब जाकर सफलता मिली। आईएएस की तैयारी के लिए योजना शुरू से ही होती है। बिना किसी किंतु -परंतु में फंसने के बजाय सकारात्मक सोच के साथ प्रयास करें। इधर, ऋतुराज ने बताया कि मौका मिले तो झारखंड में रोड, हायर एजुकेशन और वीमेन इम्पावरमेंट के साथ स्किल डेवलपमेंट के लिए काम करूंगा।

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