-अब तक डेढ़ दर्जन से अधिक लोगों को रखा जा चुका है निगरानी में
-इनमें से दून के पांच लोग शामिल, किसी में नए पाए गए ऐसे लक्षण
-इयरपोर्ट अथॉरिटी से मिल रही है हेल्थ डिपार्टमेंट
को सूचना
-पूरे प्रदेश में किया गया है अलर्ट, जिलों में सीएमओ रख रहे हैं निगरानी
DEHRADUN: जानलेवा बीमारी इबोला ने दून में तक दस्तक दे दी है। यही वजह है कि अकेले उत्तराखंड में करीब क्ब् संदिग्धों को स्वास्थ्य विभाग ने ख्क् दिनों की निगरानी में रखा, जिसमें से पांच लोग राजधानी देहरादून के हैं, लेकिन सुकून की बात, ये सभी इबोला फ्री पाए गए, जिससे विभाग ने भी राहत की सांस ली है। फिलहाल, एहतियात के तौर विभाग ने पूरे महकमे को अलर्ट कर दिया है। केंद्र सरकार के दिशा निर्देशों के मुताबिक बाहरी देशों से उत्तराखंड पहुंचने वाले सभी लोगों पर निगरानी रखी जा रही है और कौन व्यक्ति राज्य में पहुंच रहा है। हर रिपोर्ट स्वास्थ्य विभाग तक पहुंच रही है।
अमेरिका से आई लेडी में भी लक्षण नहीं
पिछले कई महीनों से इबोला ने दुनियाभर में कोहराम मचाया हुआ है। हजारों जानें चली गई और हजारों की तादात में इस वायरस से लोग प्रभावित हुए हैं। उत्तराखंड में भी अब तक करीब क्7 से अधिक उन लोगों को विभाग ने अपनी निगरानी में रखा, जो दूसरे इबोला से प्रभावित देशों से वापस अपने देश लौट आ रहे हैं। विभाग को हाल के महीनों में करीब क्ब् लोगों की सूची एयरपोर्ट अथॉरिटी से मिली, जो इफैक्टेड कंट्रीज व बाहरी राज्यों से वापस उत्तराखंड लौटे हैं। इनमें पांच देहरादून के शामिल रहे।
नहीं मिले लक्षण
डीजी हेल्थ डॉ। जीएस जोशी की मानें तो हाल में फ्0 वर्षीय लेडी अमेरिका से वापस दून लौटी थी। उस लेडी ने अमेरिका में किसी पीडि़त का ब्लड सैंपल लिया था। वह इबोला ग्रसित था, लेकिन ख्क् दिनों की निगरानी में उस महिला में कोई लक्षण नहीं पाए गए। संभवत: वह महिला वापस अमेरिका भी लौट गई होगी।
::मौजूद हैं इबोला का किट::::
हेल्थ डिपार्टमेंट का कहना है कि उनके पास केंद्र सरकार से उपलब्ध कराया गया किट मौजूद हैं। हालांकि डीजी हेल्थ का कहना है कि संक्रमणयुक्त शख्स को बचा पाना फिलहाल मुश्किल है, लेकिन एहतियात के तौर पर किट उपलब्ध कराया गया है।
::तीन कैटेगरीज में बांटे गए प्रभावित::
क्-जो प्रभावितों इलाकों में रहा हो और लक्षण शो न हो रहे हों।
ख्-जो पीडि़त के संपर्क में रहा हो, लेकिन उसमें इबोला के लक्षण न हो।
फ्-जिसने पेशेंट्स को टच किया हो, और सिमटम्स भी हैं, उसको हॉस्पिटलाइज्ड करना होगा।
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::बीमारी के लक्षण::
-डब्ल्यूएचओ के मुताबिक इबोला एक वायरल किस्म की बीमारी है।
-लक्षण के तौर पर बुखार, कमजोरी, मांसपेशियों में दर्द व गले में खराश।
-दूसरे लक्षण के तौर पर उल्टी होना, डायरिया व कुछ अंदरुनी मामलों में रक्त श्राव होना।
-मनुष्यों में इसका संक्रमण जानवरों, चिंपेंजी, चमगादड़ व हिरण आदि के संपर्क में आने से होना है।
अंतिम संस्कार में भी खतरे से खाली नहीं
-डब्ल्यूएचओ के अनुसार एक दूसरे के संपर्क में आने से सबसे तेज होता है।
-इबोला के शिकार व्यक्ति के संपर्क में आने से भी वायरल होने की संभावना रहती है।
-डेड बॉडी छूने से भी इंफैक्शन होता है।
-डाक्टरों को भी ट्रीटमेंट के दौरान सावधानी बरतनी पड़ती है।
-इंफैक्टेड व्यक्ति को ठीक होने के सात सप्ताह तक संक्रमण का खतरा रहता है।
लाइबेरिया में आपातकाल घोषित
-पश्चिम देशों में खासकर गिनी, सियेरा लियोन, नाइजेरिया व लाइबेरिया प्रमुख हैं। जहां 9फ्0 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है। लाइबेरिया में इस बीमारी के चलते आपातकाल घोषित कर दिया गया है। बताया गया कि इस बीमारी की शुरुआत दूर-दराज वाले इलाके जेरेकोर में हुई थी। अक्टूबर मिड में डब्ल्यूएचओ ने मरने वालों की संख्या पांच हजार तक बताई थी।
बीमारी से बचने की सावधानियां
डब्ल्यूएचओ के मुताबिक इबोला से प्रभावित पीडि़त से संपर्क में आने से बचना चाहिए। खासकर तौलिया साझा करने से बचना चाहिए। समय-समय पर हाथ साफ करने चाहिए। चमगादड़, बंदर से दूर व जंगली जानवरों के मांस खाने से दूर रहना चाहिए।
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क्फ्, ख्म्8 हुए संक्रमित
डब्ल्यूएचओ के मुताबिक अब तक इबोला का प्रभाव विश्व के क्फ् देशों में पहुंच चुका है, जिसके कारण क्फ्, ख्म्8 लोग संक्रमित हो चुके हैं। अकेले भ्ब्9 हेल्थ वर्कर्स इस बीमारी की चपेट में आ चुके हैं, जिनमें से फ्क्क् की मौत हो चुकी है।
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दूसरे देशों में जाते हैं नौकरी के लिए
उत्तराखंड के क्फ् जिलों में से ज्यादा डिस्ट्रिक्ट के लोग दूसरे कंट्रीज में नौकरी के लिए गए हैं। इसमें देहरादून भी आगे है। इसीलिए बाहरी देशों से वापस लौटने वाले लोगों को संबंधित डिपार्टमेंट निगरानी में रख रहा है।