6 घंटे तक चली सुनवाई
जेम्स एंडरसन और रवींद्र जडेजा के बीच हुये विवाद की जांच कर रहे न्यायिक आयुक्त ने 6 घंटे तक चली लंबी सुनवाई के बाद इन दोनों प्लेयरों को दोषी नहीं पाया. गौरतलब है कि ICC के इस फैसले के बाद जडेजा और एंडरसन का बाकी मैचों में खेलने का रास्ता साफ हो गया. न्यायिक आयुक्त गोर्डन लुईस ने वीडियो कान्फ्रेसिंग के जरिये हुई 6 घंटे की सुनवाई के बाद यह फैसला लिया. इस फैसले के आने के बाद इन दोनों प्लेयरों के खेलने को लेकर लगाये जा रहे कयासों पर भी विराम लग गया.

सबूतों पर हुई चर्चा
ICC ने अपने बयान में कहा,'न्यायिक आयुक्त मानवीय गोर्डन लुईस एएम ने इंग्लैंड के जेम्स एंडरसन और इंडिया के रवींद्र जडेजा को ICC आचार संहिता के उल्लंघन का दोषी नहीं पाया.' सुनवाई के दौरान गवाहों में कुछ इंडियन और इंग्लैंड के प्लेयर शामिल थे. सुनवाई में ईसीबी और एंडरसन की तरफ से निक डि मार्को, जबकि जडेजा की ओर से एडम लुईस ने हिस्सा लिया. सुनवाई में दोनों टीमों के मैनेजरों, ईसीबी के पॉल डाउंटन और बीसीसीआई के सुंदर रमन व एमवी श्रीधर, ICC जनरल मैनेजर ज्योफ एलेरडाइस और ICC आचार संहिता एवं नियामक वकील सैली क्लार्क ने भी हिस्सा लिया.

क्या था विवाद
इंडियन प्लेयर्स ने आरोप लगाया था कि लंच के समय जब प्लेयर पवेलियन लौट रहे थे, तब एंडरसन ने जडेजा के लिये अपशब्द कहे और उन्हें धक्का दिया. इंग्लैंड की टीम ने जडेजा के अगेंस्ट लेवल दो के जवाबी आरोप थे. लेकिन मैच रेफरी डेविड बून ने इसे लेवल एक का अपराध माना और उनकी मैच फीस का परसेंट हिस्सा काट दिया. हालांकि इस अपराध के अगेंस्ट अपील नहीं की जा सकती, लेकिन इंडियन बोर्ड ने अपील की जिसे ICC ने स्वीकार कर लिया है.     

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