अखबार की जांच में पता चला है कि सट्टेबाजों ने खिलाड़ियों को हजारों पाउंड की पेशकश की. इसमें 44,000 पाउंड बल्लेबाजों को धीमी गति से रन बनाने के लिए, गेंदबाजों को रन गंवाने के लिए 50,000 पाउंड और 7,50,000 पाउंड उस खिलाड़ी को या अधिकारी को पेश किए गए, जो मैच के परिणाम की गारंटी दे सके.

इसमें यह भी खुलासा किया गया कि भारत और पाकिस्तान के बीच पिछले साल विश्व कप के सेमीफाइनल में भी भ्रष्टाचार किया गया. दिल्ली के सट्टेबाज ने अखबार को बताया कि काउंटी क्रिकेट ‘अच्छा बाजार है’ क्योंकि इसमें ‘‘छोटे स्तर के मैच होते हैं और कोई भी इन पर नजर नहीं रखता. इसलिये इसमें बिना किसी झंझट के अच्छा पैसा कमाया जा सकता है.’’

अखबार ने जो भी सूचनाएं इस जांच के लिए इकट्ठी की उसे आईसीसी को दे दिया है, जिसने कहा कि वह इन ‘गंभीर आरोपों’ की जांच करेगी. आईसीसी प्रवक्ता ने कहा, ‘‘हम आपके द्वारा दी गई सूचना के आभारी हैं और इन गंभीर आरोपों की जल्द  ही जांच करेंगे.’’ उन्होंने कहा, ‘‘क्रिकेट पर सट्टा कानूनी और गैर कानूनी बाजार में तेजी से बढ़ रहा है और प्रत्येक मैच पर लाखों डॉलर सट्टे में लगाए जाते हैं.’’

कुछ हफ्ते पहले ही एसेक्स के पूर्व गेंदबाज मर्विन वेस्टफील्ड भ्रष्टाचार के आरोप में जेल जाने वाले पहले इंग्लिश क्रिकेटर थे. उन्होंने 2009 सितंबर में डरहम के खिलाफ मैच फिक्स करने के लिए धन राशि लेने की बात स्वीकारी थी. पिछले साल  तीन पाकिस्तानी क्रिकेटरों सलमान बट, मोहम्मद आसिफ और मोहम्मद आमिर को भी ब्रिटेन में इंग्लैंड के खिलाफ 2010 टेस्ट मैच के दौरान स्पॉट फिक्सिंग के लिए जेल की सजा सुनाई गई थी.

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