लंदन (पीटीआई/रायटर्स)। इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल ने गुरवार को जिंबाब्वे क्रिकेट को तत्काल प्रभाव से सस्पेंड कर दिया है। आईसीसी ने ये फैसला जिंबाब्वे क्रिकेट में बढ़ती अनियमितताओं के चलते लिया है। आईसीसी चाहता है किसी भी देश की क्रिकेट संस्था पर वहां की सरकार का दबाव नहीं होना चाहिए, मगर जिंबाब्वे क्रिकेट बोर्ड इस परंपरा को निभाने में असमर्थ रहा है। बता दें पिछले महीने जिंबाब्वे की सरकारी एजेंसी स्पोर्ट्स एंड रिक्रिएशन कमेटी ने जिंबाब्वे क्रिकेट बोर्ड के पदाधिकारियों को बर्खास्त कर दिया था। ये आईसीसी के नियमों आर्टिकल 2.4 सी एंड डी का उल्लंघन है।


जिंबाब्वे टीम नहीं खेल पाएगी कोई मैच
आईसीसी ने एक बयान जारी करते हुए कहा, 'जिंबाब्वे क्रिेकट को तुरंत बर्खास्त किया जाता है। आईसीसी बोर्ड ने यह निर्णय लिया कि जिंबाब्वे क्रिेकट बोर्ड जोकि आईसीसी का सदस्य देश है, उसने आर्टिकल 2.4 का उल्लंघन किया है। जिंबाब्वे बोर्ड के सदस्य स्वतंत्र होकर काम नहीं कर पा रहे। वहां की सरकार ने भी अब ज्यादा दखल करना शुरु कर दिया है।' बता दें इस सस्पेंशन के बाद जिंबाब्वे क्रिकेट को आईसीसी की तरफ से काई फंडिंग नहीं मिलेगी। इसी के साथ जिंबाब्वे की क्रिेकट टीम किसी भी आईसीसी टूर्नामेंट में हिस्सा नहीं ले पाएगी।

आईसीसी नहीं बर्दाश्त करेगा ऐसी हरकत
आईसीसी के चेयरमैन शशांक मनोहर का कहना है, 'आईसीसी सदस्य देश की बर्खास्तगी को हम हल्के में नहीं ले सकते है। हमें चाहिए कि खेल को राजीनीतिक प्रभाव से दूर रखा जाएग। जिंबाब्वे में जो कुछ हुआ वह आईसीसी के नियम-कानून का उल्लंघन है और हम किसी को ये नियम तोड़ते नहीं देख सकते। आईसीसी चाहता है कि जिंबाब्वे में क्रिकेट आगे जारी रहे मगर वो नियमों के अंतर्गत हो।'


क्रिकेटर्स बोले हुए बेरोजगार
जिंबाब्वे क्रिकेट बोर्ड के सस्पेंड होने के बाद वहां के क्रिेकटर्स काफी परेशान हो गए। जिंबाब्वे के लिए 97 वनडे और 12 टेस्ट खेल चुके दाएं हाथ के बल्लेबाज सिकंदर राजा ने ट्वीट कर अपना दुख जताया। वह लिखते हैं, 'कैसे एक फैसला टीम को अजनबी बना देता है। कैसे एक फैसला तमाम लोगों को बेराजगार कर देता है। कैसे एक फैसला कई परिवारों पर असर डालता है। कैसे एक फैस्ला कई लोगों का करियर खत्म कर देता है। निश्चित रूप से मैं इस तरह से इंटरनेशनल क्रिकेट को अलविदा नहीं कहना चाहता था।'

 

 

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