- शीतकाल में केदारनाथ में साहसिक पर्यटन को दिया जाएगा बढ़ावा

- नेहरू पर्वतारोहण संस्थान ने शुरू की कवायद

- टै्रकिंग, स्कीइंग के साथ ही स्नो स्कूटर्स का भी आनंद

DEHRADUN : केदारनाथ धाम के कपाट भले ही बंद हो गए हों, लेकिन यात्रा के लिहाज से आफ सीजन यानी शीतकाल में वहां साहसिक पर्यटन को बढ़ावा दिया जाएगा। इसके लिए नेहरू पर्वतारोहण संस्थान (निम) ने तैयारियां शुरू कर दी हैं। कोशिशें रंग लाई तो जनवरी में जोरदार बर्फबारी होने पर केदारनाथ में सैलानी टै्रकिंग, स्कीइंग के साथ ही स्नो स्कूटर्स का आनंद उठा सकेंगे। इस दौरान उन्हें आपदा के प्रभाव के बारे में भी जानकारी दी जाएगी।

कराई जाएगी आइस स्कीइंग

केदारनाथ धाम के कपाट बंद होने के बाद बाबा केदार शीतकाल के लिए ऊखीमठ में विराजमान हो गए हैं। लेकिन, जून ख्0क्फ् की आपदा से उबरने के बाद सरकार ने करीब साढ़े ग्यारह हजार फीट की ऊंचाई पर स्थित केदारनाथ की नैसर्गिक छटा से सैलानियों को शीतकाल में भी रुबरू कराने का निश्चय किया है। इस कड़ी में वहां शीतकालीन पयर्टन को बढ़ावा दिया जाएगा और इसका जिम्मा भी केदारनाथ में पुनर्निर्माण कार्याें में जुटे निम को सौंपा गया है। निम के प्रधानाचार्य कर्नल अजय कोठियाल ने बताया कि केदारनाथ में विंटर टूरिज्म के लिए निम ने तैयारियां प्रारंभ कर दी हैं। केदारनाथ तक ट्रैकिंग के साथ ही बर्फबारी होने पर वहां के ढलानों पर स्कीइंग कराई जाएगी। यही नहीं दो स्नो स्कूटर्स भी खरीदे जा रहे हैं, ताकि सैलानी इनके जरिए भी यहां के नजारों का लुत्फ उठा सकें। इस सबके लिए विस्तृत प्लान तैयार किया गया है।

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शीतकाल में भी डटी रहेगी निम की टीम

केदारनाथ में शीतकाल में खून जमा देने वाली ठंड में भी निम की टीम पुनर्निर्माण कार्यो में जुटी रहेगी। निम के प्रधानाचार्य कर्नल कोठियाल के मुताबिक इस बार क्भ् जनवरी तक केदारनाथ के पीछे सुरक्षा दीवार, क्ख्0 कॉटेज आदि निर्माण कार्य कराए जाएंगे। इसके बाद वहां एमआई-क्7 और बी-फ् हेलीकॉप्टर से निर्माण समेत अन्य सामग्री पहुंचाई जाएगी।