-इस साल एग्जाम्स में ओएमआर शीट्स इंट्रोडयूस करने वाला पहला बोर्ड बनेगा आईसीएसई-आईएससी बोर्ड

-जल्द ही सभी ऑब्जेक्टिव क्वेचंस के जवाब ओएमआर शीट पर

-बोर्ड के स्कूलों, क्लासों और स्टूडेंट्स को कुछ साल में पूरी तरह स्मार्ट बनाए जाने की कवायद शुरु

-हर स्टूडेंट की पहचान होगी एक यूनिक आईडी कोड, इवेलुएशन में नहीं पता चल सकेगा एरिया तक

-यूनिक आई कोड से ही स्टूडेंट एक्सेस कर सकेंगे डिजिटल कोर्स मैटीरियल

-क्लास रूम्स का सेटअप होगा 'स्मार्ट' बदलेगा पूरा पढ़ाई का तरीका

-बदलेगा टीचर का रोल, गाईडेंस के बजाए केवल सपोर्ट के लिए होंगे टीचर

KANPUR : आईसीएसई-आईएससी बोर्ड के स्कूल्स में स्टूडेंट्स के बीच जबर्दस्त एक्साइटमेंट है। क्लासरूम्स में टीचर्स और स्टूडेंट्स ओएमआर शीट को लेकर डिस्कशन कर रहे हैं। प्रिंसिपल और स्टाफ 'डिजटलाईजेशन' पर सीरियस बातें करते दिख रहे हैं। दरअसल बोर्ड के स्कूल्स, स्टूडेंट्स और पेरेंट्स बड़े चेंज के गवाह बनने जा रहे हैं। अब बोर्ड का पूरा कोर्स मैटीरियल भी ऑनलाइन हो जाएगा। क्लास में किताबों की जगह टैबलेट और लैपटॉप ले लेगा, तो वहीं हर क्लास में ब्लैकबोर्ड की जगह एलसीडी होगी। बोर्ड के स्टूडेंट्स की पहचान केवल उनकी यूनिक डिजिटल कोड से होगी। हर एक का डिजिटल डेटाबेस बोर्ड के पास होगा। परिवर्तन की शुरुआत अगले महीने शुरु होने जा रहे बोर्ड के एग्जाम्स के दौरान ही देखने को मिलेगी। पहली बार किसी बोर्ड के 10वीं और 12वीं के स्टूडेंट्स को एग्जाम में ओएमआर (ऑप्टिकल मा‌र्क्स रिकोग्नीशन)) शीट भरेंगे। इंटरनल असेसमेंट फीडबैक सिस्टम को ऑलरेडी ऑनलाइन कर भी दिया गया है। कुल मिलाकर एग्जाम और इवेलुएशन के डिजिटलाईजेशन की इस ड्राइव में टीचर्स केवल गाइड में भूमिका में रह जाएंगे।

हो चुकी है शुरुआत

हडर्ड, सेंट थॉमस और डॉ। वीरेंद्र स्वरूप जैसे टॉप आईसीएसई बोर्ड के स्कूल्स के प्रिंसिपल्स के अनुसार किसी स्कूल बोर्ड में पहली बार एग्जाम्स में ओएमआर आंसरशीट इंट्रोड्यूस की जा रही है। इस साल पहली बार केवल कुछ क्वेश्चंस और स्टूडेंट्स का नाम, क्लास, सब्जेक्ट जैसा डेटाबेस ओएमआर शीट में भरा जाएगा। हडर्ड के प्रिंसिपल केवी विंसेंट के मुताबिक इससे बोर्ड का इवेलुएशन सिस्टम ज्यादा तेज और फूल प्रूफ हो सकेगा। वहीं स्टूडेंट्स को कॉम्पटीटिव एग्जाम्स में मिलने वाली ओएमआर शीट की प्रेक्टिस भी होगी। सेंट थॉमस स्कूल के प्रिंसिपल रोल्फी डिसूजा के अनुसार इससे भी पहले, करंट सेशन से ही स्टूडेंट्स के इंटरनल असेसमेंट के मा‌र्क्स बोर्ड को डिजिटल फार्मेट में ऑनलाइन भेजे जाने की शुरुआत हो चुकी है। जबकि पिछले साल तक कागजी फार्मेट पर स्कूलों को मा‌र्क्स भेजने पड़ते थे।

यूनिक आईडी से मिलेगा रिजल्ट

इतना ही नहीं, अब इनरोलमेंट के समय ही आईसीएसई-आईएससी बोर्ड अपने हर स्टूडेंट की एक यूनिक डिजिटल कोड (आईडी) जेनरेट करेगा। बोर्ड के सर्वर में बने स्टूडेंट डेटाबेस में ये कोड डालते ही स्टूडेंट का पूरा डिटेल दिख जाएगा। लेकिन इसकी एक्सेस केवल बोर्ड के शीर्ष अधिकारियों और चुनिंदा प्रिंसिपल्स को ही होगी। स्टूडेंट के आंसर शीट और ओएमआर शीट पर नाम, स्कूल के नाम आदि की जगह केवल यही आईडी कोर्ड लिखा रहेगा। इससे इवेलुएशन प्रॉसेस बहुत ट्रांसपेरेंट और सटीक होगा। किसी भी कॉपी जांचने वाले टीचर्स या इवेलुएटर्स को स्टूडेंट या स्कूल का नाम तो क्या, कॉपी का रीजन तक पता नहीं चल पाएगा। रिजल्ट भी अपने यूनिक कोड से केवल स्टूडेंट ही देख पाएगा, कोई और नहीं।

किताबें कम, ई-लाइब्रेरी ज्यादा

इतना ही नहीं, प्रिंसिपल्स ने बताया कि बोर्ड का कोर्सवेयर पूरी तरह ऑनलाइन होने जा रहा है। बोर्ड का हर स्कूल, स्टूडेंट्स और क्लारूम्स पूरी तरह 'स्मार्ट' हो जाएंगे। क्लास में बच्चों के हाथों में किताबों की जगह टैबलेट और लैपटकॅप दिए जाने की तैयारियां पूरी हैं। इसके लिए बोर्ड तेजी से हर सब्जेक्ट के कोर्स मैटीरियल को डिजिटलाइज करवाने में लगा है। इन कोर्सेज की ई-लाइब्रेरी होगी।

'आसमान' से सेव होगा पूरा कोर्स!

बोर्ड के ऑफीशियल्स का कहना है कि हर सब्जेक्ट का एक अलग कोड होगा। हर स्टूडेंट बोर्ड द्वारा दिए गए अपने यूनिक डिजिटल कोड और उसके आगे सब्जेक्ट कोड लगाकर अपने टैबलेट या लैपटॉप पर किसी भी सब्जेक्ट की ई-बुक खोल लेगा। बायो, केमिस्ट्रली और मैथमेटिक्स डिजिटल लाइब्रेरीज में तो शानदार थ्री डी डायग्राम्स तक होंगे। ऑनलाइन स्टडी मैटीरियल को सेव करने और एक्सेस करने के लिए 'क्लाउंड कंप्यूटिंग' जैसी आधुनिकतम प्रणाली की मदद ली जाएगी। कह सकते हैं कि पूरा कोर्स मैटीरियल एक तरह हवा में या आसमान में सेव होगा।

पढ़ाई के लिए चैटिंग और मैसेजिंग!

बोर्ड के स्कूल्स के लिए अपने-अपने इंटरएकिटव पोर्टल्स और वेबसाइटें भी तैयार करवाने के इंस्ट्रक्शंस जल्द आ सकते हैं। स्कूलों की वेबसाइटों समेत बोर्ड के नए पोर्टल पर स्टूडेंट्स के लिए बाकायदा चैटिंग और डिस्कशन फोरम (ब्लॉगिंग की तरह) बनाए जाने की योजना भी है। वहीं स्टडी रिलेटिड मैसेंजर्स भी दिए जा सकते हैं।

एक महीने से भी कम समय

फ् मार्च से इंग्लिश के पेपर के साथ आईसीएसई (क्0वीं) बोर्ड के पेपर शुरु हो जाएंगे। बोर्ड में चेंज हर चीज में दिख रहा है। इस बार स्कीम में भी ट्रेंड टूटा है, आईएससी यानि कि क्ख्वीं का पेपर इंग्लिश के बजाए आर्ट और फिजिक्स से शुरु हो रहा है।

---

आईसीएसई-आईएससी पहला बोर्ड है जो एग्जामिनेशन में ओएमआर शीट का यूज करने जा रहा है। कुछ साल में सारे ऑब्जेक्टिव टाइप क्वेचंस का जवाब ओएमआर शीट पर देने होंगे। इंग्लिश सब्जेक्ट में सबसे ज्यादा ऑब्जेक्टिव कवेश्चंस आते हैं। इंटरनल एसेसमेंट के मा‌र्क्स ऑलरेडी इस बार से फार्मेट में ऑनलाइन भेजा जाने लगा है।

-रोल्फी डिसूजा, प्रिंसिपल सेंट थॉमस स्कूल

-----

बोर्ड में 'मॉब एजेकेशन सिस्टम' से पढ़ाई का तरीका 'इंडिविजुअल एजूकेशन सिस्टम' में बदलेगा जा रहा है। इसके लिए ही क्लासरूम स्टडी से लेकर एग्जाम्स और इवेलुएशन सिस्टम तक को डिजिटलाइज किया जा रहा है। स्टूडेंट्स के हाथ में टैबलेट कंप्यूटर्स और क्लास में डिजिटल इंटरएक्शन अगले तीन साल में जगह पा लेगा।

-केवी विंसेंट, प्रिंसिपल हडर्ड स्कूल एवं सेक्रेट्री यूपी एंड उत्तरांचल आईसीएसई-आईएससी एसोसिएशन

----

बोर्ड ऑनलाइन नॉलेज बैंक और ऑनलाइन कोर्स वेयर तैयार कर रहा है। बोर्ड या स्कूल के पोर्टल स्टूडेंट्स के लिए इंटरएक्टिव प्लेटफार्म का काम करेंगे।

-उर्वशी बाजपेयी, डॉ। वीरेंद्र स्वरूप एजूकेशन सेंटर अवधपुरी