Identity proof का चक्कर होता है बहुत बुरा
अगर आपको आईडी प्रूफ के तर्ज पर इस्तेमाल की जा सकने वाली यूनिक आईडी जैसा कोई डॉक्यूमेंट लेना हो तो इसके लिए भी किसी ना किसी आईडी प्रूफ की जरुरत है। गवर्नमेंट द्वारा आम लोगो के लिए कई कार्ड इश्यू किए जाते हैं जिनका इस्तेमाल आईडी प्रूफ के तर्ज पर किया जाता है। आमतौर पर इन आईडी प्रूव्स को इश्यू करने के लिए एक फिक्स्ड टाइम फ्रेम है, पर सिटी में शायद ही इस रूल को फॉलो किया जाता है। गवर्नमेंट द्वारा इश्यू किए जाने वाले डिफरेंट आईडी कार्डस को इश्यू करने के लिए दो दिन से लेकर तीन महीने तक का टाइम फिक्स है पर हकीकत कुछ और है।

Enroll करो और भूल जाओ
कदमा के योगेश ने पिछले साल मार्च में यूआईडी के अप्लाई किया था। करीब एक साल से ज्यादा का वक्त बीत गया पर अभी तक उन्हे यूआईडी के दर्शन नहीं हुए। सिटी में ऐसे कई लोग है जो एक साल से ज्यादा समय से यूआईडी कार्ड का वेट कर रहे हैं। रुल्स के अनुसार इनरॉलमेंट के 90 दिनों के अंदर कार्ड इश्यू कर दिए जाने है पर सिटी के लोगों के लिए इस रूल का कोई मतलब नहीं। डिस्ट्रीक्ट में यूआईडी का काम देख रहे ऑफिसर भी इस लेट लतीफी से वाकिफ हैं। यूआईडी की नोडल ऑफिसर प्रिया ने बताया कि उनके सामने भी ऐसे कई मामले आए हैं जिनमें कार्ड डिलीवर होने में डेढ़ साल तक का टाइम लगा है। उन्होंने बताया कि कई बार इनरॉलमेंट के बाद एजेंंसी द्वारा डाटा का फीड करने मे देरी की जाती है जिसकी वजह से कार्ड बनने में देरी होती है। इसके अलावा पोस्टल डिपार्टमेंट की लापरवाही की वजह से भी लोगो को महीनों वेट करना पड़ता है।

कब drive करेंगे पता नहीं!
किसी भी व्हीकल के ड्राइविंग के लिए ड्राइविंग लाइसेंस का होना बेहद जरुरी है। ड्राइविंग लाइसेंस कई मौकों पर आईडी और एड्रेस प्रूफ का भी काम करती है। आमतौर पर एप्लीकेशन देने के बाद सभी डॉक्यूमेंट्स की जांच कर दो दिनों के अंदर लर्नर लाइसेंस इश्यू कर दिया जाता है पर सिटी में इसके लिए 20 दिन से लेकर एक महीने तक का समय लग जाता है। इसके अलावा पर्मानेंट लाइसेंस के लिए भी करीब एक मंथ का टाइम लग जाता है। ऐसे में जरुरत के वक्त लोगों को काफी लंबा वेट करना पड़ता है।

Voter ID बना मुसीबत
वोट डालने के साथ-साथ वोटर आईडी कई तरह के पर्पस को सॉल्व करता है। बैैंक अकाउंट ओपन करवाने से लेकर हर तरह के काम में बतौर आईडेंटिटी प्रूफ इसकी अक्सर जरुरत पड़ती है। पर सिटी में इस कार्ड को लेना भी एक टेढ़ी खीर है। डिस्ट्रीक्ट इलेक्शन ऑफिसर का कहना है कि ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करने पर दो से तीन दिनों के अंदर और वोटर लिस्ट में नाम डालने पर करीब एक महीनों के अंदर लोगो को कार्ड मिल जाता है। पर कई बार ये टाइम लिमिट काफी ज्यादा होती है। कई लोग तो चार-पांच महीने की वेटिंग की शिकायत करते हैं।

अब तो हद हो गई
डिफरेंट गवर्नमेंट स्कीम्स के तहत इसेंशियल कमोडिटीज देने के लिए एपीएल और बीपीएल फैमिलीज को राशन कार्ड इश्यू किया जाता है। इस कार्ड का इस्तेमाल आईडेंटिटी प्रूफ के तौर पर भी किया जाता है। सिटी में 2011 में राशन कार्ड बनाने के प्रक्रिया स्टार्ट की गई थी पर लगभग दो साल बीत जाने के बाद भी लोगो को अब तक कार्ड के दर्शन नही हुए। डिस्ट्रीक्ट राशनिंग ऑफिसर ने बताया कि  1 लाख 22 हजार इंट्रीज की जा चुकी है जबकी 75647 कार्ड बनने के लिए हैदराबाद रिक्वीजशन भी भेज दिया गया है। उन्होंने बताया कि दो महीनों के अंदर कार्ड मिलने शुरु हो जाएंगे। पर इस आश्वासन के बावजूद लोगो को भरोसा नहीं हो रहा।

कार्ड की डिलीवरी में देरी होने की बात मेरी नजर में भी आई है। सारी प्रक्रिया को दुरुस्त किया जाएगा।
-प्रिया, नोडल ऑफिसर, यूआईडी

यूआईडी कार्ड मिलना एक टेढ़ी खीर बन गई है। हर जगह इसकी डिमांड होती है पर कार्ड भेजने में एक-एक साल का टाइम लग दिया जाता है।
-विशाल, साकची

वोटर आईडी मिलने में पांच महीने का समय लगा और उसमें भी नाम गलत था। पांच महीने में भी सुधार नहीं हो सका।
-सुफियां, मानगो

Report by: abhijit.pandey@inext.co.in