प्लेस वन :  

धर्मशाला ओवरब्रिज के नीचे गुजरना है मना
धर्मशाला ओवरब्रिज के नीचे दोनों तरफ की पटरियां बेहद ही खराब दशा में आ गई है। इस सड़क से रोजाना 10 हजार से ज्यादा व्हीकल गुजरते हैं। सुबह छह बजे शुरू होने वाली सड़क पर आधी रात तक ट्रैफिक का प्रेशर होता है। धर्मशाला बाजार, गोरखनाथ, रेलवे स्टेशन इत्यादि जगहों से गोलघर को यह सड़क जोड़ती है। जाम की प्रॉब्लम को देखते हुए इसको वन वे कर दिया लेकिन सड़क का एक हिस्सा डैमेज होने से नक्को बाबा मजार की तरफ से ही आवागमन होता है। इस वजह से यहां पर भी जाम लगता है।  

हाल क्या सड़क का ना पूछो .
पानी बरसने के बाद इस सड़क से गुजरना मुश्किल हो जाता है। साइकिल, बाइक, कार और टेंपो में थोड़ी गनीमत रहती है। लेकिन पैदल निकले हैं तो बारिश होने के बाद इस रास्ते से गुजरने पर इतना जरूर ख्याल रखें कि पालीथिन में एक सेट कपड़ा जरूर हो। वरना आफिस जाने लायक सूरत नहीं बचती है। संडे को हुई बरसात में इस सड़क पर लोगों को घुटने भर पानी में चलना पड़ा। नाले का पानी भी इस रास्ते से बह रहा था। सड़क की हालत से बच्चों को काफी परेशानी हुई।

क्या कहते हैं जिम्मेदार
धर्मशाला ओवरब्रिज के नीचे सड़क की मरम्मत की मांग कई बार की गई। इसके बारे में जब जीएमसी को चिट्ठी लिखी गई तो अफसर जागे। यह कहना है पार्षद अजय राय का, उन्होंने बताया कि कई बार शिकायत करने पर किसी तरह से सड़क के मरम्मत के लिए टेंडर की प्रोसेस शुरू हुई। अभी काम कब शुरू होगा। इसके बारे में पता नहीं है।

प्लेस टू:


जोखिम में रहती है बच्चों की जान
सिटी माल से कार्मल स्कूल की तरफ जाने वाला रास्ता पब्लिक को डराता है। पॉश इलाके की इस सड़क की हालत भी कुछ ऐसी है। गोलघर से सिटी माल होते हुए रेलवे स्टेशन, बस स्टेशन और पुलिस लाइन जाने वाले इस रास्ते की खस्ता हालत पर अफसर गंभीर नहीं है। यह सड़क कार्मल स्कूल और सेंट जोसेफ स्कूल के बच्चों के लिए महत्वपूर्ण है। बच्चों को ले जाने वाले ऑटो रिक्शा, रिक्शा और व्हीकल यहां से गुजरते हैं।

घर के बजाय नाले पहुंच जाएंगे
गड्डों वाली सड़क पर बच्चों की जान हमेशा जोखिम में रहती है। कभी भी कोई व्हीकल हादसे का शिकार हो सकता है। संडे हो या मंडे इस रास्ते पर व्हीकल का तांता लगा रहता है। बारिश में इस सड़क के गड्ढों पर पानी भर जाता है। पानी भरने से कोई भी व्हीकल नालों में फिसल कर जा सकती है। दिन में इस रास्ते की हालत ऐसी होती है कि घर को निकला आदमी अचानक नाले में पहुंच जाए।

क्या कहते हैं पार्षद
यह एरिया भी सिविल लाइंस में आता है। एरिया के पार्षद अजय राय इस सड़क की गंभीरता को लेकर काफी परेशान हैं। अजय का कहना है कि दोनों तरफ नालों वाले इस सड़क में गड्ढे होने से कभी भी हादसे हो सकते हैं। काफी प्रयास के बाद इस सड़क को सीआरएफ के तहत बनने के लिए प्रपोजल भेजा गया है। लेकिन बरसात के पहले सड़क की मरम्मत हो पाना संभव नहीं दिखता है।

प्लेस थ्री :  


दाउदपुर मोहल्ले में गायब है सड़क
कबाड़ी गली से होकर इंदिरा नगर में हाइवे से जुड़ने वाली सड़क का पता नहीं है। मोहल्ले में बारिश के बाद लोगों को काफी दिक्कत होती है। वाटर लॉगिंग की वजह से यहां की सड़क टूटकर लापता हो गई है। इंदिरा नगर की तरफ से आने जाने में पब्लिक के साथ स्टूडेंट को काफी प्रॉब्लम झेलनी पड़ती है। इस मोहल्ले में यूनिवर्सिटी के स्टूडेंट के साथ ही कॉम्प्टीशन की तैयारी करने वाले सैकड़ों स्टूडेंट रहते हैं। इस एरिया में हॉस्टल भी हैं। बावजूद इसके सड़क की मरम्मत को लेकर अफसर गंभीर नहीं है।

दो फिट पानी में होती है मुश्किल
इस मोहल्ले में आसपास के मकान ऊंचे हैं। बीच में इकलौती सड़क बची हुई जिसको खोजना मुश्किल हो जाता है। पानी बरसने के बाद उस रास्ते से गुजरने वाले नये राहगीर हमेशा परेशान होते हैं। मोहल्ले के लोग अपने बच्चों को घर से बाहर नहीं निकलने देते हैं। पांच मिनट की मूसलधार बारिश में ऐसा हाल हो जाता है कि लोग जिम्मेदारों को कोसते हैं।

क्या कहते हैं जिम्मेदार
मोहल्ले के पार्षद देवेंद्र कुमार उर्फ पिंटू का कहना है कि करीब दो सौ मीटर सड़क की हालत बेहद खराब है। इसके लिए शासन में दो-दो बार लिखा गया। प्रपोजल भी बनाया गया लेकिन बजट के अभाव में काम नहीं हो सका। सीसी रोड का कंस्ट्रक्शन कराने के लिए करीब 32 लाख का बजट बनाया गया है। पार्षद का कहना है कि वे प्रयास कर रहे हैं कि बरसात के पहले कुछ काम हो जाए।

प्लेस फोर:

बर्दाश्त से बाहर है 100 मीटर का दर्द
आर्यन हास्पिटल से नहर पुल तक जाने वाली सड़क पर लगभग 100 मीटर सड़क लोगों के लिए प्रॉब्लम बन गई है। चौराहे से आर्यन हास्पिटल तक सीसी रोड बना दिया गया है। लेकिन इसके आगे से हाइवे तक जाने वाली सड़क इतनी खराब है कि पब्लिक की हालत खस्ता हो जाती है। पानी बरसने के बाद सड़क पर चलना मुश्किल हो जा रहा है। संडे को आर्यन हास्पिटल के पास से लेकर हाइवे तक पब्लिक की खूब दुर्गति हुई।

यहां कौन कराएगा काम
पब्लिक एक दूसरे से यह सवाल प्छती है कि यह सड़क कौन बनवाएगा। यहां पर सड़क के एक हिस्से में विधायक निधि से सीसी कराया गया है। करीब पांच हजार की आबादी के साथ ही कैंट थाना, बेतियाहाता, इंद्रानगर मोहल्ले को जोड़ने वाली सड़क में 100 मीटर सीसी रोड का काम हो जाता तो पब्लिक को राहत मिलती।

लावारिस है 100 मीटर सड़क
एरिया के पार्षद संजय यादव ने बताया कि एरिया में न होने की बात कहकर विधायक ने इस सड़क को बनवाने से मना कर दिया है। यह सड़क हमारे वार्ड में भी नहीं है। लेकिन पब्लिक की प्राब्लम को देखते हुए मैं इसके निर्माण के लिए कोशिश करूंगा। बरसात के पहले सड़क का काम पूरा होना मुश्किल दिखता है।

इन सड़कों को भी मरम्मत की है दरकार
सिटी में रेलवे स्टेशन रोड की हालत भी ठीक नहीं है। वर्ल्ड क्लास गोरखपुर जंक्शन के बाहर निकलने पर यात्री परेशान हो जाते हैं। बरसात के बाद लोग यहां की सूरत देखकर सिटी के डेवलपमेंट पर तरस खाते हैं। गोरखनाथ के रसूलपुर मोहल्ले में, एमपी पालीटेक्निक के सामने, राजेंद्र नगर, शताब्दीपुरम, विकास नगर, राप्ती नगर, जंगल तुलसी राम बिछिया, गोपलापुर, सूरजकुंड, आजाद चौक सहित एक दर्जन से अधिक जगहों पर सड़कों के मरम्मत की जरूरत है। लेकिन इन पर अफसर ध्यान नहीं दे रहे हैं। सड़कों की मरम्मत न होने का खामियाजा पब्लिक भुगत रही है। रेलवे स्टेशन रोड की हालत ऐसी हो गई है रात में रिक्शा सवार कब गिर जाएं। इसका कोई भरोसा नहीं है।

मैंने कंस्ट्रक्शन डिपार्टमेंट की फाइलें मंगवाई हैं। इनमें बरसात के पहले किन सड़कों की मरम्मत जरूरी है। किन सड़कों के प्रपोजल पास हुए है। किनके टेंडर हो चुके हैं। बजट के अभाव में कितना काम बाकी है। इत्यादि बिंदुओं पर जांच कर रहा हूं। पब्लिक की प्राब्लम को प्राथमिकता पर रखते हुए जीएमसी में डेवलपमेंट के काम कराए जाएंगे।
आरके त्यागी, नगर आयुक्त