- बीच में एग्जाम छोड़कर गायब हुआ आईईआरटी की संदिग्ध हालात में मौत

- बेहोशी की हालत में रिक्शे वाले ने पहुंचा था अस्पताल, नहीं बचा सके डॉक्टर

- साथी की मौत से भड़के इंजीनियरिंग के छात्र, पहुंची फोर्स

ALLAHABAD: आईईआरटी के छात्र चंद माह पहले बीटेक छात्र की संदिग्ध परिस्थिति में हुई मौत को अभी भूल नहीं पाए थे कि एक और साथी ने दुनिया छोड़ दी। मंगलवार को कैंपस में इंजीनियरिंग सेकेंड इयर की परीक्षा को बीच में ही छोड़कर गायब हुआ छात्र जब परिजनों व साथियों को मिला तो इसकी सांसों की डोर टूट चुकी थी। घटना से जहां परिजनों में कोहराम मच गया वहीं साथियों का गुस्सा उमड़ पड़ा हालात को संभालने के लिए पुलिस प्रशासन को खासी मशक्कत करनी पड़ी।

इंजीनियरिंग का छात्र

गाजीपुर का रहने वाले देवेंद्र मिश्र का बेटा गिरीश आईईआरटी से इलेक्ट्रानिक इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहा था। वह सेकेंड ईयर का छात्र था। मंगलवार दोपहर दो बजे से उसकी सेमेस्टर परीक्षा चल रही थी। परीक्षा शरू होने के आधे घंटे बाद वह टायलेट जाने के बहाने निकला और गायब हो गया। शाम तक नहीं लौटा तो साथियों ने उसकी खोजबीन शुरू की। साथ ही उसके परिजनों को सूचना दी।

भोर में पहुंचे घर वाले

साथियों की सूचना पर गिरीश के घर वाले बुधवार की भोर इलाहाबाद पहुंच गए। खोजबीन के बाद बेटे का पता न चलने पर गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराने शिवकुट थाने पहुंच गए। यहां पुलिस ने बताया कि एसआरएन स्थित मोर्चरी में एक लावारिस लाश रखी है। परिजन जब मोर्चरी पहुंचे तो सामने गिरीश की लाश देखकर उनके पैरों तले जमीन खिसक गई।

रिक्शे वाले ने पहुंचाया था अस्पताल

वहां एसआरएन पुलिस चौकी से जानकारी मिली कि गिरीश रामबाग रेलवे स्टेशन के पास अचेत पड़ा था। उसे भीम नाम के एक रिक्शा चालक ने रिक्शे में लादकर एसआरएन पहुंचाया था। लेकिन डॉक्टर उसे बचा नहीं सके।

भड़क उठे छात्र

इधर गिरीश की लाश मिलने की जानकारी जब आईईआरटी तक पहुंची तो छात्र आक्रोशित हो उठे। पहले भी एक साथी को खो चुके छात्रों की भीड़ पोस्टमार्टम हाउस पर उमड़ पड़ी। छात्र इस बार भी कॉलेज प्रशासन की लचर व्यवस्था को लेकर आक्रोश जता रहे थे। छात्रों का आक्रोश देखते हुए मौके पर भारी संख्या में फोर्स बुला ली गई। छात्रों को किसी तरह समझाया गया। अपर आयुक्त एसीएम हरि ओम शर्मा सहित कालेज के डायरेक्टर सहित अन्य अधिकारी मौजूद रहे। मृत छात्र का बिसरा प्रिजर्ब कर पुलिस कस्टडी में दारागंज में शव का अंतिम संस्कार कराया गया।

पिता ने कहा तुम न बनना गिरीश

बेटे गिरीश की अचानक मौत से सदमे में आए देवेंद्र के आंसू थमने का नाम नहीं ले रहे थे। गिरीश के साथियों से कहा कि बेटे को इंजीनियर बनाने का सपना देखना पड़ा। लेकिन न जाने ऐसा क्या हुआ कि आज ये दिन देखना पड़ रहा है। बेटे को खो चुके देवेंद्र ने छात्रों से कहा कि तुम लोग ऐसा न करना। क्योंकि जवान बेटे को खोने का गम मां-बाप को जीते जी मार देता है। यह सुनकर सभी की आंखें भर आई।