-आईआईटी के टिप्स फ्रॉम द टॉप में सीनियर ने जूनियर को दिए सक्सेस मंत्र

-आईएफएस, आईएएस व आईपीएस ने शेयर की अपनी सक्सेस स्टोरी

KANPUR:

सिविल सर्विसेज की फील्ड में करियर बनाना बहुत ज्यादा मुश्किल नहीं है, बस इसके लिए थारोली स्टडी के साथ साथ बेसिक क्लियर होना बहुत जरूरी है। अगर आपमें स्पार्क हैं और सपने हैं तो फिर सिविल सर्विस की फील्ड बहुत अच्छी है। ध्यान इस बात का रखना चाहिए कि आप जिस फील्ड में जाएं उसमें पूरी शिद्दत के साथ काम करेंगे तो सफलता मिलना तय है। यह विचार आईआईटी के आडिटोरियम में पूर्व आईआईटियंस आईजी अमिताभ यश, 2013 बैच के सिविल सर्विसेज के टॉपर गौरव गुप्ता और रिटायर आईएफएस एसआर तायल ने व्यक्त किए।

जहां चाह है वहां राह है

जयपुर के रहने वाले सिविल सर्विसेज 2013 बैच के टॉपर रहे आईआईटियन गौरव अग्रवाल जहां चाह है, वहां राह है कि थ्योरी पर चलते हैं। उन्होंने बताया कि सीएस में बीटेक की डिग्री 2005 में ली थी। इसके बाद आईआईएम लखनऊ से मैनेजमेंट की डिग्री हासिल की और सवा करोड़ के पैकेज पर जॉब करने हांगकांग चला गया। वहां भी मन नहीं लगा और इयर 2011 के आखिरी में रिजाइन करके वापस इंडिया आया और सिविल सर्विसेज की तैयारी की और 2012 में नेशनल लेवल पर 244वीं रैक हासिल कर आईपीएस बना, लेकिन आईएएस का सपना अभी पूरा नहीं हुआ था। इसलिए फिर 2013 का एग्जाम दिया और नेशनल टॉपर बन गया। राजस्थान कैडर मांगा जो कि मिल गया।

सिविल सर्विसेज बेहतर विकल्प

आईआईटियन से आईपीएस बने अमिताभ यश ने जूनियर से सीधे कहा कि कॉम्पटीशन टफ है, लेकिन अगर मन लगाकर तैयारी करोगे तो सफलता मिलना तय है। जो भी करो दिल से करो। आईआईटियन रहे आईआरएस सलिल मिश्रा ने आडिटोरियम मे कहा कि सिविल सर्विसेज की फील्ड में जॉब की अपार संभावनाएं हैं। रिटायर आईएफएस एस आर तायल ने आईआईटी से इयर 1973 में केमेस्ट्री की डिग्री ली थी। इसके बाद 1975 में सिविल सर्विसेज का एग्जाम दिया, जिसमें कि 9वीं रैंक मिली थी। उस टाइम यूपी कैडर मांगा था, लेकिन मुझे केरल मिला तो वहां न जाकर विदेश सेवा में चले गए। तीन साल तक चीफ इंडियन पासपोर्ट अफसर रहा। कई देशों में उच्चायुक्त रहा। आए हुए गेस्ट का वेलकम आनंद द्विवेदी ने किया।