कैसे करती है काम
बताया जा रहा है कि बेहद लचीली इस पट्टी को किसी भी तरह की बाहरी ऊर्जा की जरूरत नहीं पड़ेगी. अब इस उपकरण के लिए विकसित लचीले जैविक अवयवों को पहनने में इस्तेमाल किया जा सकता है. ये अवयव उपचार प्रणाली से संबंधित अहम लक्षणों का लगातार निरीक्षण करते रहते हैं. ये लक्षण होते हैं जैसे तापमान का कम या ज्यादा होना, हृदयगति का लगातार कम या ज्यादा होना.

कुछ ऐसी है खास जानकारी
जानकारी देते हुए टोक्यो विश्वविद्यालय के ग्रेजुएट स्कूल ऑफ इंजीनीयरिंग के टकाओ सोमेया ने बताया कि बुखार होने पर सचेत करने के लिए बांह पर बांधे जाने लायक यह पट्टी पूरी तरह से साबित करती है कि स्वास्थ्य से संबंधित अहम जानकारियां एकत्रित करने के लिए लचीले डिस्पोजेबल उपकरणों को हर तरह से विकसित किया जा सकता है.

जैविक ऊर्जा से चलने वाला पहला उपकरण
इस उपकरण को इस तरह से भी विकसित किया जा सकता है कि यह बुखार होने पर सूचित करे या शरीर के तापमान के साथ-साथ शरीर के रक्तदाब या हृदयगति से जुड़ी जरूरी जानकारियां प्रदान करे. कहा जा रहा है कि कई अन्य मायनों में यह पट्टी बिल्कुल नई उपलब्धियों में से एक है. वैज्ञानिकों का कहना है कि यह ऐसी पहली जैविक सर्किट है जो ध्वनि को पैदा कर सकती है. इसके साथ ही यह भी बताया गया कि जैविक ऊर्जा से चलने वाला यह अपने आप में पहला उपकरण साबित हुआ है.

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