PATNA: अब राज्य में मॉब लिचिंग और मॉब वायलेंस में पीडि़त को राहत राशि दी जाएगी। यह राशि एक लाख से तीन लाख रुपए तक होगी। इसे कैबिनेट ने बिहार ¨हसा पीडि़त प्रतिकार स्कीम-2018 को तुरंत प्रभाव से लागू कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के आलोक में तैयार किए गए इस प्रावधान के तहत मॉब लिंचिंग एवं मॉब वायलेंस में मृत या घायल व्यक्ति के लिए मुआवजा तय किया गया है। कैबिनेट सचिव संजय कुमार ने बताया कि प्रावधान के लागू होने पर अब भीड़ द्वारा पीट-पीटकर हत्या, प्राणदंड या ¨हसा की स्थिति में पीडि़तों को राज्य सरकार की ओर से मुआवजे का भुगतान किया जाएगा।

एसएसपी बने नोडल अधिकारी

भीड़ द्वारा हत्या की घटनाओं को रोकने के लिए एसएसपी-एसपी को नोडल अधिकारी बनाया गया है। इस तरह की वारदात में फौरन कार्रवाई की व्यवस्था की गई है। अनुसंधान पूरा करते हुए दोषियों के खिलाफ जल्द से जल्द चार्जशीट दायर की जाएगी। घटना को रोकने में पुलिस के स्तर से लापरवाही बरतने पर भी सख्त कार्रवाई की जाएगी।

ऐसी होगी प्रक्रिया

-घटना की तारीख से 1 माह के भीतर 1 लाख रुपए की राशि अंतरिम राहत के रूप में दी जाएगी।

-मामले की सुनवाई भी फास्ट ट्रैक कोर्ट में होगी

-मामले को 6 महीने के भीतर खत्म करना होगा।

-पीडि़त परिवार को दो लाख रुपए की अतिरिक्त राशि दी जाएगी।

-पीडि़त-प्रभावित परिवार को अधिकतम तीन लाख रुपए का मुआवजा मिलेगा।

-गंभीर रूप से घायल की स्थिति में पीडि़त को अधिकतम एक लाख देने का प्रावधान है।

-मानसिक आघात की स्थिति में 25 हजार मिलेंगे।