PATNA : गुरुजी की लेट लतीफी पर अब शिक्षा विभाग की नजर होगी। देर से स्कूल आने वाले शिक्षकों की अब खैर नहीं। स्कूल एजुकेशन के गिरते स्तर और ड्रॉप आउट रेट को लेकर शिक्षा विभाग चिंतित है और इसके लिए विभाग ने शिक्षकों को दोषी माना है। गुरुजी के देर से आने के कारण समय से पढाई नहीं हो पती है और बच्चों में शिक्षा के प्रति जागरुकता भी नहीं आती है। अब विभाग गुरुजी पर सख्ती की तैयारी में है।

ग्रामीण क्षेत्रों के गुरुजी आते हैं लेट

हाल ही में शिक्षा विभाग द्वारा प्रदेश के विभिन्न प्राथमिक और माध्यमिक स्कूलों में कराए गए एक सर्वे में यह बात आई कि शहरों के सरकारी स्कूलों की तुलना में ग्रामीण क्षेत्रों में मास्टर देर से स्कूल पहुंचते हैं। इसकी वजह है कि मास्टर साहब अमूमन पास-पड़ोस के शहर में रहते हैं और अधिकांश समय स्कूल विलंब से पहुंचते हैं। नतीजा बच्चों को भुगतना पड़ता है।

डीईओ हर रोज जानेंगे शिक्षकों के अटेंडेंस

बताया जाता है कि इस बात को देखते हुए शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव ने सभी जिलों के जिला शिक्षा अधिकारी (डीईओ) को निर्देश जारी किया है। निर्देश में कहा गया है कि स्कूल के प्रिंसिपल प्रत्येक दिन जिले के डीईओ को रिपोर्ट देंगे। रिपोर्ट में इस बात का जिक्र होगा कि स्कूल का समय कितने बजे से था और शिक्षकों के आने और जाने का समय क्या।

लेट आए तो होगी कार्रवाई

ग्रामीण क्षेत्रों में इस व्यवस्था का कड़ाई से पालन करने का निर्देश दिया गया है। सूत्रों ने बताया कि प्रधान सचिव ने जिलों को भेजे अपने आदेश में साफ किया है कि प्रधानाध्यापक की रिपोर्ट के आधार पर डीईओ विलंब से आने वाले मास्टर साहब को पहले शो कॉज नोटिस जारी करेंगे। यदि नोटिस के जवाब में विलंब से आने का उचित कारण स्पष्ट नहीं होता है तो ऐसी स्थिति में लेट-लतीफी के शिकार शिक्षकों के वेतन से राशि की कटौती की जाएगी।