टीबी के मरीजों के लिए शासन ने जारी की नई योजना

अब टीबी के सभी मरीजों की होगी ऑनलाइन मॉनिटरिंग

Meerut। ट्यूबरकुलोसिस यानी टीबी का इलाज पूरा न करवाने वाले मरीजों पर लगाम कसने के लिए शासन ने नई योजना जारी की है। इसके तहत अगर मरीज इलाज पूरा नहीं करवाता है तो उसकी प्रोत्साहन राशि बीच में ही रोक दी जाएगी। हालांकि अभी तक एक बार रजिस्टर्ड होने पर मरीज को पूरे कोर्स की राशि दी जा रही थी। साथ ही सभी मरीजों की ऑनलाइन मॉनिटरिंग भी की जाएगी।

ये है वजह

शासन की ओर से 2025 तक टीबी मुक्त भारत बनाने का लक्ष्य रखा गया है। इसके तहत सरकार ने टीबी के मरीजों को इलाज करवाने के लिए प्रोत्साहन राशि का प्रावधान कर रखा है। मगर कुछ मरीज रजिस्ट्रेशन करवा लेते हैं लेकिन नियमित इलाज नहीं करवाते हैं। ऐसे मरीजों पर लगाम कसने के लिए ये योजना जारी की गई है। शासन की ओर से हर महीने मरीज को 500 रूपये पोषण भत्ता के तौर पर दिए जाते हैं। रेग्यूलर मरीज को 6 महीने और एमडीआर मरीज को 2 साल का दवाइयों का कोर्स पूरा करना होता है।

प्राइवेट क्लीनिक व अस्पतालों में मिले टीबी के मरीज

2018 से अब तक- 4000 लगभग

सरकारी टीबी के मरीज

2019 जनवरी से अब तक- 2000 से अधिक मरीज

2018 - 8112

2017 - 6898

2016- 6698

2015- 6536

2014- 6302

2013- 6349

यह है टीबी

ट्यूबरकुलोसिस यानी टीबी माइक्रोबेसिल्स ट्यूबरकुलोसिस बैक्टीरिया की वजह से होती है। अधिकतर मामलों में यह सांस व हवा से फैलती है। टीबी का यह बैक्टीरिया फेफड़ों के अलावा अन्य अंगों पर वार करता हैं, तो एक्सट्रा पल्मोनरी टीबी हो सकता है। एक्सप‌र्ट्स के मुताबिक नाखूनों के अलावा शरीर के किसी भी अंग में टीबी हो सकता है।

टीबी को पूरी तरह से खत्म करने के लिए शासन ने ये योजना जारी की है। इसके तहत मरीज के इलाज की पूरी मॉनिटरिंग ऑनलाइन होगी। जिससे किसी तरह की गड़बड़ी नहीं रहेगी।

डॉ। एमएस फौजदार, जिला टीबी अधिकारी, मेरठ