भारतीय स्टेट बैंक में होगा 6 बैकों का विलय

6 बैंकों के विलय के बाद एसबीआई का एसेट बेस करीब 37 लाख करोड़ रुपए होगा। एसबीआई को 22500 ब्रांच और 58 हजार नये एटीएम भी होंगे। नए बैंक के 50 करोड़ से ज्यादा कस्टमर होंगे। जिसके साथ एसबीआई दुनिया के टॉप-50 बैंकों में शामिल हो जाएगा। आरबीआई की माने तो एक अप्रैल 2017 से स्टेट बैंक ऑफ बीकानेर एंड जयपुर, स्टेट बैंक ऑफ त्रावणकोर, स्टेट बैंक ऑफ मैसूर, स्टेट बैंक ऑफ पटियाला, स्टेट बैंक ऑफ हैदराबाद, भारतीय महिला बैंक का विलय हो जाएगा। साथ ही उनके कस्टमर एसबीआई के बन जाएंगे।

लोन इंट्रेस्ट रेट में हो सकता है बदलाव

एसबीआई के पूर्व सीजीएम सुनील पंत ने बताया कि ज्यादातर सर्विसेज कस्टमर के पहले जैसे ही रहेंगी। कुछ बैंकों की स्पेशल स्कीम की बात हो तो उसको लेकर नए प्रॉविजन बैंक को करने होंगे। इसके अलावा 5 बैंकों के एमसीएलआर, एसबीआई से अलग हैं। ऐसे में इन बैंकों के कस्टमर के होम लोन, कार लोन, पर्सनल , ऑटो लोन, बिजनेस लोन सहित दूसरे लोन के इंटरेस्ट रेट अलग हैं। एसबीआई के पास दो ऑप्शन है। पहला यह कि वह एक अप्रैल से सभी के इंटरेस्ट रेट री-सेट करें। या फिर जब एमसीएलआर के रिन्यूअल का समय आए तब एसबीआई के अनुसार उनके रेट तय होंगे।

एसबीआई ने घटाई ट्रांजैक्शन की लिमिट

डिपॉजिट रेट्स पर भी बदलाव का असर होगा। SBI एक अप्रैल से होम ब्रांच में कैश ट्रांजैक्शन की लिमिट घटा रहा है। तीन ट्रांजैक्शन के बाद कस्टमर को चार्ज देना होगा। प्राइवेट बैंकों की तरह एसबीआई ने मंथली एवरेज बैलेंस सिस्टम भी लागू कर दिया है। इसके तहत मेट्रो शहरों में कस्टमर के 5000 रुपए का बैलेंस मेंटेन करना होगा। जिसमें नई नई दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, चेन्नई, हैदराबाद और बंगलुरू शामिल हैं। जबिक शहरी ब्रांचेज के कस्टमर के लिए 3000 रुपए, अर्ध शहरी के लिए 2000 और ग्रामीण ब्रांचेज के लिए 1000 रुपए मंथली एवरेज बैंलेंस लागू होगा।

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