पढ़ाई के साथ शारीरिक व मानसिक हेल्थ पर भी दें ध्यान

ब्रह्मचर्य का पालन करें, सेक्सुअल प्रॉब्लम को गंभीरता से लें

PATNA: शहर के जाने-माने डॉक्टर पद्मश्री एसएन आर्या की उम्र है 83 साल। इस उम्र में भी वे काफी एक्टिव हैं। सप्ताह में चार दिन पैसे लेकर मरीज देखते हैं और दो दिन मुफ्त में। सुबह से जो दिनचर्या शुरू होती है, वह रात तक चलती है। किसी यूथ से कम काम नहीं करते डॉ आर्या। यूथ डे को लेकर वे कहते हैं कि युवा पढ़ाई पर खूब ध्यान दें। शारीरिक व मानसिक स्वास्थ्य को भी जरूरी समझें। संतुलित भोजन करें। रोज एक घंटा सूर्योदय के तुरंत बाद तेज से टहलें या साइकिल चलाएं।

निश्चित करें कि आपको क्या करना है?

कांपटीशन का युग है, इसलिए पहले से निश्चित कर लें कि क्या बनना है। इसके बाद लक्ष्य प्राप्ति की भरपूर चेष्टा करें। एक घंटे देह को और सप्ताह में एक घंटा देश, धर्म व मानवता को दें। अपना चरित्र ऐसा उज्ज्वल बनाएं, जो दूसरों के लिए अनुकरणीय हो। अक्षर ज्ञान ही केवल पर्याप्त नहीं है। अच्छा मानव, देशभक्त मानव बनने के लिए अच्छे संस्कारों को ग्रहण करना भी जरूरी है।

नशे के चंगुल में हैं यूथ

डॉ आर्या कहते हैं कि यूथ के सामने कई तरह की परेशानियां नशा की वजह से आ रही हैं। उनका हेल्थ इस वजह से बुरी तरह से इफेक्टेड हो रहा है, इसलिए बीड़ी, सिगरेट, पान, जर्दा, खैनी, गुटखा, पान-मसाला, नशीली दवा, शराब, बीयर की आदतें बिल्कुल नहीं डालें।

फ्रस्टेशन में जी रहे यूथ

वे कहते हैं कि यूथ की बड़ी संख्या फ्रस्टेशन की शिकार है। यूथ फ्रस्टेशन की वजह से ही सुसाइड भी कर रहे हैं। एक डॉक्टर के रूप में मैं सोचता हूं कि जो यूथ अपने एग्जाम में अच्छा नहीं कर पाते या लाइफ में सफल नहीं हो पाते या फिर जीवन में सक्सेस नहीं कर पाते, उनके अंदर फ्रस्टेशन बढ़ जाता है। वैवाहिक कलह खासकर लिव-इन-रिलेशन में डिप्रेशन व सुसाइड जैसे मामले ज्यादा दिखते हैं, इसलिए स्टूडेंट लाइफ में भगवान की प्रार्थना नियमित करें। योग व खुली हवा में टहलें या तैराकी करें। इससे आपमें आत्मबल बढ़ेगा और आप जीवन की कठिनाइयों से घबराएंगे नहीं।

पेरेंट्स का प्रेशर काफी है

पेरेंट्स की उम्मीदें स्टूडेंट्स से काफी रहती हैं नतीजा ये कि पैरेंट्स के प्रेशर से स्टूडेंट्स परेशानी में हैं। पैरेंट्स को भी समझना चाहिए कि विफलता सफलता की सीढ़ी है। युवाओं को चुनौतियों को अवसर में बदलने की कोशिश करनी चाहिए। धर्म, अर्थ काम और मोक्ष को यूथ समझें। धन-लिप्सा से बचें। धर्म के साथ धन कमाना चाहिए। नाजायज धन नहीं कमाना चाहिए।

सरकारी नौकरी नहीं मिली, तो क्या हुआ

ज्यादातर यूथ को गवर्नमेंट जॉब की चाहत होती है, लेकिन मैं कहता हूं कि अगर सरकारी नौकरी नहीं मिली तो चिंतित ना हों। स्वरोजगार करें। पेरेंट्स को रुचि के अनुसार प्रोफेशन में बच्चों को जाने देना चाहिए। जो यूथ लक्ष्य तय नहीं कर पाते, उन्हें क्लीनिकल साइक्लोजिस्ट से सलाह लेनी चाहिए। इस तरह का कोई भी प्रॉब्लम हो तो क्वैक्स के पास न जाएं। यूरोलॉजिस्ट के पास जाएं। स्टूडेंट्स लाइफ में ब्रह्मचर्य का पालन करें।

Profile

डॉ एसएन आर्या मानते हैं कि कोई महापुरुष ऐसे ही नहीं होते हैं, इसलिए आज के यूथ को स्वामी विवेकानंद, दयानंद सरस्वती, भगत सिंह, वीर सावरकर, गांधी जैसे महापुरुषों की जीवनियों से प्रेरणा लेनी चाहिए। महापुरुषों से सीखना चाहिए।