PATNA : योजना विभाग का जो पैसा लेकर आए हो, बताओ कहां है। लॉकर की चाबी दे दो वरना तुम्हारे पूरे परिवार को खत्म कर देंगे। यह धमकियां किसी आम आदमी के घर के अंदर नहीं दी जा रही थी। योजना विभाग के अवर सचिव के घर को बदमाशों ने अपने कब्जे में ले रखा था। मोहल्ला भी कोई आम नहीं था, सचिवालय थाने का सरकारी बंगला था। दिन भी कोई ऐसा नहीं, स्वतंत्रता दिवस के एक दिन पहले की वारदात। जब पुलिस का दावा था कि हमने शहर को छावनी बना रखा है। वहीं इस बंगले में दो घंटे तक लूट होती रही। विरोध करने पर अवर सचिव को गोली मार दी गई और बदमाश भाग निकले। इस घटना ने पुलिस की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं।

लुटेरों से जीते, सिस्टम से हारे

राजीव घायल हालत में ही उस कमरे को बाहर से खोला, जिसमें उनकी वाइफ और बेटी बंद थी। राजीव कुमार के शोर मचाने पर पड़ोसी संतोष कुमार के साथ आसपास के लोग वहां पहुंच गए। उन्हें तत्काल इलाज की आवश्यकता थी लेकिन सिस्टम ऐसा कि एम्बुलेंस के लिए 108 पर काल करते करते संतोष कुमार थक गए लेकिन एंबुलेंस नहीं मिली। संतोष खुद अपनी गाड़ी से राजीव कुमार को लेकर पाटलिपुत्रा स्थित रूबन हॉस्पिटल पहुंचे। इलाज के दौरान राजीव की मौत हो गई।

पटना के आर ब्लॉक रोड नंबर 2 में क्वार्टर नंबर 4. यह बंगला योजना विभाग के अवर सचिव राजीव कुमार का है। वे पत्‍‌नी रंजना देवी और बेटी अंतरा के साथ यहां हंसी खुशी रहते थे। सोमवार की रात तीनों लोग खाना खाकर सोने गए। यह उनकी ऐसी रात थी जिसकी कभी सुबह नहीं होने वाली थी।

बेटी को बचाने के लिए लड़े

-मंगलवार प्रात: 4:00 बजे के करीब चार-पांच हथियारबंद अपराधी घर में घुसे।

-घर में प्रवेश करते ही उन्होंने पहले पूरे घर को चारों तरफ से बंद कर अपने कब्जे में ले लिया।

-फिर राजीव, उनकी पत्नी और बेटी को एक साथ लाकर बंदूक की नोंक पर एक साथ बैठा दिया।

-बदमाश बार-बार कहने लगे जिंदा रहना है तो लॉकर की चाबी दे दो। वरना पूरे परिवार को मार डालेंगे।

-जब राजीव ने चाबी नहीं दी उनकी बेटी अंतरा को अपराधियों ने पिस्तौल के बल पर अपने कब्जे में ले लिया

-बेटी के साथ कुछ गलत न हो, उसे बचाने के लिए राजीव बदमाश से भिड़ गए।

-बदमाशों ने राजीव के अटैक करने पर उन्हें गोली मार दी।

-जब राजीव बिस्तर पर खून से लथपथ तड़प रहे थे, उस दौरान बदमाशों ने अलमारी और लॉकर तोड़कर लूटपाट भी की।

-लूटपाट के बाद अपराधियों ने बाहर निकलने वाले सभी दरवाजों को बाहर से बंद कर दिया।