- कम खर्च व नई तकनीक से राजकीय आयुर्वेदिक हॉस्पिटल्स में मिलेगा इनफर्टिलिटी का इलाज , डॉक्टर्स किए जा रहे ट्रेंड

KANPUR : इस समय मैरिड कपल में डॉक्टर्स को जो सबसे बड़ी प्रॉब्लम देखने को मिल रही है, वो इनफर्टिलिटी है। इस बीमारी के चलते कपल संतान प्राप्त नहीं कर पाते हैं। अब ऐसे कपल को परेशान होने की जरूरत नहीं है, क्योंकि जिले में उन्हें कम खर्च में सटीक इलाज देने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने आयुर्वेदिक हॉस्पिटल्स में तैनात डॉक्टर्स को ट्रेनिंग देना भी शुरू कर दिया है।

समय के साथ खत्म होगी बीमारी

गीतानगर राजकीय आयुर्वेदिक हॉस्पिटल की चिकित्साधिकारी डॉ। अर्पिता सी। राज के अनुसार आयुर्वेद में इनफर्टिलिटी का 100 प्रतिशत इलाज है। उन्होंने बताया कि आयुर्वेद में योग की कुछ नई तकनीकि को भी शामिल किया गया है। इलाज से पहले संबंधित जरूरी जांचें आधुनिक पैथलॉजी से ही कराई जाती है।

हो सकते हैं ये कारण

लगातार बदलती जीवन शैली, अच्छे करियर की चाह में बढ़ती उम्र, पुअर न्यूट्रिशन, स्ट्रेस, फर्टाइल पीरियड, रिप्रोडेक्टिव ऑर्गन, ट्यूब ब्लॉकेज, पीसीओडी, थॉयराइड, मोटापा, पीआइर्1डी आदि।

इन हॉस्पिटल्स में मिलेगा इलाज

क्षेत्रीय आयुर्वेदिक युनानी अधिकारी के अनुसार शहर में 13 आयुर्वेदिक गवर्नमेंट हॉस्पिटल्स में इलाज मिल सकेगा। इसमें बैरी बिठूर, रतनलालनगर, हरजिंदरनगर, मर्दनपुर, दिलीप नगर, गीतानगर, मक्सूदाबाद, नौबस्ता, जामू, रमईपुर, देवा, उत्तरीपुरा व रामनगर आदि मुख्य हैं।

''आयुर्वेद में इनफर्टिलिटी का इलाज उपलब्ध है। बदलते परिवेश में डॉक्टर्स को इस बीमारी से लड़ने को आयुष मिशन के तहत ट्रेंड किया जा रहा है। समय लग सकता है, लेकिन इलाज 100 प्रतिशत संभव है.''

- डॉ। राजेश शुक्ला, क्षेत्रीय आयुर्वेदिक युनानी अधिकारी।

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- 13 जगहों पर शहर में स्थित हैं सरकारी आयुर्वेदिक हॉस्पिटल

- 35-40 पेशेंट्स की ओपीडी है औसतन प्रत्येक हॉस्पिटल में

- 10 प्रतिशत होते हैं इनफर्टिलिटी के पेशेंट्स

- 90 परसेंट पेशेंट्स को मिल जाता है आयुर्वेदिक दवाओं के इस्तेमाल से लाभ