- शहर में क्राइम रोकने के लिए बना दी गई एक और समिति

- पहले से बनी समितियों को नहीं मिल सकी है मनमाफिक सफलता

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arun.kumar@inext.co.in

GORAKHPUR: जिले में क्राइम कंट्रोल करने लिए एक और समिति बना दी गई है। इसके पीछे मंशा है मोहल्ले में छिपे बदमाशों के बारे में पुलिस को तत्काल इंफॉर्मेशन मिल सके। हालांकि अभी तक जिले में बनी समितियों को मनमाफिक सफलता नहीं मिल सकी है। इंतेहां तो इस बात की है कि एंटी माफिया सेल को पुलिसवालों का ही सहयोग तक नहीं मिलता। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या एक और समिति बनाने की फॉर्मेलिटी करने से क्या शहर में कानून-व्यवस्था दुरुस्त हो जाएगी?

अब तक बनी समितियां

1- एस-7 एस-10

कब बनी? फरवरी 2016 में कमेटियों का गठन शुरू हुआ।

किसने बनाई? तत्कालीन एसएसपी अनंत देव की योजना।

यह हुआ हश्र? इसके तहत कम्यूनिटी पुलिसिंग को बढ़ावा देना था। मोहल्ले का मामला मोहल्ले में सुलझ जाए इसलिए यह योजना बनाई गई। इसके तहत सदस्य बनाकर सबको कार्ड बांटे गए। त्योहारों में सांप्रदायिक सद्भभाव बनाए रखने के लिए इसके गठन पर जोर दिया गया। समिति ने कभी कोई उल्लेखनीय काम तो नहीं किया, अलबत्ता कमेटी के कुछ सदस्यों पर वसूली के भी आरोप लगते रहे। अनंत देव के तबादले के बाद यह योजना ठंडे बस्ते में चली गई।

2- एंटी माफिया सेल

कब बनी? प्रदेश में नई सरकार के गठन बाद अप्रैल माह में हुआ गठन।

किसने बनाई? प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर हर जिले में इस सेल का गठन हो रहा है। गोरखपुर में क्राइम ब्रांच में टीम बनाकर कार्रवाई के लिए कहा गया है।

यह हुआ हश्र?

इस सेल की हालत यह है कि इसका पुलिस से ही को-ऑर्डिनेशन नहीं बन पा रहा है। पुलिस द्वारा माफियाओं के संबंध में सेल को कोई जानकारी नहीं दी जा रही है। आवश्यक जानकारी के अभाव में टीम के सदस्य कार्रवाई नहीं कर पा रहे हैं। 30 अप्रैल को एसपी क्राइम ने पत्र जारी करके जिले के सभी थानेदारों से जानकारी मुहैया कराने का निर्देश दिया। तीन दिन के भीतर उन्होंने जानकारी मांगी थी। लेकिन शनिवार की शाम तक कोई सूचना उपलब्ध नहीं कराई गई।

3- एंटी रोमियो स्क्वॉयड

कब बनी? मार्च माह में इसका गठन किया गया। 22 मार्च के बाद हर जिले में टीम बनाई गई।

किसने बनाई? प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर एंटी रोमियो स्क्वॉयड का गठन किया गया। इंस्पेक्टर, दरोगा और कांस्टेबल की टीम बनाकर स्कूल, कालेज, कोचिंग सेंटर्स, मार्केट सहित अन्य जगहों पर गश्त करने को कहा गया। उनके खिलाफ कार्रवाई के निर्देश जारी हुए जो लोग महिलाओं के साथ छेड़छाड़, अभद्रता करते हैं।

क्या हश्र हुआ? शुरुआत में टीम की सक्रियता नजर आई। इसके बाद धीरे-धीरे अभियान ठंडा पड़ने लगा। एंटी रोमियो स्क्वॉयड का कामकाज औपचारिक बनता जा रहा है।

अब बन रही हैं सुरक्षा समितियां

पूर्व में गांवों और मोहल्लों की सुरक्षा के लिए समितियों का गठन किया गया था। मोहल्लों में आने वाली किसी तरह की प्रॉब्लम को दूर कराने में समितियों के सदस्य मदद करते थे। क्राइम इंटेलीजेंस यूनिट के रूप में काम करते हुए पुलिस को गोपनीय सूचनाएं भी मुहैया कराते थे। लेकिन बाद में सीनियर अफसरों और थानेदारों की लापरवाही से समितियां निष्क्रिय हो गई। आईजी मोहित अग्रवाल ने इन समितियों को दोबारा एक्टिव करने का निर्देश दिया गया है। देखना है कि यह समिति अपराध नियंत्रण में क्या भूमिका निभा पाती है।

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यह हिस्सा अभी मिलेगा?

पिछले दो माह में जिले में अपराध की हालत

हत्या

लूट

चोरी

रेप