चार कदम पर धरना
बेटे के किडनैप हो जाने पर पुलिस की ढीली कार्रवाई होने से परेशान फैमली 15 अप्रैल से आईजी ऑफिस के सामने धरने पर बैठी है। आईजी डेली मॉर्निंग दस बजे ऑफिस पहुंच जाते हैं। महज चार कदम दूरी पर पीडि़त फैमली भूखी प्यासी बैठी है, लेकिन आईजी साहब ने पीडि़तों से एक बार भी नहीं पूछा कि यहां क्यों बैठे हो?
बैठा हूं भूखा-प्यासा
किडनैप्ड अमित के पिता रामसिंह का कहना है कि मेरे ऊपर दुखों का पहाड़ सा टूटा है। बेटे को मुक्त कराने की आस में आईजी को ही भगवान मानकर उनके दर पर भूखा-प्यासा बैठा हूं। चार दिनों से तेज धूप में बैठी पत्नी की हालत खराब हो रही है, लेकिन आईजी सहाब ने एक बार भी धरना स्थल पर आकर हाल-चाल नहीं पूछा। रामसिंह ने रो-रोकर आई नेक्स्ट को अपनी परेशानी सुनाई। उनके साथ उनके फैमिली मेंबर और रिलेटिव भी धरने पर बैठे हैं।
धरने पर हुए चार दिन
थाना जगदीशपुरा के बालाजी नगर से 23 फरवरी को किडनैप हुए अमित भदौरिया का पुलिस कोई सुराग नहीं लगा सकी है। 15 अप्रैल से आईजी ऑफिस के सामने धरने पर बैठा परिवार पुलिस लाइन में अधिकारियों की गाडिय़ों की ओर ताकता रहता हैं, लेकिन चार दिनों में किसी ने भी उनसे कारण तक नहीं पूछा। लगातार चार दिनों से अमित के मां-बाप ने पानी तक को हाथ नहीं लगाया है। इसके कारण मां उषा भदौरिया की थर्सडे दोपहर हालत खराब हो गई। उनकी बड़ी बहन अनीसा भदौरिया उन्हें अपनी गोद में लेकर सिर पर पानी की पट्टी रख रही हैं। लाख समझाने के बाद भी वह पानी तक को हाथ नहीं लगा रही हैं। ऐसे में राम सिंह पत्नी को लेकर परेशान हो रहे हैं।

चार दिनों से दोनों ही अनशन कर रहे हैं, लेकिन आईजी साहब ने एक बार भी आकर हमारी पीड़ा नहीं जानी।
रामसिंह भदौरिया
मैं इनके पड़ोस में ही रहता हूं, पुलिस के पास पूरी जानकारी है। वो चाहे तो अमित को मुक्त करा सकती है।
श्यामवीर सिंह चौहान
पुलिस हमारे ऊपर धरने से उठने के लिए दबाव बना रही है। थाना इंचार्ज फोन पर धमकी दे रहे हैं।
आरएस तोमर
पुलिस ने जो मोबाइल की कॉल डिटेल निकलवाई है उसकी जानकारी हमें नहीं बताते। पूछने जाते हैं तो वहां से भगा दिया जाता है।
डॉ। अशोक सिंह

 

 

 

 

 

 


Report by: Matauddin.khan@inext.co.in