मानसी द्विवेदी के पिता भोपाल पुलिस में जॉब करते हैं। वह अपनी फैमिली को लेकर भोपाल में शेटल थे। मानसी अपने पैरों पर खड़ा होना चाहती थी। उसने बैंक में जॉब करने के लिए प्रिपरेशन शुरू कर दी। करीब चार साल पहले उसने बैंक पीओ के लिए भोपाल में कोचिंग भी ज्वाइन कर ली। उसी कोचिंग में मानसी की मुलाकात प्रदीप शर्मा नाम के एक लड़के से हुई.
प्यार तो होना ही था
कोचिंग में शुरू हुई मानसी की दोस्ती धीरे-धीरे प्यार में बदल गई। फिर दोनों साथ-साथ जिंदगी बिताने के सपने संजोने लगे। मानसी और प्रदीप शर्मा ने सोचा था कि दोनों को जॉब मिल जाएगी और आसानी से वे लव मैरिज कर लेंगे। लेकिन ऐसा हो न सका। प्यार का रोग ऐसा लगा था कि बैंक पीओ की बात छोडि़ए बैंक क्लर्क का एग्जाम भी क्वालिफाई नहीं कर सके.
पिता ने मना कर दिया
मानसी के पिता अब उसकी शादी करने की तैयारी में जुट गए थे। वह हर हाल में मानसी की शादी एक अच्छे परिवार में करना चाहते थे। लेकिन मानसी ने हिम्मत जुटाते हुए अपने फैमिली मेम्बर्स को बताया कि वह प्रदीप से लव करती है और उसी से शादी करना चाहती है। लेकिन मानसी के पिता इसके लिए तैयार नहीं हुए। उन्होंने कहा कि एक बेरोजगार लड़के से कैसे शादी कर दें। उन्होंने लखनऊ के रहने वाले अनुपम पाण्डेय से उसकी शादी तय कर दी.
मन तो कहीं और था
एसआई सुरेन्द्र शर्मा ने बताया कि शादी के बाद भी मानसी का मन ससुराल में नहीं लग रहा था। जनवरी 2013 में दोनों की शादी हुई। इधर मानसी की जो स्थिति थी वही स्थिति उधर भोपाल में प्रदीप शर्मा की थी। अनुपम शादी के बाद इलाहाबाद में स्टडी करने पहुंच गया। अब मानसी आसानी से अपने प्रेमी प्रदीप शर्मा से बातचीत करने लगी। प्रदीप ने मानसी ने कहा कि वह उसके बिना नहीं रह सकता। अगर सिर्फ अनुपम कारण है तो वह इसे बीच से हटा देगा.
चाकू मार दिया
पुलिस ने बताया कि दोनों के बीच बातचीत चलती रही। इस दौरान प्रदीप प्लानिंग करके इलाहाबाद पहुंचा। 23 फरवरी की शाम प्रदीप आईआईआईटी पहुंच कर अनुपम के बाहर निकलने का इंतजार करता रहा। जैसे ही अनुपम गेट से बाहर निकला, उस पर चाकू से हमला कर दिया। खून से लथपथ अनुपम वहीं गिर पड़ा। इस घटना के बाद से प्रदीप ने अपनी प्रेमिका मानसी को फोन किया और इस घटना की जानकारी दी। मानसी यह जानकर बहुत खुश हुई थी.
फांसी लगा ली थी
इधर अनुपम को सीरियर कंडीशन में उसके साथी लेकर स्वरूपरानी हॉस्पिटल पहुंचे। डॉक्टर के ट्रीटमेंट शुरू करने तक अनुपम की स्थिति नाजुक थी लेकिन अंडर कंट्रोल थी। जब इस बात की जानकारी प्रदीप को हुई कि अनुपम जिंदा है तो वह दंग रह गया। उसने फिर मानसी को फोन पर जानकारी दी कि वह बच गया। यह सुनकर मानसी ने होश खो दिया। उसे इतना सदमा लगा कि वह अपने कमरे में फांसी पर लटक गई। लेकिन संयोग था कि रस्सी टूट गई वह नीचे गिर पड़ी। तभी अनुपम के पिता को इलाहाबाद से सूचना मिली कि उसके बेटे को किसी ने चाकू मार दिया है। यह सुनकर वह अपनी बहू को बुलाने पहुंच गए। कमरे में देखा तो बहू के गले में फंासी का फंदा लटक रहा था। उसे हॉस्पिटल ले गए फिर इलाहाबाद वापस लौटे। 10 मार्च को ट्रीटमेंट के दौरान अनुपम की मौत हो गई.
Call detail से खुला राज
इस केस की तफ्तीश में लगे एसआई सुरेन्द्र शर्मा ने बताया कि सर्विलांस की मदद से पुलिस को यकीन हो गया कि अनुपम की हत्या में उसकी वाइफ भी शामिल है। संडे नाइट से पुलिस भोपाल में उसकी तलाश में जुटी रही। प्रदीप का पता तो नहीं चला पर मानसी जरूर पकड़ ली गई। पुलिस ने मंडे को मानसी को अरेस्ट कर सलाखों के पीछे भेज दिया। पुलिस ने मानसी के खिलाफ मर्डर की साजिश रचने का आरोप लगाया है.
कोचिंग में हुई थी मुलाकात
मानसी द्विवेदी के पिता भोपाल पुलिस में जॉब करते हैं। वह अपनी फैमिली को लेकर भोपाल में शेटल थे। मानसी अपने पैरों पर खड़ा होना चाहती थी। उसने बैंक में जॉब करने के लिए प्रिपरेशन शुरू कर दी। करीब चार साल पहले उसने बैंक पीओ के लिए भोपाल में कोचिंग भी ज्वाइन कर ली। उसी कोचिंग में मानसी की मुलाकात प्रदीप शर्मा नाम के एक लड़के से हुई.
प्यार तो होना ही था
कोचिंग में शुरू हुई मानसी की दोस्ती धीरे-धीरे प्यार में बदल गई। फिर दोनों साथ-साथ जिंदगी बिताने के सपने संजोने लगे। मानसी और प्रदीप शर्मा ने सोचा था कि दोनों को जॉब मिल जाएगी और आसानी से वे लव मैरिज कर लेंगे। लेकिन ऐसा हो न सका। प्यार का रोग ऐसा लगा था कि बैंक पीओ की बात छोडि़ए बैंक क्लर्क का एग्जाम भी क्वालिफाई नहीं कर सके.
पिता ने मना कर दिया
मानसी के पिता अब उसकी शादी करने की तैयारी में जुट गए थे। वह हर हाल में मानसी की शादी एक अच्छे परिवार में करना चाहते थे। लेकिन मानसी ने हिम्मत जुटाते हुए अपने फैमिली मेम्बर्स को बताया कि वह प्रदीप से लव करती है और उसी से शादी करना चाहती है। लेकिन मानसी के पिता इसके लिए तैयार नहीं हुए। उन्होंने कहा कि एक बेरोजगार लड़के से कैसे शादी कर दें। उन्होंने लखनऊ के रहने वाले अनुपम पाण्डेय से उसकी शादी तय कर दी.
मन तो कहीं और था
एसआई सुरेन्द्र शर्मा ने बताया कि शादी के बाद भी मानसी का मन ससुराल में नहीं लग रहा था। जनवरी 2013 में दोनों की शादी हुई। इधर मानसी की जो स्थिति थी वही स्थिति उधर भोपाल में प्रदीप शर्मा की थी। अनुपम शादी के बाद इलाहाबाद में स्टडी करने पहुंच गया। अब मानसी आसानी से अपने प्रेमी प्रदीप शर्मा से बातचीत करने लगी। प्रदीप ने मानसी ने कहा कि वह उसके बिना नहीं रह सकता। अगर सिर्फ अनुपम कारण है तो वह इसे बीच से हटा देगा.
चाकू मार दिया
पुलिस ने बताया कि दोनों के बीच बातचीत चलती रही। इस दौरान प्रदीप प्लानिंग करके इलाहाबाद पहुंचा। 23 फरवरी की शाम प्रदीप आईआईआईटी पहुंच कर अनुपम के बाहर निकलने का इंतजार करता रहा। जैसे ही अनुपम गेट से बाहर निकला, उस पर चाकू से हमला कर दिया। खून से लथपथ अनुपम वहीं गिर पड़ा। इस घटना के बाद से प्रदीप ने अपनी प्रेमिका मानसी को फोन किया और इस घटना की जानकारी दी। मानसी यह जानकर बहुत खुश हुई थी.
फांसी लगा ली थी
इधर अनुपम को सीरियर कंडीशन में उसके साथी लेकर स्वरूपरानी हॉस्पिटल पहुंचे। डॉक्टर के ट्रीटमेंट शुरू करने तक अनुपम की स्थिति नाजुक थी लेकिन अंडर कंट्रोल थी। जब इस बात की जानकारी प्रदीप को हुई कि अनुपम जिंदा है तो वह दंग रह गया। उसने फिर मानसी को फोन पर जानकारी दी कि वह बच गया। यह सुनकर मानसी ने होश खो दिया। उसे इतना सदमा लगा कि वह अपने कमरे में फांसी पर लटक गई। लेकिन संयोग था कि रस्सी टूट गई वह नीचे गिर पड़ी। तभी अनुपम के पिता को इलाहाबाद से सूचना मिली कि उसके बेटे को किसी ने चाकू मार दिया है। यह सुनकर वह अपनी बहू को बुलाने पहुंच गए। कमरे में देखा तो बहू के गले में फंासी का फंदा लटक रहा था। उसे हॉस्पिटल ले गए फिर इलाहाबाद वापस लौटे। 10 मार्च को ट्रीटमेंट के दौरान अनुपम की मौत हो गई।
Call detail से खुला राज
इस केस की तफ्तीश में लगे एसआई सुरेन्द्र शर्मा ने बताया कि सर्विलांस की मदद से पुलिस को यकीन हो गया कि अनुपम की हत्या में उसकी वाइफ भी शामिल है। संडे नाइट से पुलिस भोपाल में उसकी तलाश में जुटी रही। प्रदीप का पता तो नहीं चला पर मानसी जरूर पकड़ ली गई। पुलिस ने मंडे को मानसी को अरेस्ट कर सलाखों के पीछे भेज दिया। पुलिस ने मानसी के खिलाफ मर्डर की साजिश रचने का आरोप लगाया है.
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