नेशनल लेवल पर मिली पहचान

आईआईएम रांची के डायरेक्टर प्रो एमजे जेवियर ने बताया कि इंस्टीट्यूट के लिए बहुत ही गर्व की बात है कि यहां से दो बैच सक्सेसफुली निकल चुके हैैं। भले ही इंस्टीट्यूट का अबतक अपना इंफ्रास्ट्रक्चर नहीं हो पाया है, लेकिन नेशनल लेवल के टॉप बिजनेस स्कूल्स में इसने अपनी अलग पहचान बना ली है। जहां फस्र्ट बैच के सभी स्टूडेंट्स का बेहतरीन ऑर्गनाइजेशंस और कंपनीज में प्लेसमेंट हो चुका है, वहीं सेकेंड बैच के स्टूडेंट्स को अपने साथ जोडऩे के लिए डिफरेंट कंपनीज के बीच होड़ मची हुई है।

टॉपर्स को मिलेंगे मेडल्स
कॉन्वोकेशन में पीजीडीएम के सेकेंड बैच( 2011-13) के स्टूडेंट्स को डिग्र्री मिलेगी। इस बैच में 66 स्टूडेंट्स हैैं। इस बैच में स्टूडेंट्स को डिग्र्री के साथ-साथ टॉपर्स को गोल्ड व सिल्वर मेडल देकर सम्मानित किया जाएगा। इसके अलावे बेस्ट आउटगोईंग स्टूडेंट, बेस्ट समर प्रोजेक्ट इन फाइनांस और बेस्ट समर प्रोजेक्ट इन मार्केटिंग का अवार्ड भी दिया जाएगा। इधर कॉन्वोकेशन कम अवार्ड सेरेमनी को लेकर स्टूडेंट्स भी बेकरार हैैं। स्टूडेंट आशीष मिश्रा ने बताया कि दो सालों तक यहां रहकर पढ़ाई की और अब डिग्र्री मिलने जा रही है। जाहिर सी बात है खुशियों के इस पल को हम ताउम्र नहीं भूल पाएंगे।

बैच में गल्र्स नहीं
कॉन्वोकेशन में उस वक्त थोड़ी कमी खलेगी, जब डिग्र्री अथवा अवार्ड लेने के लिए मंच पर एक भी गल्र्स नजर नहीं आएगी। दरअसल, पीजीडीएम के सेकेंड बैच में एक भी गर्ल ने एडमिशन नहीं लिया था, जबकि फस्र्ट बैच में एक छात्रा ने यहां एडमिशन लिया था। दीगर है कि थर्ड बैच में  गल्र्स की संख्या पिछले दो बैचेज की तुलना में काफी ज्यादा है। इस कॉन्वोकेशन में पीजीडीएम के साथ-साथ पीजीईएक्सपी कोर्स के स्टूडेंट्स को भी डिग्र्री मिलेगी। यहां शुरू हुए पीजीईएक्सपी के फस्र्ट बैच में (2011-13) 59 स्टूडेंट्स हैैं, जिन्हें डिग्र्री दी जाएगी। बैच में बेहतरीन स्टूडेंट्स को जहां गोल्ड व सिल्वर मेडल मिलेगा, वहीं बेस्ट आउट गोईंग स्टूडेंट,  बेस्ट प्रोजेक्ट वर्क इन फाइनांस, बेस्ट प्रोजेक्ट वर्क इन मार्केटिंग
और बेस्ट प्रोजेक्ट वर्क इन एचआर का अवार्ड भी मिलेगा।