आईआईटी बीएचयू ने डेवलप किया भोजपुरी, मैथिली और मगही को हिन्दी में बदलने का मशीन ट्रांसलेशन सिस्टम

 

VARANASI: अंग्रेजी से हिन्दी या हिन्दी से अंग्रेजी ट्रांसलेशन की सुविधा तो गूगल पर उपलब्ध है। पर अगर भोजपुरी, मैथिली या मगही से हिन्दी ट्रांसलेशन करना हो तो? इस मामले में तो गूगल चाचा भी फेल हो जायेंगे। पर आपको अब टेंशन लेने की जरुरत नहीं है। आईआईटी बीएचयू ने भोजपुरी, मैथिली व मगही बोली बोलने वालों की इस परेशानी को काफी हद तक सॉल्व कर लिया है। जी हां आईआईटी बीएचयू ने ऐसा सिस्टम इजाद किया है जिसके जरिये प्रमुख रूप से बोली जानी वाली इन तीन बोलियों का आसानी से हिंदी में ट्रांसलेशन किया जा सकता है। सोमवार को इस सिस्टम का लोकार्पण आईआईटी बीएचयू के डायरेक्टर प्रो। राजीव संगल ने किया।

 

वाराणसी प्रोजेक्ट का है हिस्सा

प्रो। राजीव संगल ने इस मौके पर बताया कि आईआईटी बीएचयू के प्रोजेक्ट वाराणसी के तहत इस मशीन ट्रांसलेशन सिस्टम को लांच किया गया है। भोजपुरी, मैथिली व मगधी बोलियों का इस्तेमाल सबसे अधिक लोग करते हैं। बताया कि इस मशीन अनुवाद सिस्टम का उद्देश्य ऐसे लोगों के लिए है जो अपनी भाषा से प्यार करते हैं। अपनी भाषा के प्रति सक्षमता देने के लिए इस सिस्टम को डेवलप किया गया है। बताया कि तकरीबन डेढ़ करोड़ की लागत से तीन वर्षो से चल रहे इस प्रोजेक्ट में आईआईटी बीएचयू के साथ आईआईआईटी हैदराबाद और बीएचयू के भाषा विज्ञान विभाग का महत्वपूर्ण सहयोग है। टीम में डॉ स्वस्ति मिश्रा, डॉ संयुक्ता घोष, डॉ अनिल ठाकुर, प्रो दीप्ति मिश्रा, राशिद अहमद, डॉ संकेत कुमार पाठक आदि शामिल हैं।

 

तीन चरणों में ट्रांसलेशन

प्रो संगल ने बताया कि यह सिस्टम नैचुरल लैंग्वेज प्रोसेसिंग, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस व संपर्क फ्रेमवर्क पर बेस्ड है। बताया कि यह पूरी प्रक्रिया तीन चरणों में पूरी होती है। इसमें स्त्रोत भाषा के दिये गये इनपुट का पहले मशीन विश्लेषण करती है। उसके बाद यह डेटा टारगेट लैंग्वेज विश्लेषण के लिए ट्रांसफर हो जाता है, जिसमें से शब्दों के अर्थ लिये जाते हैं जो सिस्टम में फीड हैं। उसके बाद मशीन आउटपुट के रूप में रिजल्ट देती है। यह रिजल्ट हिन्दी में हाेता है।

 

हर दिन होगा सुधार

प्रो संगल ने बताया कि चूंकि भोजपुरी, मैथिली या मगही बोली का कोई निश्चित व्याकरण या शब्दकोश नहीं है इसलिए शुरुआती दौर में कुछ कमियां सामने आ रही हैं। हर दिन के सुधार प्रक्रिया के तहत इसे जल्दी ही दूर कर लिया जायेगा। बताया कि कोई भी व्यक्ति nlrpl.iitbhu.ac.in पर जाकर इस इस ट्रांसलेशन मशीन का इस्तेमाल कर सकता है। इसमें लोगों के सुझाव के लिए लिए भी ऑप्शन है। इसके अलावा विभिन्न प्रचलित शब्दों को यहां पर दिया जा सकता है जिससे कि शब्दकोश समृद्ध होगा और और ट्रांसलेशन के बेहतर परिणाम सामने आयेंगे।