आईआईटी काउंसिंल के अप्रूवल के बाद नेक्स्ट ईयर से आईआईटी जेईई इसी बेसिस पर कंडक्ट
किया जाएगा।

Entrance का नया formula

14 सितंबर को दिल्ली में आईआईटी काउंसिंल की मीटिंग हुई थी। आईआईटी कानपुर के डायरेक्टर संजय गोविंद धांडे ने प्रेस कांफ्रेंस में बताया कि काउंसिल जेईई को आसान बनाने की दिशा में तेजी से प्रयासरत है। काउंसिल एक नए फार्मूले पर वर्कआउट कर रही है। अभी तक एंट्रेंस एग्जाम में इंटरमीडिएट के माक्र्स नहीं जुड़ते थे। मगर, नया फार्मूला अप्रूव होने पर इंटरमीडिएट के माक्र्स भी आईआईटी में एंट्री का
आधार बनेंगे।

होगा aptitude test

डायरेक्टर एसजी धांडे ने बताया कि जेईई में अपीयर होने वाले स्टूडेंट्स डिफरेंट बोर्ड के होते हैं। जिस नए मैथेमेटिकल फार्मूले पर काउंसिल वर्कआउट कर रही है। उसकी मदद से कैंडीडेट के इंटर के माक्र्स को परसेंटाइल में बदल दिया जाएगा। अभी तक जेईई में फिजिक्स, कैमिस्ट्री और मैथ्स के अलग-अलग पेपर होते हैं। इनकी जगह अब सिर्फ एक एप्टीट्यूड टेस्ट होगा। इसमें फिजिक्स, कैमिस्ट्री, मैथ्स समेत अदर सब्जेक्ट्स के क्वेश्चन्स रीजनिंग के रूप में पूछे जाएंगे। इस टेस्ट में स्टूडेंट के जितने नंबर आएंगे, उन्हें परसेंटाइल के साथ जोड़ा जाएगा। इसी बेसिस पर स्टूडेंट की रैंक और मेरिट डिसाइड होगी। काउंसलिंग के बाद स्टूडेंट को कॉलेज और सिटी अलॉट होगी।

Approval का इंतजार

प्रोफेसर धांडे ने बताया कि जेईई में पहले की तरह ओएमआर शीट का ही यूज होगा। स्टूडेंट्स डार्क सर्किल करके आन्सर दे सकेंगे। हालांकि, अभी काउंसिल इस फार्मूले पर काम कर रही है। काउंसिल के अप्रूवल के बाद ही जेईई का फॉर्मेट चेंज किया जाएगा.