इलाकाई लोगों ने दी पुलिस को सूचना

आईआईटी के पास रेलवे ट्रैक पर बुधवार को शव मिलने से हडक़म्प मच गया। डेडबॉडी रेलवे ट्रैक पर आईआईटी क्रॉसिंग से आगे, नारामऊ की तरफ पड़ी थी। इलाकाई लोगों की सूचना पर पुलिस ने मौके पर जांच की, तो शव की शिनाख्त आईआईटी के बीटेक सेकेंड ईयर के स्टूडेंट गोपारप्पू साई कुमार रेड्डी के रूप में हुई। वह आंध्र प्रदेश के एंग्लो टाउन का निवासी था। पुलिस ने आईआईटी प्रशासन को जानकारी देने के बाद शव को पोस्टमार्टम भेज दिया। पुलिस को वहां से एक मोबाइल और ईयरफोन मिला है। माना जा रहा है ये मोबाइल स्टूडेंट का ही है। पुलिस के मुताबिक गोपारप्पू के सिर पर चोट के निशान थे। वह सामान्य कपड़े पहने था।
 
मर्डर, सुसाइड या हादसा!

बीटेक स्टूडेंट गोपारप्पू आईआईटी हॉस्टल हॉल 3 में रहता था। सोर्सेज के मुताबिक वह पढऩे में सामान्य था। उसके ज्यादा दोस्त नहीं थे और न ही वह देर रात को हॉस्टल से बाहर जाता था। इसके बावजूद उसका शव रेलवे ट्रैक पर पड़ा मिलने से शंका पैदा हो रही हैं। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के मुताबिक सिर पर चोट लगने से छात्र की मौत देर रात को हुई है। पुलिस इसे आत्महत्या मान कर देख रही है।

रात को कौन था छात्र के साथ?

सवाल है कि इतनी ठंड होने के बाद भी स्टूडेंट गोपारप्पू देर रात को रेलवे ट्रैक पर क्यों गया। उसने सामान्य कपड़े पहने थे। ऐसे में उसके किसी पार्टी से लौटने की संभावना भी नहीं है। फिर वह वहां पर कैसे पहुंचा। कहीं वो किसी साजिश का शिकार तो नहीं हो गया? कौन उसके साथ था, कोई बाहरी या फिर संस्थान का ही कोई स्टूडेंट?

बात करते हुए ट्रैक पार कर रहा था

वहीं, कुछ लोगों का मानना है कि उसके शव के पास मोबाइल फोन और ईयरफोन मिला है। ऐसे में वह हादसे का भी शिकार हो सकता है। वह ईयरफोन पर बात करते हुए ट्रैक पर जा रहा हो और वह ट्रेन का हार्न नहीं सुन पाया हों। बहरहाल पुलिस मर्डर, सुसाइड और हादसे की मिस्ट्री में उलझी है। एसओ का कहना है कि काल डेटा रिकार्ड निकाला जा रहा है। साथ ही पड़ताल चल रही है। जल्द सच्चाई सामने आ जाएगी।

क्यो चुप है आईआईटी प्रशासन और स्टूडेंट्स?

मंगलवार की देर रात को एक परिवार का चिराग बुझाने के साथ आईआईटी की मेधा की मौत हो गई। उसकी मौत मर्डर, सुसाइड और हादसे की मिस्ट्री में उलझ है, लेकिन आईआईटी प्रशासन हमेशा की तरह मौन है। उनके प्रेशर से कोई स्टूडेंट भी बोलने को तैयार नहीं है। ऐसे में कई सवाल का जवाब नहीं मिल रहा है। मसलन वह मंगलवार को कितने के बजे तक कैम्पस में था। उस पर कोई प्रेशर तो नहीं था। वह कब रूम से बाहर गया। वहां पर रात में कोई पार्टी तो नहीं थी। उसके साथ रैगिंग तो नहीं की गई. 
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प्रथम दृष्टया आईआईटी स्टूडेंट के सुसाइड करने का मामला प्रतीत हो रहा है। हादसे में भी उसकी मौत होने की संभावना है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट और सीडीआर के आधार पर जांच की जाएंगी। फिलहाल अभी में जाम खुलवा रहा हूं।
-जितेंद्र कुमार सिंह, एसओ बिठूर


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कहीं वार्निंग से परेशान तो नहीं था वो

आईआईटी एडमिनिस्ट्रेशन को पुलिस ने दी स्टूडेंट के डेथ की जानकारी
हाल ही में एक सब्जेक्ट पर स्टूडेंट को चेतावनी दी गयी थी


KANPUR : आईआईटी के हाल थ्री में रहने वाले मैटीरियल साइंस एण्ड इंजीनियरिंग के स्टूडेंट जी साई के रेड्डी ने कहीं डिपार्टमेंटल वॉर्निंग के प्रेशर में आकर अपनी जान तो नहीं दे दी। अहम बात यह थी कि इंस्टीट्यूट एडमिनिस्ट्रेशन को स्टूडेंट के डेथ की जानकारी बिठूर पुलिस ने दी। इंस्टीट्यूट एडमिनिस्ट्रेशन मेरीटोरियस की डेथ पर कुछ भी बोलने के तैयार नहीं है। आईआईटी कानपुर में में पिछले सात साल में किसी स्टूडेंट की ये 11वीं मौत है।

हम चुप रहेंगे

एंग्लोटाउन आंध्र प्रदेश के  रहने वाले गोपारप्पू साई कुमार रेड्डी ने आईआईटी के मैटीरियल साइंस एण्ड इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट में बीटेक में 2012 में एडमिशन लिया था.  इंस्टीट्यूट सोर्सेस से मिली जानकारी के अनुसार सेकेंड इयर के गोपारप्पू स्टूडेंट को हाल ही में एक सब्जेक्ट में खराब परफार्मेंस देने पर वार्निंग दी गयी थी। पुलिस भी आशंका जता रही है कहीं इसी रीजन के चलते तो उसने सुसाइड तो नहीं कर लिया। इस मेरीटोरियस स्टूडेंट की डेथ पर आईआईटी एडमिनिस्ट्रेशन ने अपनी तरफ से कोई भी कमेंट नहीं किया है। इंस्टीट्यूट एडमिनिस्ट्रेशन ने स्टूडेंट के पैरेंट्स को जानकारी दे दी है।

मौत ने सवाल खड़े किए, कॉल डिटेल से सुलझेंगे !

जी साई कुमार रेड्डी की मौत ने कई सवाल खड़े कर दिए हैैं। स्टूडेंट हास्टल से गायब हो गया और रात भर नहीं आया तो फिर हास्टल वार्डेन ने क्यों पुलिस को सूचना नहीं दी या सर्च चालू नहीं की। क्या वार्डेन को हाल थ्री में रहने वाले दूसरे स्टूडेंट्स ने इसके बारे में जानकारी नहीं दी। कहीं किसी पार्टी में शामिल होने कैंपस से बाहर तो नहीं गया था। इन सबका राज स्टूडेंट के मोबाइल कॉल डिटेल से मिलेगी। मोबाइल की कॉल डिटेल से ही पता चल पाएगा कि आखिरी बार मेरीटोरियस ने किससे बात की है।

9 साल, 9 सुसाइड, कुल 11 मौतें
1 दिसंबर 2013 में एमटेक फस्र्ट इयर स्टूडेंट मोहित कुमार की मौत हार्ट अटैक
22 सितंबर 2011 को मेहताब अहमद बीटेक  फस्र्ट इयर ने सुसाइड किया
7 जुलाई इयर 2010 में राकेश ठाकुर एमटेक फस्र्ट इयर की डेथ हेल्थ प्रॉब्लम से
17 नवंबर 2010 को माधुरी साले बीटेक फाइनल इयर सिविल ने सुसाइड किया था।
3 जनवरी 2009 को जी सुमन गंगा पïट्टनम सेकेंड इयर ने सुसाइड किया।
30 मई 2008 को आर जोया चटर्जी बीटेक फाइनल इयर ने सुसाइड किया था।
19 अप्रैल 2008 को प्रशांत कुमार बीटेक फस्र्ट इयर ने सुसाइड किया था।
25 अप्रैल 2007 को जे भारद्वाज बीटेक थर्ड इयर  ने सुुसाइड किया था।
9 अक्टूबर 2006 को अंजन कुमार केमिकल सेकेंड इयर ने सुसाइड किया था।
6 नवंबर 2006 को अभिलाष जेजे पीएचडी स्कॉलर ने सुसाइड किया था।
29 नवंबर 2004 को स्वप्निल चंद्रकांता धसारकर मैकेनिकल सेकेंड इयर ने सुसाइड किया था।


मैटीरियल साइंस एण्ड इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट के स्टूडेंट जी साई कुमार रेड्डी की डेडबाडी रेलवे ट्रैक पर मिलने की सूचना पुलिस से मिली। यह एक्सीडेंट है या सुसाइड कुछ कह पाना मुश्किल है। पैरेंट्स को सूचना दे दी गयी है।
-आरके सचान, रजिस्ट्रार आईआईटी

एक ई-मेल ने जश्न को मातम में बदल दिया

आईआईटी कानपुर में सभी स्टूडेंट्स आपस में न्यू इयर के सेलीब्रेशंस में मगन थे। क्लास से बंक मारकर हॉस्टल्स में पार्टीज और गेट टुगेदर कर रहे थे, ये सोचकर कि चिल यार एक-दो दिन पढ़ाई की टेंशन छोडक़र जरा सेलीब्रेशन कर लें, सभी खुश थे लेकिन इतने में शाम के समय डीन ऑफ स्टूडेंट अफेयर्स की एक मेल आती है। और स्टूडेंट्स शॉक की स्टेज में पहुंच जाते हैंजश्न का माहौल गमगीन हो उठा। दरअसल ई-मेल में गोपारप्पू की मौत की सूचना थी। मेल में मौत की कोई वजह या कारण नहीं बताया गया था, केवल सूचना मात्र थी, लेकिन अपने एक साथी की मौत की खबर ने सबको परेशान कर दिया।