मुजफ्फरनगर और बागपत में मिले हथियारों के बाद अब मेरठ शहर में चर्चाएं तेज हैं। अगर यहां कुछ होता है तो अवैध हथियार जोर-शोर के साथ गरजेंगे। खुफिया विभाग एलर्ट है, असलियत जानती है, लेकिन यहां तलाशी ले कौन?

कत्ल का जखीरा

मुजफ्फरनगर में बवाल के दौरान एके-47 चलने की बात सामने आई थी। साथ ही सर्च के दौरान हथियारों का जखीरा बरामद किया गया था। ये अवैध हथियार कहां से सप्लाई हुए इसकी जानकारी पुलिस नहीं जुटा पाई। वहीं इसके बाद बागपत में बवाल हुआ और वहां भी एके-47 के काफी सारे कारतूस बरामद किए गए। जिससे साफ था कि अवैध हथियार मौजूद हैं। वे भी ऐसे हथियार जिनको आम आदमी नहीं रख सकता।

अवैध हथियारों से सावधान

मेरठ शहर में भी खुफिया विभाग की मानें तो अवैध हथियारों का जखीरा लोगों के पास इकट्ठा है। छात्र के कत्ल के बाद दोनों ओर से लोगों के नक्शे दिखाई दे रहे हैं। भले ही वहां पुलिस फोर्स लगी हो लेकिन पंगा होता है तो अवैध हथियार जोरों से गरजेंगे। पूर्वा शेखलाल में कुछ लोगों पर अवैध हथियारों का जखीरा बताया गया है। मगर पुलिस यहां तक जाने की हिम्मत नहीं कर सकती। शहर में अवैध हथियारों की चर्चाएं बड़े स्तर पर हैं।

सबसे बड़ा अड्डा

पुराना रिकार्ड उठाकर देखें तो मेरठ अवैध हथियारों की सप्लाई का बड़ा प्वाइंट रहा है। जहां आए दिन बड़ी मात्रा में हथियार पकड़े जाते रहे हैं। लिसाड़ी गेट हथियार सप्लायर और सप्लाई का बड़ा अड्डा है। जहां रहने वाले कुछ लोगों का कनेक्शन पाकिस्तान की आईएसआई एजेंसी है। सैकड़ों लोग पाकिस्तान से यहां आते और जाते हैं। जहां से हथियार नेपाल के रास्ते वेस्ट यूपी में पहुंचते हैं। यहां बिहार के मुंगेर से भी अवैध हथियार बड़ी मात्रा में सप्लाई हो रहे हैं। यह भी साफ है कि बवाल में कभी लाइसेंसी हथियार नहीं चलते बल्कि अवैध हथियार ही चलते हैं।