- एलडीए ने अलीगंज पुराना हनुमान मंदिर के पीछे की कार्रवाई

- लेडी भूमाफिया ने करा रखा था कब्जा, मौके पर पीएसी तैनात

LUCKNOW:

एलडीए की ओर से बड़ी कार्रवाई करते हुए 104 भूखंडों पर काबिज अवैध कब्जों को हटाया गया। हालांकि इस दौरान अतिक्रमण दस्ते को भारी विरोध का भी सामना करना पड़ा। हालांकि पुलिस व पीएसी की मौजूदगी में विरोध टिक नहीं सका और दस्ते ने भूखंडों को खाली करा लिया। अवैध कब्जे हटने से उन आवंटियों ने राहत की सांस ली है, जिनके नाम उक्त भूखंड आवंटित हुए थे।

यह है मामला

जानकारी के अनुसार, अलीगंज पुराना हनुमान मंदिर के पीछे एलडीए के करीब 104 व्यावसायिक भूखंड थे। इनमें से 68 भूखंड आवंटियों को बेचे भी जा चुके थे। गुजरते वक्त के साथ इन भूखंडों पर झुग्गी-झोपडि़यां बनाकर अवैध कब्जा भी कर लिया गया था। जिसकी वजह से आवंटी परेशान थे और अपना हक पाने के लिए एलडीए के चक्कर काट रहे थे। यह भी जानकारी सामने आई है कि एक लेडी भूमाफिया उक्त भूखंडों पर निर्माण नहीं होने दे रही थी। आवंटियों की ओर से नजूल अधिकारी ने एलडीए में शिकायत दर्ज कराई गई थी। यह मामला वीसी पीएन सिंह के संज्ञान में भी आया था। जिसके बाद ही कार्रवाई की रूपरेखा तैयार की गई।

बड़ी कार्रवाई

वीसी के निर्देश पर शनिवार को एलडीए की टीम मौके पर पहुंची और पुलिस व पीएसी की मौजूदगी में अवैध कब्जे हटाने की कार्रवाई शुरू की। एलडीए अधिकारियों की मानें तो जैसे ही कार्रवाई शुरू हुई लेडी भूमाफिया और उसके सहयोगियों ने विरोध करना शुरू कर दिया, लेकिन यह विरोध ज्यादातर देर नहीं चला। देर शाम तक चली कार्रवाई के दौरान भूखंडों को अवैध कब्जों से मुक्त करा लिया गया।

बनाई जाएगी बाउंड्रीवॉल

नजूल अधिकारी ने बताया कि अवैध कब्जों को हटाने के बाद अब उक्त भूखंडों के आसपास बाउंड्रीवॉल का निर्माण कराया जाएगा। जिससे कोई दोबारा अवैध कब्जा न कर पाए। रविवार से बाउंड्रीवॉल का निर्माण शुरू कराया जाएगा। जब तक बाउंड्रीवॉल नहीं बन जाएगी, मौके पर पीएसी तैनात रहेगी।

इंवेस्टर्स समिट से पहले लखनऊ पुलिस की मदद से अलीगंज थाना एरिया में 104 कॉमर्शियल प्लॉट्स को अवैध कब्जों से मुक्त कराया गया। आवंटियों को इस कदम से राहत मिलेगी।

पीएन सिंह, वीसी, एलडीए

यह बात सही है कि एक लेडी भूमाफिया ने भूखंडों पर अवैध कब्जे करा रखे थे। अवैध कब्जों के रूप में उक्त स्थान पर झुग्गी-झोपडि़यां बना दी गई थीं। महिला इनसे वसूली भी करती थी। झुग्गी झोपडि़यों के साइज के हिसाब से रेट निर्धारित थे। फिलहाल भूखंडों को अवैध कब्जों से मुक्त करा लिया गया है।

विश्वभूषण मिश्र, नजूल अधिकारी, एलडीए