मॉर्निंग में लगी आग

थाना शाहगंज के आजमपाड़ा निवासी लतीफ शेरवानी पुत्र बजीरा के कारखाने में सुबह चार बजे आग लग गई। साते लोग जान बचाने को बाहर दौडऩे लगे। कीमती सामान के साथ लोग गलियों में जमा हो गए। छतों पर रखी पानी की टंकियां फट गईं। कारखाने में रखे केमीकल ने ऐसी आग पकड़ी कि लपटें आसमान छू रही थीं।

दमकलें खड़ी रहीं बाहर

आग लगने की खबर पर तीन फायर ब्रिगेड घटना स्थल पर तत्काल पहुंच गई। लोग अपने-अपने घरों की सब मर्सिबल चलाकर आग को बुझाने का प्रयास करने लगे। आजमपाड़ा में गलियां छोटी होने की वजह से फायर ब्रिगेड अंदर नहीं जा सकीं। फायरकर्मियों ने लंबा पाइप मंगाकर किसी तरह से कारखाने तक पहुंच बनाई।

मकान हो गया ध्वस्त

आग की लपटों से दो मंजिला कारखाने की दीवारें दरक गईं। कारखाने की छत टूटकर नीचे गिर गई है। लतीफ ने बताया कि कारखाने के अंदर रखा हजारों रुपए का माल जल गया। लाखों रुपए की बिल्डिंग ध्वस्त हो गई। फायर आफिसर ऑफिसर केके राय ने बताया कि कारखाना अवैध चल रहा था। उसके पास कोई लाइसेंस नहीं है।

करते हैं बिजली चोरी

शहर के घनी आबादी वाले एरियाज में लोगों ने घरों के अंदर छोटे-छोटे कारखाने बना रखे हैं। नीचे गोदाम बनाते हैं और ऊपर वाले हिस्सों में कारीगर लगाकर जूते का काम करवाते हैं। इन एरिया में कारखाने चलाने के लिए बिजली भी चोरी करते हैं। इंकमटैक्स, सेलटैक्स आदि टैक्स भी बचा लेते हैं।

चाइल्ड से भी काम करा रहे

मंटोला, नाई की मंडी, शाहगंज, प्रकाश नगर, हींग की मंडी, ढोलीखार, फुब्बारा, ताजगंज आदि एरियों में  जूते के सैकड़ों छोटे -छोटे कारखाने चल रहे हैं। इनके अंदर बाल मजूदरों से कम पैसों पर काम कराया जाता है। इन एरियों में पुलिस और प्रशासन की टीम भी जाने की हिम्मत नहीं जुटा पाती हैं.  स्थिति इतनी विकट है कि इन कारखानों में काम कराने के लिए दूसरे राज्यों से ठेके पर चाइल्ड लेबर हॉयर की जाती है।

अभय भान पांडेय-सीएफओ

शॉट-सर्किट से आग लगी थी। गलियां सकरी होने से आग बुझाने में परेशानी आई। ऐसे कारखानों की लिस्ट पुलिस और प्रशासन को भेजी जाएगी। बिना परमीशन के कारखाना चल रहा था.