शहर में अवैध होर्डिग्स की संख्या हजारों में है, जिनका निगम में कोई रिकार्ड ही नहीं है

रिकार्ड में पंजीकृत विज्ञापन एजेंसी व होर्डिग्स ठेकेदार का डाटा चेक करने में जुट निगम

फोटो चालान अभियान के तहत संबंधित एजेंसी को फोटो के साथ जुर्माने की रसीद भी भेजी जाएगी

Meerut. शहर की सड़कों पर अवैध रुप से विज्ञापन पट, फ्लैक्स और होर्डिग्स पर लगाम कसने के लिए नगर निगम ने कमर कस ली है, जिसके तहत निगम ने शहर में लगे होर्डिग्स और फ्लैक्स की गिनती शुरू कर दी है. गिनती के अनुसार रिकार्ड से मिलान करने के बाद अवैध होर्डिग्स और फ्लैक्स को हटाने के लिए फोटो चालान की कार्रवाई को अमल में लाया जाएगा.

सैकड़ों अवैध होर्डिग्स और फ्लैक्स

दरअसल, शहर सीमा के अंदर नगर निगम द्वारा होर्डिग्स और फ्लैक्स का ठेका छोड़ा जाता है. इसके लिए विज्ञापन कंपनी व होर्डिग्स ठेकेदार द्वारा एक या दो साल के अनुबंध के तहत निगम में पैसा जमा कराया जाता है. पैसा शहर में लगाए गए होर्डिग्स और फ्लैक्स की संख्या के हिसाब से जमा होता है. मगर ठेकेदार अपनी मर्जी से निर्धारित संख्या से अधिक होर्डिग्स और फ्लैक्स लगा देते हैं. शहर में ऐसे होर्डिग्स की संख्या हजारों में है, जिनका निगम में कोई रिकार्ड ही नहीं है.

फोटो चालान से वसूली

निगम निर्धारित संख्या से अधिक होर्डिग्स और फ्लैक्स लगाने वाले ठेकेदारों पर लगाम कसने के लिए शहर की सड़कों पर लगे होर्डिग्स और फ्लैक्स का फोटो खींचकर संबंधित एजेंसी के पास जुर्माना वसूलने के लिए भेजेगा. इस फोटो के साथ निगम द्वारा जारी जुर्माने की रसीद होगी.

निगम को नहीं है पता

गौरतलब है कि निगम को अभी ये नहीं पता है कि शहर में कितने होंर्डिग्स और फ्लैक्स अवैध हैं. इसलिए अभियान की शुरुआत से पहले निगम रिकार्ड में पंजीकृत विज्ञापन एजेंसी व होर्डिग्स ठेकेदार का डाटा चेक करने में जुट गया है. डाटा में विज्ञापन एजेसियों के अनुबंध अवधि से लेकर विज्ञापन पटों की संख्या और स्थान का मिलान किया जाएगा. इससे विज्ञापनों की वास्तविक स्थिति की जांच और अवैध रुप से लगे विज्ञापनों की पहचान हो जाएगी. जिसके बाद अवैध विज्ञापनों पर फोटो चालान का एक्शन होगा.

अवैध होर्डिग्स और फ्लैक्स की गिनती की जा रही है. जो अवैध हैं, उनका मौके पर ही फोटो खींचकर संबंधित एजेंसी को चालान भेजा जाएगा.

राजेश कुमार, संपत्ति अधिकारी

खानापूर्ति में सिमटा निगम का अभियान

शहर की साफ सफाई और अतिक्रमण हटाने के जिम्मेदार नगर निगम के अभियान खानापूर्ति तक ही सीमित नजर आते हैं. कुछ दिनों तक तो अभियान का असर दिखाई देता है लेकिन इसके बाद स्थिति जस की तस हो जाती है. हां कागजों में शत प्रतिशत अभियान का असर दिखाकर अधिकारी वाहवाही जरूर बटोर लेते हैं. कुछ ऐसा ही हुआ निगम के होर्डिग्स हटाओ अभियान के दौरान. करीब पांच दिन चले इस अभियान में निगम को शहर की सड़कों पर लगे अवैध यूनीपोल, होर्डिग्स फ्लैक्स को हटाना था लेकिन मात्र 120 होर्डिग्स हटाकर खानापूर्ति कर दी गई. जबकि आज भी शहर की सड़कों पर होर्डिग्स फ्लैक्स अटे हुए हैं.

120 होर्डिग्स हटाए

गौरतलब है कि बीते 5 मई को नगर निगम ने शहर की सड़कों पर लगे अवैध होर्डिग्स को हटाने का अभियान शुरु किया था. इस अभियान के तहत शहर की सभी प्रमुख सड़कों पर नगर निगम के संपत्ति विभाग की टीम ने अवैध रुप से लटके फ्लैक्स या सड़क किनारे लगे होर्डिग्स को हटाने का काम शुरु किया, लेकिन पांच दिन मे निगम मात्र 120 होर्डिग्स को ही हटाने तक सीमित रहा. वहीं निगम ने 300 के करीब छोटे फ्लैक्स को गिरा कर अभियान की इति श्री कर दी.

यूनीपोल से निगम ने बनाई दूरी

इस अभियान के दौरान बीओटी के तहत शहर की सड़कों के बीच डिवाइडर में लगे यूनीपोल से निगम ने दूरी बनाए रखी. शहर में एक भी मुख्य सड़क से यूनीपोल को ना तो हटाया गया ना ही संबंधित ठेकेदार से उनके ठेके की अवधि के विषय में जानकारी ली गई जबकि अधिकतर यूनीपोल पूरी तरह से मानकों के विपरित खडे़ हुए हैं.

अभियान का आंकड़ा

5 मई 36 होर्डिग्स

6 मई 26 होर्डिग्स

7 मई 22 होर्डिग्स

8 मई 20 होर्डिग्स

9 मई 16 होर्डिग्स

फ्लैक्स टोटल करीब 300

अभियान के तहत काफी हद तक अवैध होर्डिग्स को हटा दिया गया है. बाकी का रिकार्ड चेक किया जा रहा है कि कितने होर्डिग्स का पैसा निगम में जमा है और कितने लगाए हुए हैं. इसके अलावा यूनीपोल का मामला कोर्ट में चल रहा है इसलिए यूनीपोल अभियान में शामिल नही हुए.

राजेश कुमार, संपत्ति अधिकारी