-सिटी में अभी भी चल रहे अवैध जांच सेंटर्स
-कमिश्नर के निर्देश के बाद भी जारी मनमानी, स्वास्थ्य विभाग कसेगा शिकंजा
GORAKHPUR: सिटी में अवैध पैथोलॉजी और नर्सिग होम संचालकों की मनमानी जिला प्रशासन की कार्रवाई पर भी भारी पड़ रही है। हाल ये कि अवैध नर्सिग होम, क्लीनिक, अल्ट्रासाउंड सेंटर्स के खिलाफ तमाम अभियानों के बाद भी ये लोग बाज नहीं आ रहे। स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों पर नजर डालें तो अप्रैल से अब तक यहां 38 अवैध जांच सेंटर्स पर कार्रवाई की गई, जिनमें पांच को सील भी किया गया। लेकिन इन सेंटर्स के संचालकों ने दोबारा अवैध रूप से सेंटर चलाना शुरू कर दिया। हालांकि स्वास्थ्य विभाग के जिम्मेदारों का कहना है कि ऐसे तीन सेंटर्स के खिलाफ कैंट थाने में केस भी दर्ज कराया गया है। पिछले दिनों कमिश्नर ने मीटिंग कर जिम्मेदारों को आदेश भी दिए थे कि एक विशेष टीम गठित कर अवैध सेंटर्स के खिलाफ अभियान चला सख्त कार्रवाई की जाए।
कमिश्नर ने दिए थे कार्रवाई के निर्देश
जिले में चल रहे अवैध अल्ट्रासाउंड सेंटर, नर्सिग होम, पैथोलॉजी, क्लीनिक पर शिकंजा कसने के लिए एक हफ्ते पहले कमिश्नर ंअमित गुप्ता ने स्वास्थ्य डिपार्टमेंट की मीटिंग बुलाई। जिसमे ंएडी हेल्थ पुष्कर आनंद और सीएमओ डॉ। श्रीकांत तिवारी भी मौजूद थे। इस दौरान जिम्मेदारों को शहर में अवैध रूप से चल रहे जांच सेंटर्स पर कार्रवाई के लिए टीम गठित करने का निर्देश दिया गया। साथ ही उन्होंने एडी हेल्थ को स्पेशल टीम बनाकर जिले ऐसे सेंटर्स के खिलाफ अभियान चलाने के लिए कहा। इसके लिए एडी हेल्थ की तरफ से चार सदस्यीय टीम गठित कर दी गई है। वहीं सीएमओ ने सभी एसीएओ को निर्देश दिया है कि वह अपने क्षेत्र में चल रहे अवैध सेंटर्स की जांच कर कार्रवाई करें। स्वास्थ्य विभाग स मिली जानकारी के मुताबिक पीसीपीएनडीटी एक्ट के तहत औसतन हर तीन दिन में एक सेंटर की जांच की जाती है। कमियां मिलने पर कानूनी कार्रवाई भी की जाती है। यह सभी कवायद लिंग परीक्षण करने वालों पर शिकंजा कसने के लिए हो रही है। यह भी सुनिश्चित किया जा रहा है कि सेंटर पर कार्य करने वाले योग्य हैं या नहीं।
तीन सेंटर्स पर हो चुकी एफआईआर
एक माह पूर्व स्वास्थ्य विभाग की छापेमारी में सिघडि़या एरिया में स्थापित स्टार डायग्नोस्टिक, ट्रांसलैब डायग्नोस्टिक और कृष्णा डायग्नोस्टिक सेंटर का रजिस्ट्रेशन ना होने और ट्रेड स्टाफ न मिलने पर सेंटर्स सील किए गए। बावजूद इसके सेंटर्स संचालकों ने बिना स्वास्थ्य विभाग की अनुमति के ही सील खोलकर जांच शुरू कर दी। इसकी जानकारी मिलते ही सीएमओ डॉ। श्रीकांत तिवारी ने तत्काल इन संचालकों के खिलाफ केस दर्ज कराने का आदेश दिया। स्वास्थ्य विभाग की ओर से मिली तहरीर के आधार पर कैंट पुलिस ने उनके खिलाफ केस दर्ज कर लिया।
फैक्ट फिगर
जिले में रजिस्टर्ड अल्ट्रासाउंड सेंटर्स - 234
नर्सिग होम व हॉस्पिटल - करीब 323
क्लीनिक - 82
पोर्टेबल सोनोग्राफी मशीन - 15
अप्रैल से अब तक सेंटर्स पर छापेमारी - 38
छापेमारी के दौरान सील की कार्रवाई - 5
कमियों को दूर करने के लिए सेंटर्स को नोटिस जारी - 12
अवैध संचालकों पर केस दर्ज - 3
वर्जन
शहर व ग्रामीण क्षेत्र में अवैध सेंटर्स के खिलाफ लगातार छापेमारी की जा रही है। जिन सेंटर्स पर कमियां पाई जा रही हैं उन्हें दूर करने के लिए नोटिस दी गई है। सील की कार्रवाई के बाद जो संचालक सेंटर्स चला रहे हैं उनके खिलाफ केस दर्ज कराया गया है। अवैध सेंटर्स के खिलाफ अभियान को और गति दी जाएगी। जिनका रजिस्ट्रेशन नहीं हुआ है वह तत्काल सीएमओ ऑफिस पहुंच अपना रजिस्ट्रेशन करा लें नहीं तो पकड़े जाने पर कार्रवाई की जाएगी।
- डॉ। श्रीकांत तिवारी, सीएमओ