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छ्वन्रूस्॥श्वष्ठक्कक्त्र: शहर में अवैध तौर पर चल रही मटन, चिकन की दुकानें फूड सिक्योरिटी स्टैंडर्ड की धज्जियां उड़ा रही हैं। शहर में बिना किसी मानक और नियमों को ताक पर रखकर मीट की दुकानों का संचालन किया जा रहा है। शहर में पिछले साल मई में इन मीट की दुकानों को नोटिस दिया गया था, वहीं मानगो आजाद बस्ती में कई दुकानों को बंद भी कराया गया था। शहर में इसके बाद भी बिना लाइसेंस के ही मांस का कारोबार किया जा रहा है। वहीं फूड सेफ्टी डिपार्टमेंट मौन बना बैठा है। इससे अवैध मांस का कारोबार करने वाले दुकानदारों के हौसले बुलंद हैं।

बिना स्लाटर हाउस चल रहा व्यापार

शहर में दो से तीन सौ मटन की और पांच सौ सै ज्यादा चिकन की दुकानें है। हालत यह है कि हर दस कदम पर एक चिकन की दुकान खुली है। शहर में मांस का बड़ा कारोबार होने के बाद भी शहर में एक भी स्लाटर हाउस नहीं है। लेकिन शहर में बिना किसी नियम कानून के मांस का कारोबार चलाया जा रहा है।

क्या है फूड सुरक्षा मानक

-मीट चिकन शॉप केवल अधिकृत स्लाटर हाउस से लाए गए चेक मीट की ही ब्रिकी होनी चाहिए

-मीट चिकन शॉप के अंदर किसी पशु, पक्षी को मारना पूरी तरह से प्रतिबंधित है।

- भैसे एवं सुअर का मीट बेचने पर किसी धर्म या संप्रदाय द्वारा शांति व्यवस्था की दृष्टि से पुलिस प्रशासन या स्थानीय निकाय से एनओसी प्राप्त करना अनिवार्य है।

- मीट तथा चिकेन शॉप में साफ पानी होना चाहिए तथा मांस को सुरक्षित रखने के लिए फ्रीज आदि होना चाहिये।

- मीट चिकेन शॉप किसी भी धार्मिक स्थल की बाउंड्री से 50 मीटर दूर, मंदिर के प्रवेश द्वार से 100 मीटर की दूरी पर ही होना चाहिए।

- मीट शॉप का लाइसेंस मीट कारोबार से जुड़े सभी तकनीकी तथा प्रशासनिक निर्देशों पर दिया जाता है।

- मीट चिकन शॉप के अंदर पशु पक्षी के अवशेष जैसे- हड्डी, खाल सिर, आत नहीं रखा होना चाहिये।

-मीट शॉप पर किसी जीवित पशु को रखने पर भी प्रतिबंध है।

-नियम के अनुसार दुकान में मांस काटना पूरी तरह से प्रतिबंधित है लेकिन शहर की अधित्तर दुकानों में मांस काटा जाता है।

लाइसेंस के लिए ऐसे करें आवेदन

फूड सेफ्टी डिपार्टमेन्ट से लाइसेंस लेने के लिए व्यापारी या दुकानदार फूड एवं सेफ्टी विभाग की वेबसाइट www.द्घह्यह्यड्डद्ब.द्बठ्ठ पर आवेदन कर सकते हैं। दुकान की रजिस्ट्रेशन की फीस 100 रुपये वहीं एक साल का रजिस्ट्रेशन शुल्क 2000 लिया जाता है। एक साल बाद लाइसेंस रीनिअल कराना होता है। व्यापारी शहर के खासमहल परसुडीह स्थित कार्यालय से भी संपर्क कर आप लाइसेंस के लिए आवेदन कर सकते हैं, जहां से आपको पूरी जानकारी दी जाएगी।

दूषित मांस से हो सकती हैं बीमारियां

शहर में दूषित मांस खाने से लोगों लोगों को पेट संबंधी बीमारियां हो सकती है। बता दें कि कि सी भी पशु को काटने से पहले है वेटेनरी डाक्टर द्वारा उसकी जांच कर यह मालूम किया जाता है कि पशु को कोई रोग तो नहीं है। बीमार पशुओं को खाने से लोगों को अनेक प्रकार की बीमारियां हो सकती है। दूषित मांस पेट संबंधी बीमारियों का खतरा रहता है।

शहर में मीट चिकेन की शॉप के लिए व्यापारी आवेदन करें। विभाग उनकों लाइसेंस देने में पूरा सहयोग करेगा। शहर में एक वैध स्लाटर हाउस बनाने के लिए प्रशासन को लिखा गया है। लोगों के स्वास्थ्य का पूरा ख्याल रखा जा रहा है। कोई भी दुकानदार फूड सेफ्टी मानक पर खरा नहीं उतरता है तो उसपर कार्रवाई की जाएगी।

गुलाब लकड़ा, फूड इंस्पेक्टर, जमशेदपुर

बिना लाइसेंस के चल रही मांस की दुकानों पर मानक को ताक में रखकर मांस की बिक्री की जा रही है। इसलिए मांस साफ सुथरी और परिचय की दुकानों से ही खरीदें। दूषित मांस से पेट संबंधी अनेक बीमारियां हो सकती है।

-डॉ संतोष गुप्ता, एमजीएम