वार्ड 31 में पार्को पर कब्जे, निगम ने साधी चुप्पी, डेयरियों से परेशान शास्त्री नगर के निवासी
अवैध कब्जों से सिमट गए पार्क, खेलने को तरसे बच्चे
Meerut । वार्ड 31 शास्त्री नगर के निवासी पार्क न होने से परेशान हैं। स्थानीय निवासियों का कहना है कि अधिकांश पार्को पर लोगों ने कब्जा कर रखा है। नगर निगम से कई बार शिकायत कर चुके हैं। बावजूद इसके नगर निगम ने अवैध कब्जा करने वालों के खिलाफ कोई एक्शन नहीं लेता है। कुछ ऐसा ही हाल डेयरियों का है। वार्ड में डेयरियां अधिक हैं। लिहाजा डेयरियों से निकलने वाला गोबर नालियों में बहाया जाता है। जिसके कारण नालियां चोक हो जाती हैं। वहीं वार्ड में गंदगी की भी समस्या अधिक है। नाले की सफाई महीनों से नहीं हुई है। इतना जरूर है वार्ड में गलियों के बाहर गंदगी नहीं दिखाई देती है। इसकी जगह गलियों में गोबर ने ले रखी है। खाली पड़े प्लॉट्स में डेरी मालिकों ने गोबर के उपले रखे हैं। जिसके कारण शास्त्री नगर व प्रवेश विहार में मच्छरों की तादाद काफी अधिक रहती हैं।
ये है डिमांड
- पार्को से कब्जे हटने चाहिए।
- नालों की सफाई होनी चाहिए
- नालियों की सफाई होनी चाहिए।
- मोहल्ले से डेयरियां बाहर होना चाहिए।
- सफाई दोनो समय होनी चाहिए।
वार्ड- 31
पार्षद- पंकज कतीरा
जनसंख्या- 18 हजार
वोटर- 15 हजार
मोहल्ले- शास्त्री नगर जे ब्लॉक, के ब्लॉक, एल 2 सेक्टर 13, एल 1, के 3, 4, 5, सरदार पटेल नगर, वसुंधरा कॉलोनी , प्रवेश विहार
पढ़ाई- ग्रेजुएट
प्रश्न- पांच साल में क्या-क्या विकास कार्य कराए
उत्तर- मैंने पांच साल में करीब सात करोड़ रुपये के विकास कार्य कराए हैं। जिसमें सड़क, खड़ंजे, सोडियम, इंटर लॉकिंग टॉयल लगवाई हैं। इसके अलावा पार्को का सौंदर्यीकरण कराया हैं।
प्रश्न- नाले व नालियों की सफाई नहीं होती है।
उत्तर- नालियों की सफाई नियमित रूप से होती है। सफाई कराकर कूड़ा भी उठाया जाता है। रही बात नाले की तो उसको प्रयास किया जाता है कि जल्द से जल्द सफाई करा दी जाए।
प्रश्न- पार्को में लोगों ने कब्जे कर रखे हैं इसके लिए क्या प्रयास किए
उत्तर- यह बात सही है पार्को पर कब्जे हो रहे हैं। कई बार कब्जे मुक्त कराए हैं। उनका विकास कराया जा रहा है। बहुत से पार्को का सौंदर्यीकरण कराया गया है।
नाले
वार्ड 31 में नाले के देखकर ऐसा लगता है कि काफी समय से नाले की सफाई नहीं हुई है। कूड़े से नाला अटा है। जिसके कारण नाले में गिरने वाले पानी की निकासी नहीं होती है। वार्ड में नियमित होने वाली सफाई का सारा कूड़ा नाले की में फेंका जाता है।
नालियां
वार्ड-31 नालियों का हाल नालों की तरह ही है। नालियां गंदगी से अटी हैं। काफी समय से इनकी सफाई नहीं हुई है। नाली गंदी होने से लोगों को खासी परेशानी होती है। कई बार लोग नालियों की सफाई के लिए निगम से शिकायत कर चुके हैं।
हैंडपंप
वार्ड में अधिकांश हैंडपंप खराब पड़े हैं। स्थानीय लोगों की मानें तो कई नल सालों से खराब पड़े हैं। कई बार निगम को शिकायत कर चुके हैं। बावजूद इसके निगम ने अभी तक नलों को ठीक नहीं कराया।
पार्क
वार्ड-31 में अधिकांश पार्को पर लोगों ने कब्जा कर रखा है। जिसके कारण वार्ड में बच्चों के खेलने के लिए एक भी पार्क नहीं है। निगम के पार्को पर कब्जे हो गए बावजूद इसके निगम के अधिकारियों ने इसकी सुध लेने की कोशिश नहीं की।
गोबर
वार्ड में गोबर भी बहुत बड़ी समस्या है। हालात यह है कि खाली पड़े प्लॉट्स में डेयरी मालिक गोबर डालते हैं। वहीं पर उपले पाथे जाते हैं। गोबर के कारण मोहल्लों में मच्छरों की तादाद बढ़ गई है।
वर्जन
वार्ड में सफाई तो होती है। लेकिन नाली व नालियों की सफाई नहीं होती है। कम से कम नाले एक माह और नालियों सप्ताह में एक बार तो साफ होने चाहिए। यदि यह हो जाए तो बहुत अच्छा हो जाएगा।
अविनाश शर्मा
पार्क से कब्जे हटने चाहिए। बच्चों के खेलने के लिए यहां पर कोई पार्क नहीं है। कम से कम बच्चों के खेलने के लिए पार्क तो होने चाहिए। नगर निगम को पार्को पर से कब्जे हटने चाहिए।
कैलाश जोशी
हैंडपंप तो कम से कम ठीक होने चाहिए। कई हैंडपंप ऐसे है जिनको खराब हुए एक साल से अधिक समय हो गया है। लेकिन किसी ने भी इसकी सुध नहीं ली है। बिजली जाने पर पानी की समस्या हो जाती है।
सुमित यादव
नालों की सफाई तो होनी चाहिए। नाले गंदगी से अटे हैं। काफी समय हो गया नाले की सफाई हुए। कई बार निगम से शिकायत कर चुके हैं। लेकिन नगर निगम है कि नालों की सफाई ही नहीं कराता है।
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