अपनी सुरक्षा, अपने हाथ

अगर किसी ट्रेन के एसी क्लास में सफर कर रहे हैं तो फिर सीट पर बैठने से पहले कोच के बेडरोल बॉक्स पर जरा एक सरसरी नजर मार लीजिएगा। दो-तीन हजार रुपए के लिए कोच अटेंडेंट किस सामान को इस बाक्स में रख दें कुछ भरोसा नहीं है। 11 सितंबर को दिल्ली-डिबू्रगढ़ राजधानी एक्सपे्रस में मोबाइल फोन का जखीरा बरामद हुआ था। ट्यूजडे को दिल्ली इलाहाबाद दूरंतो एक्सपे्रस के एसी क्लास के बेडरोल बाक्स में मोटर पार्टस के पैकेट्स रखकर ला रहे दो कोच अटेंडेंट को आरपीएफ ने गिरफ्तार किया है। यह दोनों एसी सेकंड व एसी थर्ड कोच में कोच अटेंडेंट की ड्यूटी दे रहे थे। इनके नाम सुरेश पांडेय व मुलायम सिंह यादव हंै। आरपीएफ ने करीब लाखों की लागत का मोटर पाट्र्स का सामान जब्त कर लिया है।

अब अंदाजा लगा लीजिए

अब इसका आसानी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि जब मोटर पाट्र्स का हैवी सामान एसी कोच के बेडरोल में रखा जा सकता है तो फिर यह कोच अटेंडेंट कुछ भी ट्रेन में रखकर ला सकते हैं। आरपीएफ प्रभारी आंनद कुमार ने बताया कि ट्रेनों के कोच अटेंडेंट द्वारा कूरियर ब्वाय का काम किया जा रहा है। टैक्स बचाने और सामान को जल्दी पहुंचाने के लिए यह लोग एक फिक्स रकम लेते हैं और फिर पैकेट को चोरी छिपे गंतव्य स्टेशन तक पहुंचा देते हैं। कोच अटेंडेंट ने पूछताछ में आरपीएफ को बताया कि यह सामान सिविल लाइंस स्थित एक मोटर पाट्र्स शॉप के ओनर के यहां सप्लाई करना था। हर डिलेवरी पर वह तीन हजार रुपए मिलता था।

जो चाहिए, वह मंगा लीजिए

कीडगंज में पार्सल में विस्फोट की घटना तीन दिन पहले हुई थी। उसके बाद भी रेलवे इस इश्यू पर सीरियस नहीं है। चौंकाने वाली बात यह है कि दिल्ली जैसे हाई सिक्योरिटी वाले स्टेशन पर जब इतने बड़े-बड़े पैकेट को चोरी-छुपे टैक्स बचाकर लाया जा सकता है तो फिर और स्टेशनों पर सिक्योरिटी की हालत क्या होगी?