स्लग: टेंडर किसी के नाम और काम किसी और को दिया

-शुरू हो गई बुकिंग, लेकिन एक साल का कोई हिसाब नहीं

Figures speak

60 कमरों का है रैन बसेरा

50 कमरों में डेली मरीजों के परिजन

50 रुपए चार्ज है डेली एक कमरे का

RANCHI (4 May): रिम्स कैंपस में बने परिजन विश्राम गृह (रैन बसेरा) का अवैध संचालन हो रहा है। इससे हर दिन हजारों रुपए की अवैध कमाई भी किसी खास की जेब में जा रही है। इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि रैन बसेरा के संचालन का जिम्मा रिम्स प्रबंधन ने अन्नपूर्णा यूटिलिटी सर्विस को दिया था, लेकिन इसका संचालन कोई और कर रहा है। इसका एक रुपया भी रिम्स को नहीं मिल रहा है। इसके बावजूद प्रबंधन अवैध संचालक पर कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है। बताते चलें कि डेढ़ साल पहले रैन बसेरा की शुरुआत की गई थी, जिसकी बुकिंग के लिए 50 रुपए चार्ज तय किया गया था। इसके लिए टेंडर प्रक्रिया भी पूरी की गई थी।

कमाई का कोई हिसाब नहीं

हास्पिटल में इलाज के लिए आने वाले मरीजों के परिजनों को ठहरने के लिए कैंपस में रैन बसेरा चालू किया गया था, इसमें करीब 60 कमरे हैं। वहीं सभी कमरे में परिजनों के लिए बेड भी लगाए गए हैं। जहां हर कमरे के लिए 50 रुपए चार्ज लिया जाता है। वहीं हर 24 घंटे के बाद परिजनों को पैसे जमा कराना पड़ता है। लेकिन हर दिन परिजनों से होने वाली कमाई का कोई हिसाब ही नहीं है। वहीं कई परिजनों से रूम उपलब्ध कराने के लिए मनमाना चार्ज भी लेने की शिकायत है।

फुल रहते हैं सभी कमरे

रैन बसेरा में 60 कमरे हैं। लेकिन बुकिंग केवल 50 कमरों की ही की जाती है। रैन बसेरा के सभी कमरे हमेशा फुल रहते हैं। ऐसे में एक दिन की कमाई तीन हजार रुपए होती है। वहीं महीने का हिसाब लगाया जाए तो 90 हजार रुपए की कमाई हो रही है। इतना ही नहीं, साल में 10 लाख रुपए की होने वाली आमदनी में से रिम्स को कुछ नहीं मिल रहा है।

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संचालन को निकला था टेंडर

रैन बसेरा का संचालन रविंद्र वर्मा कर रहे हैं। इससे पहले रैन बसेरा के संचालन के लिए टेंडर निकाला गया था। इसमें अन्नपूर्णा यूटिलिटी सर्विसेज के अलावा कई लोगों ने टेंडर डाला था। इसमें अन्नपूर्णा यूटिलिटी को सबसे कम रेट रखने के लिए चुना गया था। लेकिन बाद में मंत्री और अधिकारियों के दबाव में एजेंसी से काम वापस ले लिया गया।

पैसे लेने के बाद भी सुविधा नहीं

रैन बसेरा में ठहरने के लिए हर दिन लोगों से 50 रुपए चार्ज लिए जाते है। इसके तहत मरीजों को रूम में बेड, बेडशीट और पंखे की सुविधा देनी है। लेकिन संचालक न तो परिजनों को बेडशीट उपलब्ध करा रहा है और न ही उन्हें पंखे की हवा लग रही है।