RANCHI: सिटी के गली-मोहल्लों में बिना मान्यता के 600 से अधिक निजी स्कूल चल रहे हैं। मानव संसाधन विकास विभाग की अनुमति लिए बिना चल रहे इन निजी स्कूलों पर शिक्षा विभाग कार्रवाई की तैयारी कर रहा है। राइट टू एजुकेशन एक्ट 2009 लागू होने के बाद सभी निजी स्कूलों को एचआरडी से मान्यता प्राप्त करनी थी। इसके लिए स्कूली शिक्षा व साक्षरता विभाग पहले ही अधिसूचना जारी कर चुका है। सरकार द्वारा बनाई गई नियमावली के अनुसार, पहले से चल रहे स्कूलों को मान्यता के लिए छह माह का समय दिया गया था जबकि मान्यता नहीं लेने वाले निजी स्कूलों पर जुर्माना और कार्रवाई की भी बात कही गई थी। लेकिन, आदेश के बावजूद शहर में 600 से अधिक स्कूलों को न मान्यता मिली न ही विभाग की ओर से कार्रवाई करने की पहल की गई।

10 निजी स्कूलों को ही मान्यता

रांची जिले के 550 निजी स्कूलों ने शिक्षा विभाग को मान्यता के लिए आवेदन दिया था जिनमें पहले फेज में मात्र 10 निजी स्कूलों को ही मान्यता मिली थी। शिक्षा विभाग की जांच टीम स्थल की जांच कर रिपोर्ट का सत्यापन करने के बाद ही स्कूलों को मान्यता देती है। शहर के अधिकतर प्रसिद्ध स्कूलों को मान्यता प्राप्त नहीं हो सकी थी। बाद में 50 से अधिक स्कूलों ने फिर से मान्यता के लिए आवेदन दिया है।

टीचर पढ़ा रहे ट्यूशन

निजी स्कूलों में कार्यरत शिक्षक उनके स्कूल या किसी अन्य स्कूलों में पढ़ने वाले स्टूडेंट्स को कोचिंग संस्थान या घर में ट्यूशन नहीं पढ़ा सकते। शिक्षकों द्वारा बच्चों को ट्यूशन के ्िलए बाध्य करने की जानकारियों के बाद इस प्रावधान को लागू किया गया। इसके बावजूद सिटी के अधिकतर शिक्षकों द्वारा ट्यूशन पढ़ाने की शिकायतें विभाग को मिलती रही है।

नियमों में बंधे स्कूलों को देनी है जानकारियां

शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत निजी स्कूलों को शिक्षकों की संख्या, छात्रों की संख्या, आधारभूत संरचना की स्थिति सहित अन्य जानकारी देना आवश्यक है। इसके साथ स्कूलों में शिक्षकों को अनिवार्य रूप से प्रशिक्षण सुविधा उपलब्ध कराना, गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मुहैया कराना, समय पर पाठ्यक्रम पूरा कराना, 200 छात्रों की संख्या पर पांच प्रशिक्षित शिक्षक का अनिवार्य रूप से होना, स्कूल में खेल का मैदान होना जरूरी है।

एक लाख तक जुर्माना

एचआरडी से मान्यता लिए बगैर चल रहे निजी स्कूलों पर एक लाख रुपए तक का जुर्माना लगाने की तैयारी की जा रही है। आदेश के बाद भी नियमों का उल्लंघन करने वाले निजी स्कूलों पर प्रतिदिन दस हजार रुपए तक का जुर्माना लगाया जा सकता है।

वर्जन

कुछ मामलों में नियमों की अनदेखी किए जाने का बातें सामने आई हैं। विभाग इसपर कार्रवाई की तैयारी कर रहा है। बिना मान्यता के स्कूलों का संचालन गैर कानूनी है। इसलिए इन्हें जल्द से जल्द मान्यता प्राप्त कर लेनी चाहिए।

एपी सिंह, शिक्षा सचिव