हाल-ए-जंक्शन

20 रुपये में बेच रहे रेल नीर, एमआरपी 15

30 रुपए में दे रहे सिर्फ 4 पूड़ी, जनता खाना गायब

10 नंबर प्लेटफॉर्म पर चल रहा है अवैध वेंडरिंग का खेल

35 सीसीटीवी कैमरों के बावजूद चल रहा है धंधा

ALLAHABAD: इलाहाबाद जंक्शन पर अवैध वेंडिंग का खेल पूरी तरह से जारी है। यहां तक कि जीएम एनसीआर के आदेश की भी धज्जियां उड़ा दी गई हैं। चेकिंग अभियान और स्पेशल ड्राइव के बावजूद, इस खेल पर लगाम नहीं लग पा रही है। बुधवार को दोपहर 12.20 बजे प्लेटफॉर्म नंबर 10 पर लोकमान्य तिलक टर्मिनस से गोरखपुर जाने वाली एलटीटी एक्सप्रेस पहुंची थी। दैनिक जागरण-आई नेक्स्ट रिपोर्टर ने इस दौरान जो हाल देखा वो कुछ यूं था

सीन-1

वैध स्टॉल, अवैध वेंडिंग

ट्रेन प्लेटफार्म पर रुकते ही पैसेंजर्स स्टॉल पर टूट पड़े। यहां देखते ही देखते अवैध वेंडिंग का धंधा शुरू हो गया। अधिकारियों की निगरानी से बचने के लिए रेलवे स्टॉल से और स्टॉल के आड़ में वेंडर अवैध वेंडिंग करते हुए दिखाई दिए। रेलवे के अधिकृत स्टॉल से पैसेंजर को केवल जनता खाना ही बेचने का आदेश है। लेकिन किसी भी स्टॉल पर जनता खाना का पैकेट दिखाई नहीं दिया। यहां 30 रुपये में पानीदार सब्जी के साथ चार पूड़ी बेची जा रही थी।

सीन-2

20 रुपये में बेच रहे रेल नीर

अभी दो दिन ही बीते हैं जब जीएम एनसीआर के आदेश पर डीआरएम इलाहाबाद अमिताभ ने जंक्शन का निरीक्षण कर एमआरपी पर ही पानी की बोतल बेचने का आदेश दिया था। लेकिन यहां डीआरएम के आदेश से कोई मतलब नहीं। 15 रुपए का रेल नीर 20 रुपए में बेचने का सिलसिला जारी है। किसी ने टोक दिया तो उसको पांच रुपए वापस मिल गए, लेकिन बाकियों के साथ लूट जारी है।

सीन-3

20 रुपये में एक पैटीज

समोसा और पैटीज भी पैसेंजर्स को निर्धारित रेट से अधिक मूल्य पर दिया जा रहा था। रेलवे ने एक समोसे का रेट पांच रुपये निर्धारित कर रखा है। वहीं स्टेशन पर वेंडर 20 रुपये में तीन समोसा बेचते हुए मिले। सामान्य तौर पर पैटीज का रेट 15 रुपए निर्धारित है। लेकिन जंक्शन पर 20 रुपये में पैटीज बेची जा रही थी।

कॉलिंग

ट्रेन तीन घंटे लेट चल रही है। इसमें पैंट्री कार भी नहीं है। भूख लगने पर जो सामने दिखा, बस लेकर खाना शुरू कर दिया है। अब वो अच्छा है या बुरा, रेट अधिक है या कम, ये समझ नहीं आता।

-कमल प्रजापति

स्टॉल पर कहीं भी जनता खाना दिखाई नहीं दिया। भूख लगी थी इसलिए मजबूरी में जो मिल रहा था वही खरीदना पड़ा। ये रेलवे अधिकारियों की जिम्मेदारी है कि पैसेंजर्स को महंगा खाना की जगह जनता खाना मिल सके।

-उदय प्रजापति

ट्रेन हो या स्टेशन, चारों तरफ जबर्दस्त लूट है। पंद्रह रुपए वाला पानी का बोतल 20 में बेचा जा रहा है। एमआरपी बताने पर कहा जा रहा है कि लेना हो तो लो नहीं तो जाओ।

-राजपत यादव

20 रुपए में तीन समोसा और 20 रुपए में एक पैटीज प्लेटफार्म पर बेचा जा रहा है। भूख लगी थी इसलिए मजबूरी में खरीदना पड़ा। मेरे अकेले विरोध करने से किसको फर्क पड़ने वाला है।

-राजू

मैने स्टॉल से एक बोतल रेल नीर लिया। जिस पर एमआरपी 15 रुपए लिखा है। लेकिन वेंडर ने 20 रुपए लिया। ऐतराज जताने पर बोला, प्लेटफॉर्म का यही रेट है।

-अमर पाल