- परिवहन निगम के अधिकारियों की मिली भगत से चल रहा है मुनाफे का खेल

- बस अड्डों पर डेरा जमाए हुए हैं अवैध वैंडर, एमडी के आदेशों की उड़ रही है धज्जियां

LUCKNOW: चारबाग और कैसरबाग, दोनों ही बस अड्डों पर परिवहन निगम ने 11-11 वेंडर्स को दुकानें खोलने की अनुमति दी है। जबकि दोनों ही जगह पर इतनी ही अतिरिक्त अवैध दुकानें चल रही हैं। यह हाल तब है जब परिवहन निगम ने प्रदेश भर के बस अड्डों के लिए आदेश जारी किया है कि किसी भी बस अड्डे पर अवैध वेंडर्स पाया जाता है तो उसके खिलाफ एफआईआर की जाएगी। आई नेक्स्ट ने जब इस मामले पर बस अड्डों की जांच-पड़ताल की तो परिवहन निगम की वेंडर्स के ऊपर खास मेहरबानी नजर आई। पेश है एक रिपोर्ट।

महज कुछ दूर है मुख्यालय से

परिवहन निगम के आदेश के बावजूद प्रदेशभर के बस अड्डों को तो छोड़ दीजिए, यह हाल राजधानी में उन बस अड्डों का है, जहां परिवहन निगम मुख्यालय मौजूद है। उससे चंद कदमों की दूरी पर बने बस अड्डे पर ही अवैध वेंडर्स का धंधा खूब फलफूल रहा है। परिवहन निगम के अधिकारियों की मेहरबानी इन अवैध वेंडर्स पर लक्ष्मी बनकर बरस रही हैं। आई नेक्स्ट ने इस धंधे की पड़ताल की तो पता चला कि मात्र 500 रुपए सुविधा शुल्क देकर यहां पर अवैध दुकानें खुल जाती हैं। निगम के अधिकारियों की सरपरस्ती में ये दुकानें यहां पर धड़ल्ले से चलती है।

चार लाइसेंस, चल रही है 14 से अधिक दुकानें

सबसे पहले बात करते हैं चारबाग बस अड्डे की। यहां पर कैंटीन समेत कुल चार लाइसेंस जारी किए गए हैं। इनमें तीन कैंटीन और एक जनरल स्टोर शामिल हैं। परिवहन निगम के अधिकारियों की मानें तो यहां पर चार लाइसेंस हैं, लेकिन स्टेशन पर एक दर्जन से अधिक दुकानें देखने को मिल जाएंगी। इन पर पानी की बोतल, गुटखा, बुक्स, कपड़े, बैग समेत कई दुकानें देखने को मिल जाएंगी। भले इनके पास लाइसेंस ना हो लेकिन इनका धंधा खूब चमक रहा है। निगम के अधिकारी प्रति दिन पांच सौ रुपए लेकर इन्हें ठेला या स्टॉल लगाने की परमीशन दे देते हैं। सिर्फ वे ही नहीं बसों के अंदर भी टॉर्च, तरह-तरह के इक्यूपमेंट्स, मौसमी फल और मैग्जींस बेचने वाले भी यहां मिल जाएंगे। इनकी मानें तो हम लोग माल भी कहीं बाहर से नहीं लाते हैं। चारबाग में खुली बड़ी दुकानों के व्यापारियों से हम माल लेते हैं। वे कम प्रॉफिट पर माल देते हैं लेकिन बस अड्डे पर हम इनको दोगुने दाम पर बेचते हैं।

परिवहन मंत्री ने मारा था छापा

कुछ ऐसा ही हाल है कैसरबाग बस अड्डे का। यहां भी अवैध वेंडर्स ने अपनी दुकानें सजा रखी हैं। बस अड्डे पर बसों के अंदर जाकर जहां फेरी वाले अपने आइटम की सेल कर रहे हैं, वहीं बस अड्डे के ही एक कोने पर पानी की बोतलें, पाउच और जनरल मर्चेट की अवैध दुकान खुली हुई हैं। इस बस स्टेशन पर पिछले साल ही परिवहन मंत्री दुर्गा प्रसाद यादव ने औचक निरीक्षण के दौरान कई दुकानदारों को यहां से हटवाया। कुछ दिनों तक तो सब ठीक रहा, लेकिन चंद दिनों बाद ही ये दुकानें फिर से सज गई। यह बस अड्डा परिवहन निगम से 500 मीटर की दूरी पर स्थित है। परिवहन निगम ने अवैध वेंडर्स को रोकने के लिए ही इनके लिए वर्दी और उस पर नाम की पट्टी लिए लगाए जाने का आदेश कम्पलसरी कर दिया है। लेकिन ना तो वेंडर्स इसका पालन कर रहे हैं और ना ही स्टेशन प्रबंधक इसको लागू करवा पा रहे हैं।

चारबाग और कैसरबाग में कितने वेंडर्स हैं, इस बारे में मुझे जानकारी नहीं है। कैसरबाग में तो अभी हाल ही में लोगों को दुकानें आबंटित की गई है। चारबाग के बारे में पता करना पड़ेगा।

- एके सिंह

आरएम, परिवहन निगम लखनऊ परिक्षेत्र

कैसरबाग में कोई अवैध वेंडर नहीं है। जो अवैध दुकानें हैं वे नगर निगम की सीमा में है। उन्हें हटाने के लिए पत्र लिखा जा चुका है। एमडी के आदेशों के अनुसार परिवहन निगम के सभी वेंडर्स को वर्दी और उस पर नाम की पट्टी होनी जरूरी है। इसको लागू किया जाना है।

- एके सिंह

स्टेशन प्रबंधक

कैसरबाग

यहां पर अवैध वेंडर्स घुस आते हैं। इनको हम लोग यहां से भगाते हैं। इसके लिए हमने नाका थाने पर भी अप्लीकेशन दे रखी है।

- गोपाल दयाल

स्टेशन प्रबंधक

चारबाग

कैसरबाग स्टेशन जारी वेंडर के लाइसेंस

कुल सात लाइसेंस जारी

एक जनरल स्टोर उसकी दो गाड़ी

एक बुक स्टॉल

एक रेवड़ी स्टॅाल

एक फ्रूट स्टॉल

एक कैंटीन

दो मिल्क प्रोडक्ट

चारबाग बस अड्डे पर जारी वेंडर के स्टॉल

- कुल चार वेंडर्स होने चाहिए

- इसमें तीन कैंटीन है और एक जनरल मर्चेट स्टोर