चारों तरफ फैला है नेटवर्क

शहर की गली और मोहल्लों में घरों से बिकने वाली शराब की पेटियां हरियाणा, राजस्थान, चंडीगढ़ से लाई जाती हैं। इसमें एक्साइज चोरी का खेल होता है। जिसके चलते शराब की पेटियां चोरी-छुपे लाई जाती हैं। हालांकि इस धंधे से जुड़े लोगों ने चेकिंग प्वाइंट पर सेटिंग बना ली है। जहां पर सुविधा शुल्क देकर बिना चेकिंग के सारा माल आसानी से शहर पहुंच जाता है। ज्यादातर माल इनोवा, स्कार्पियो, टाटा सफारी जैसी बड़ी लग्जरी गाडिय़ों से भेजा जाता है। वहीं कुछ लोग तो रोडवेज बसों और ट्रेन से भी शराब की पेटियां लाते हैं।

आठ का माल 80 में

शाहगंज में पकड़े गए बदमाश ने बताया था कि यूपी की तुलना में अन्य राज्यों जैसे हरियाणा, दिल्ली, चण्डीगढ़, राजस्थान में एक्साइज ड्यूटी कम है। वहां से थोक में आठ रुपए का क्वार्टर पड़ता है। जिसे 75 से 80 रुपए में बेंचा जाता है। यूपी की तुलना में वहां आधे रेट पर शराब की बोतल मिलती है। इससे वाइन शॉप, मॉडल शॉप और बार में भी मंहगी बोतल में सस्ती शराब मिला दी जाती है।

मिलावट का है बड़ा गेम

इंगलिश शराब ठेका संचालक ने बताया कि अधिकांश सभी ब्रांड बोतलों में मिलावट से बचने के लिए काक लगा दी जाती है। लेकिन सेल्समैनों ने मिलावट करने का तोड़ निकल लिया। बोतलों को गर्म पानी में डाल देते हैं।

मिलाई जाती है स्प्रिट

गर्म पानी में डालने से बोतल का कांच गर्म होता है। बोतल पर लगी कॉक अपने आप ढीली हो जाती है। कॉक को खोलकर मंहगे ब्रांडों की शराब में स्प्रिट मिलाई जाती है। और कॉक दोबारा लगा दिया जाता है।

इनमें भी होती है मिलावट

100 बाइपर    1300

रॉयल स्टैग      535

रॉयल चैलेंज    620

ब्लेंडर्स प्राइड   780

एनटी क्यूटी     800

मेगडॉवल्स नंबर वन  445

मेगडॉवल्स प्लेटिनम  520

इंपीरियल ब्लू       480

वोडका और जिन भी नकली

इन शराब के अलावा वोडका, जिन, बीयर और देसी शराब में भी मिलावट का खेल बदस्तूर जारी है.वोडका में तो स्प्रिट मिला दी जाती है। स्प्रिट वोडका के रंग की तरह ही सफेद होती है।

सिटी में इतने हैं शराब के ठेके

अंग्रेजी वॉइन   100

देसी वॉइन    100

बीयर          100

मार्डन शॉप      10

बार              80

(होटल्स में बार की संख्या अलग है)

पकड़ी गई हैं शराब

1. इसी महीने शाहगंज पुलिस ने बोलेरो कार से 60 पेटी शराब के क्वार्टर पकड़े थे। जिसमें इंग्लिश के क्वार्टर थे।

2. 23 अक्टूबर को पुलिस ने 30 पेटी शराब पकड़ी थी। जिसमें दो बदमाशों को जेल भेज दिया गया।  

यूथ की पहली पसंद

हरियाणा की शराब सस्ती मिलती है। जिसके चलते यूथ्स में शराब की डिमांड अधिक रहती है। वे वाइन शॉप में भी जाने से बच जाते हैं। उनको इलाके के किसी विक्रेता के घर से ही शराब की बोतल मिल जाती है। छोटा क्वार्टर होने की कारण छुपाने में भी आसानी होती है।

टैक्स की कर रहे चोरी

राजस्व के रूप में सरकार की सबसे बड़ी कमाई का जरिया आबकारी विभाग है। सरकार एक्साइज ड्यूटी से शराब पर टैक्स वसूलती है। जबकि अन्य प्रदेशों से तस्करी कर लाई गई शराब पर कोई ड्यूटी नहीं चुकाई जाती है। जिससे हर महीने सरकार को लाखों रुपए का चूना लग रहा है।

क्वार्टर की रहती है डिमांड

शहर से सटे ग्रामीण इलाकों और होटल्स में हरियाणा की शराब धड़ल्ले से बिक रही है। इस धंधे से जुड़े लोगों के बंधे ग्राहक भी होते है। इस शराब का अवैध कारोबार करने वाले ज्यादातर लोग सिर्फ क्वार्टर ही बेचते हैं.यहां क्वार्टर की डिमांड ज्यादा रहती है।

सेटिंग से मिल जाती है

सिटी के बीचों-बीच बने थाना हरीपर्वत पर सीओ और एसपी सिटी का ऑफिस है। इसके जस्ट बगल में अखिलेश टॉवर है। प्रशासन के सख्त आदेश हैं कि दस बजे के बाद कोई भी ठेका नहीं खुलेगा। लेकिन टॉवर के बेसमेंट में बना इंगलिश वॉइन की शॉप पर आप किसी भी टाइम कोई भी ब्रांड ले सकते हो। रोड पर बैठा चौकीदार आपको वॉइन दे देगा।

रमेश कुमार-शॉपकीपर, इंगलिश वॉइन

वॉइन की बिक्री की स्थिति ठीक नहीं है। कस्टमर कम आ रहे हैं। हरियाणा की शराब गली-मोहल्लों में बिकने से सेल आधी भी नहीं रह गई। अवैध तरीके से हरियाणा की शराब लाई जा रही है। ये लोगों को सस्ते में मिल जाती है।

शलभ माथुर-एसएसपी आगरा.

कुछ लोग अवैध कमाई के लिए हरियाणा या अन्य प्रदेश की शराब को यहां लाकर बेचते हैं। पुलिस ने अभी भारी मात्रा में हरियाणा की शराब पकड़ी है। पकड़े शातिरों के खिलाफ गैंगस्टर की कार्रवाई भी हुई है।