इन मलिनों की बस्ती के किस्से हजारों हैं
शहर के लहरतारा, कैंट, पाण्डेयपुर, हुकुलगंज, भेलूपुर और आदमपुर ये कुछ ऐसे इलाके हैं जहां इन दिनों पब्लिक चोरियों की बढ़ती वारदातों से त्रस्त है। हर रात चोर इन इलाकों में रहने वाले लोगों के घरों में घुस उनकी मेहनत की कमाई को पार कर दे रहे हैं और पुलिस इनको रोक पाने में पूरी तरह से फेल है। हालांकि पुलिस इन चोरों के खिलाफ स्पेशल अभियान चलाकर इनको पकडऩे का दावा कर रही है लेकिन मजे की बात ये है कि पुलिस की नजर इन्हीं इलाकों में बस रही अवैध बस्तियों पर नहीं पड़ रही है। सड़क और रेलवे लाइन के किनारे बन रही ये अवैध बस्तियां दिनों दिन बढ़ती जा रही हैं और पुलिस इन पर रोक लगाने में पूरी तरह से फेल है। इंटेलिजेंस के सूत्रों की मानें तो इन्हीं अवैध बस्तियों में रहने वाले लोग ही शहर में चोरी की अधिकतर वारदातों को अंजाम दे रहे हैं। इसके बावजूद ये बस्तियां कब उजड़ेंगी और इसमे रहने वाले अपराधी तत्व के लोग कब सलाखों के पीछे होंगे? इसका जवाब शायद पुलिस के पास नहीं है.

बढ़ रहा है दायरा
शहर में इन दिनों बढ़ रही चोरियों ने पुलिस और इंटेलिजेंस दोनों को परेशान करके रखा है। इसी वजह से आईजी के निर्देश पर शहर में पुलिस के साथ इंटेलिजेंस की टीमें चोरों की सुरागरसी में लगी हुई हैं।  इंटेलिजेंस के सूत्रों की मानें तो चोरी की वारदातों में अधिकतर रोड व रेलवे लाइन के साइड में बस्तियां बनाकर रह रहे लोगों को इन्वॉल्मेंट सामने आ रहा है। ये लोग शहर के लहरतारा, मंडुवाडीह, प्रहलादघाट, आदमपुर, भेलूपुर, कैंट समेत कई अन्य इलाकों में झुग्गी झोपडिय़ां बनाकर रह रहे हैं। इन बस्तियों में रहने वाली महिलाएं तो बस्तियों में ही रहकर बच्चों का पालन पोषण करती हैं जबकि यहां रहने वाले जेन्ट्स नशे की लत को पूरा करने और परिवार का खर्च चलाने के लिए इलाके में ही चोरियों की वारदातों को अंजाम देते हैं.

बॉक्स
करते हैं रेकी
इन इलाकों में तेजी से बस रही ये बस्तियां शहर की सिक्योरिटी के लिए एक बड़ा चैलेंज है। इन बस्तियों में रहने वाले पुरुष और महिलाएं लोगों को दिखाने के लिए तो डलिया-डौरी और पत्ते बीनने के बहाने इन झुग्गियों में रहते हैं लेकिन ये इन बस्तियों से ही क्राइम की स्ट्रैटजी को तैयार करते हैं। बस्ती में रहने वाली महिलाएं और पुरुष दोनों ही दोपहर के वक्त इलाके की पॉश कॉलोनियों और आस-पास के इलाकों में अपनी तैयार चीजों को बेचने के बहाने निकलते हैं और ये रेकी करते हैं कि किन घरों को निशाना बनाया जा सकता है। दोपहर में रेकी कम्प्लीट करने के बाद देर रात पूरा गैंग निकलता है और ताला लगे घरों और दुकानों को टारगेट कर लाखों का माल समेटकर निकल लेता है.

पुलिस कर चुकी है खुलासा
फेरी के नाम पर रेकी के बाद चोरी की घटनाओं का खुलासा पुलिस ने ही पिछले दिनों किया था। तत्कालीन एसएसपी बीडी पाल्सन ने शिवपुर में लगातार हो रही चोरी के मामले में छह चोरों का एक गैंग पकड़ा था। ये सभी चोर इलाके में झुग्गी झोपड़ी बनाकर रहते थे और दोपहर में सामान बेचने के बहाने मकानों की रेकी कर चोरी की वारदातों को अंजाम देते थे। वहीं सिगरा, भेलूपुर और कैंट पुलिस ने ऐसे ही चोरों के गैंग को पकड़ा था जो झुग्गी में रहते हुए इलाके में चोरी की वारदातों को अंजाम देता था.

इन इलाकों में बसी है बस्तियां
सिटी के सिगरा, कैंट, पाण्डेयपुर, आदमपुर, प्रहलादघाट, बजरडीहा, भेलूपुर, हुकुलगंज, सारनाथ, पाण्डेयपुर, लहरतारा, मंडुवाडीह, चांदपुर

और भी क्राइम में होते हैं शामिल
ऐसा नहीं है कि शहर के अलग-अलग इलाकों में बस्तियां बनाकर रह रहे ये लोग सिर्फ चोरी की ही वारदातों में शामिल रहते हैं। पुलिस के मुताबिक इन बस्तियों में रहने वाले लोग ही कुख्यात गैंग कच्छा बनियान, बावरिया और मेवाड़ गैंग के मेम्बर्स होते हैं। चूंकि इन गैंग्स का काम करने का तरीका इसी तरह होता है। बिहार, मध्यप्रदेश और झारखंड से संचालित हो रहे इन गैंग्स के ये मेम्बर्स मॉनसून और ठंड के मौसम में अलग अलग शहरों में पहुंचते है और रेलवे लाइन और रोड किनारे बस्तियों में रहते हैं। इन गैंग्स के मेम्बर्स चोरी के अलावा लूट, डकैती और स्नेचिंग की वारदातों में भी शामिल होते हैं। इन गैंग्स की सबसे खास बात ये होती है कि ये उस शहर में एक सीजन में एक बार किसी घटना को अंजाम देते हैं जहां वो बस्ती बनाकर रहते हैं.

पहले भी जारी हो चुका है अलर्ट
रोड ओर रेलवे लाइन के किनारे बस रही इन अवैध बस्तियों पर भले ही पुलिस की नजर न पड़ रही हो लेकिन इन अवैध बस्तियों को लेकर इंटलिजेंस कई बार अलर्ट जारी कर चुकी है। संकटमोचन ब्लास्ट, कैंट बम धमाका और कचहरी ब्लास्ट के बाद भी इन अवैध बस्तियों को शक के घेरे में लिया गया और शासन ने इनको उजाडऩे का आदेश भी दिया था। उस वक्त तो इन बस्तियों को उजाड़ दिया गया लेकिन लापरवाही के चलते ये बस्तियां फिर से बस गई.

वीआईपीज इलाकों में भी हैं बसे
अगर आप ये सोच रहे हैं कि ये अवैध बस्तियां सिर्फ शहर के बाहरी इलाकों में सन्नाटे में ही बसी हैं तो आप गलत हैं। ये बस्तियां शहर के कई पॉश और वीआईपीज समेत सेंसेटिव इलाकों में भी हैं और पुलिस को चैंलेज दे रही हैं। कचहरी में बनारस क्लब की बाउंड्री वाल के बाहर, हुकुलगंज में जिला जेल की बाउंड्री वाल के बाहर और कैंटोन्मेंट में भी ये बस्तियां पिछले कई सालों से बसी हुई हैं और पुलिस प्रशासन इनको अनदेखा कर रहा है.

बॉक्स
ये है चोरी का हाल
15 जुलाई चोरों ने पंच्रकोशी स्थित मोबाइल शॉप को बनाया निशाना
- 15 जुलाई बड़ागांव में चोरों ने एक शॉप करा ताला तोड़ उड़ाया लाखों का माल
- 18 जुलाई शिवपुर में चोरों ने बंद घर का ताला तोड़ उड़ाया हजारों का माल
1 जून-प्रतापनगर कॉलोनी में चोरों ने उड़ाया लाखों का माल.
1 जून-प्रतापनगर में ही एक और घर से लाखों की चोरी.
1 जून-लहरतारा रेलवे कॉलोनी से 50 हजार से ज्यादा की चोरी.
5 जून-एरिया के ही एक घर से लाखों की चोरी.
5 जून-सामनेघाट लंका में चोरों ने उड़ाया लाखों का माल.
6 जून-एक डॉक्टर के घर का ताला तोड़कर आठ लाख से ज्यादा की चोरी.
9 जून-न्यू कॉलोनी में चोरों ने उड़ाये आठ लाख की ज्वेलरी और 60 हजार कैश.
11 जून-इसी एरिया में कंप्यूटर सेंटर का ताला तोड़ लाखों की चोरी.
11 जून-कंप्यूटर सेंटर के पास ही दूसरे घर से भी चोरों ने उड़ाया लाखों का माल.
12 जून-लहरतारा स्थित एक घर से लाखों की चोरी.
13 जून-चोरों ने इलाके की एक दुकान से उड़ाया हजारों का माल.
13 जून-जनरल मर्चेंट की शॉप से हजारों की चोरी.
14 जून-शिवपुर बाजार के पास एक घर से नौ लाख से अधिक की चोरी.
14 जून-इसी इलाके में एक और घर से चोरों ने पार किया लाखों का माल.
14 जून-सारनाथ अमनपुरी कॉलोनी में घर में सो रहे फैमली मेम्बर्स पर बेहोशी का स्प्रे कर लाखों का माल किया पार.
17 जून-पत्रकारपुरम कॉलोनी में एक घर से छह लाख की चोरी.
19 जून- लंका में चोरों ने दो घरों को बनाया निशाना

 

इन मलिनों की बस्ती के किस्से हजारों हैं

शहर के लहरतारा, कैंट, पाण्डेयपुर, हुकुलगंज, भेलूपुर और आदमपुर ये कुछ ऐसे इलाके हैं जहां इन दिनों पब्लिक चोरियों की बढ़ती वारदातों से त्रस्त है। हर रात चोर इन इलाकों में रहने वाले लोगों के घरों में घुस उनकी मेहनत की कमाई को पार कर दे रहे हैं और पुलिस इनको रोक पाने में पूरी तरह से फेल है। हालांकि पुलिस इन चोरों के खिलाफ स्पेशल अभियान चलाकर इनको पकडऩे का दावा कर रही है लेकिन मजे की बात ये है कि पुलिस की नजर इन्हीं इलाकों में बस रही अवैध बस्तियों पर नहीं पड़ रही है। सड़क और रेलवे लाइन के किनारे बन रही ये अवैध बस्तियां दिनों दिन बढ़ती जा रही हैं और पुलिस इन पर रोक लगाने में पूरी तरह से फेल है। इंटेलिजेंस के सूत्रों की मानें तो इन्हीं अवैध बस्तियों में रहने वाले लोग ही शहर में चोरी की अधिकतर वारदातों को अंजाम दे रहे हैं। इसके बावजूद ये बस्तियां कब उजड़ेंगी और इसमे रहने वाले अपराधी तत्व के लोग कब सलाखों के पीछे होंगे? इसका जवाब शायद पुलिस के पास नहीं है।

 

बढ़ रहा है दायरा

शहर में इन दिनों बढ़ रही चोरियों ने पुलिस और इंटेलिजेंस दोनों को परेशान करके रखा है। इसी वजह से आईजी के निर्देश पर शहर में पुलिस के साथ इंटेलिजेंस की टीमें चोरों की सुरागरसी में लगी हुई हैं।  इंटेलिजेंस के सूत्रों की मानें तो चोरी की वारदातों में अधिकतर रोड व रेलवे लाइन के साइड में बस्तियां बनाकर रह रहे लोगों को इन्वॉल्मेंट सामने आ रहा है। ये लोग शहर के लहरतारा, मंडुवाडीह, प्रहलादघाट, आदमपुर, भेलूपुर, कैंट समेत कई अन्य इलाकों में झुग्गी झोपडिय़ां बनाकर रह रहे हैं। इन बस्तियों में रहने वाली महिलाएं तो बस्तियों में ही रहकर बच्चों का पालन पोषण करती हैं जबकि यहां रहने वाले जेन्ट्स नशे की लत को पूरा करने और परिवार का खर्च चलाने के लिए इलाके में ही चोरियों की वारदातों को अंजाम देते हैं।

 

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करते हैं रेकी

इन इलाकों में तेजी से बस रही ये बस्तियां शहर की सिक्योरिटी के लिए एक बड़ा चैलेंज है। इन बस्तियों में रहने वाले पुरुष और महिलाएं लोगों को दिखाने के लिए तो डलिया-डौरी और पत्ते बीनने के बहाने इन झुग्गियों में रहते हैं लेकिन ये इन बस्तियों से ही क्राइम की स्ट्रैटजी को तैयार करते हैं। बस्ती में रहने वाली महिलाएं और पुरुष दोनों ही दोपहर के वक्त इलाके की पॉश कॉलोनियों और आस-पास के इलाकों में अपनी तैयार चीजों को बेचने के बहाने निकलते हैं और ये रेकी करते हैं कि किन घरों को निशाना बनाया जा सकता है। दोपहर में रेकी कम्प्लीट करने के बाद देर रात पूरा गैंग निकलता है और ताला लगे घरों और दुकानों को टारगेट कर लाखों का माल समेटकर निकल लेता है।

 

पुलिस कर चुकी है खुलासा

फेरी के नाम पर रेकी के बाद चोरी की घटनाओं का खुलासा पुलिस ने ही पिछले दिनों किया था। तत्कालीन एसएसपी बीडी पाल्सन ने शिवपुर में लगातार हो रही चोरी के मामले में छह चोरों का एक गैंग पकड़ा था। ये सभी चोर इलाके में झुग्गी झोपड़ी बनाकर रहते थे और दोपहर में सामान बेचने के बहाने मकानों की रेकी कर चोरी की वारदातों को अंजाम देते थे। वहीं सिगरा, भेलूपुर और कैंट पुलिस ने ऐसे ही चोरों के गैंग को पकड़ा था जो झुग्गी में रहते हुए इलाके में चोरी की वारदातों को अंजाम देता था।

 

इन इलाकों में बसी है बस्तियां

सिटी के सिगरा, कैंट, पाण्डेयपुर, आदमपुर, प्रहलादघाट, बजरडीहा, भेलूपुर, हुकुलगंज, सारनाथ, पाण्डेयपुर, लहरतारा, मंडुवाडीह, चांदपुर

 

और भी क्राइम में होते हैं शामिल

ऐसा नहीं है कि शहर के अलग-अलग इलाकों में बस्तियां बनाकर रह रहे ये लोग सिर्फ चोरी की ही वारदातों में शामिल रहते हैं। पुलिस के मुताबिक इन बस्तियों में रहने वाले लोग ही कुख्यात गैंग कच्छा बनियान, बावरिया और मेवाड़ गैंग के मेम्बर्स होते हैं। चूंकि इन गैंग्स का काम करने का तरीका इसी तरह होता है। बिहार, मध्यप्रदेश और झारखंड से संचालित हो रहे इन गैंग्स के ये मेम्बर्स मॉनसून और ठंड के मौसम में अलग अलग शहरों में पहुंचते है और रेलवे लाइन और रोड किनारे बस्तियों में रहते हैं। इन गैंग्स के मेम्बर्स चोरी के अलावा लूट, डकैती और स्नेचिंग की वारदातों में भी शामिल होते हैं। इन गैंग्स की सबसे खास बात ये होती है कि ये उस शहर में एक सीजन में एक बार किसी घटना को अंजाम देते हैं जहां वो बस्ती बनाकर रहते हैं।

 

पहले भी जारी हो चुका है अलर्ट

रोड ओर रेलवे लाइन के किनारे बस रही इन अवैध बस्तियों पर भले ही पुलिस की नजर न पड़ रही हो लेकिन इन अवैध बस्तियों को लेकर इंटलिजेंस कई बार अलर्ट जारी कर चुकी है। संकटमोचन ब्लास्ट, कैंट बम धमाका और कचहरी ब्लास्ट के बाद भी इन अवैध बस्तियों को शक के घेरे में लिया गया और शासन ने इनको उजाडऩे का आदेश भी दिया था। उस वक्त तो इन बस्तियों को उजाड़ दिया गया लेकिन लापरवाही के चलते ये बस्तियां फिर से बस गई।

 

वीआईपीज इलाकों में भी हैं बसे

अगर आप ये सोच रहे हैं कि ये अवैध बस्तियां सिर्फ शहर के बाहरी इलाकों में सन्नाटे में ही बसी हैं तो आप गलत हैं। ये बस्तियां शहर के कई पॉश और वीआईपीज समेत सेंसेटिव इलाकों में भी हैं और पुलिस को चैंलेज दे रही हैं। कचहरी में बनारस क्लब की बाउंड्री वाल के बाहर, हुकुलगंज में जिला जेल की बाउंड्री वाल के बाहर और कैंटोन्मेंट में भी ये बस्तियां पिछले कई सालों से बसी हुई हैं और पुलिस प्रशासन इनको अनदेखा कर रहा है।

 

ये है चोरी का हाल

15 जुलाई चोरों ने पंच्रकोशी स्थित मोबाइल शॉप को बनाया निशाना

- 15 जुलाई बड़ागांव में चोरों ने एक शॉप करा ताला तोड़ उड़ाया लाखों का माल

- 18 जुलाई शिवपुर में चोरों ने बंद घर का ताला तोड़ उड़ाया हजारों का माल

1 जून-प्रतापनगर कॉलोनी में चोरों ने उड़ाया लाखों का माल।

1 जून-प्रतापनगर में ही एक और घर से लाखों की चोरी।

1 जून-लहरतारा रेलवे कॉलोनी से 50 हजार से ज्यादा की चोरी।

5 जून-एरिया के ही एक घर से लाखों की चोरी।

5 जून-सामनेघाट लंका में चोरों ने उड़ाया लाखों का माल।

6 जून-एक डॉक्टर के घर का ताला तोड़कर आठ लाख से ज्यादा की चोरी।

9 जून-न्यू कॉलोनी में चोरों ने उड़ाये आठ लाख की ज्वेलरी और 60 हजार कैश।

11 जून-इसी एरिया में कंप्यूटर सेंटर का ताला तोड़ लाखों की चोरी।

11 जून-कंप्यूटर सेंटर के पास ही दूसरे घर से भी चोरों ने उड़ाया लाखों का माल।

12 जून-लहरतारा स्थित एक घर से लाखों की चोरी।

13 जून-चोरों ने इलाके की एक दुकान से उड़ाया हजारों का माल।

13 जून-जनरल मर्चेंट की शॉप से हजारों की चोरी।

14 जून-शिवपुर बाजार के पास एक घर से नौ लाख से अधिक की चोरी।

14 जून-इसी इलाके में एक और घर से चोरों ने पार किया लाखों का माल।

14 जून-सारनाथ अमनपुरी कॉलोनी में घर में सो रहे फैमली मेम्बर्स पर बेहोशी का स्प्रे कर लाखों का माल किया पार।

17 जून-पत्रकारपुरम कॉलोनी में एक घर से छह लाख की चोरी।

19 जून- लंका में चोरों ने दो घरों को बनाया निशाना