इस अतिरिक्त राशि का उपयोग यूरोज़ोन में कर्ज़ के बोझ से दबे देशों की सहायता में किया जा सकता है। आईएमएफ़ का कहना है कि आने वाले वर्षों में उसे एक खरब डॉलर की राशि की ज़रुरत होगी।

187 देशों के समूह आईएमएफ़ का कहना है कि 500 अरब डॉलर में 150 अरब डॉलर की वो राशि शामिल है जिसका वादा यूरोपीय देशों ने हाल ही में किया है।

इस समय आईएमएफ़ का कुल कोष 590 अरब डॉलर तक का है जिसमें से वह 250 अरब डॉलर का कर्ज़ देना मंज़ूर कर चुका है, जो अपने आपमें एक रिकॉर्ड है।

चूंकि यूरोपीय देशों से बड़ी राशियों की सहायता के अनुरोध आ रहे हैं इसलिए उसे सदस्य देशों से चर्चा करनी होगी कि अतिरिक्त धनराशि का इंतज़ाम किस तरह से हो सकेगा।

यूरोपीय सहायता

गत दिसंबर में हुए एक सम्मेलन में यूरोपीय संघ के ज़्यादातर देशों ने ये वादा किया था कि वे आईएमएफ़ के कोष में 200 अरब डॉलर की अतिरिक्त राशि जुटाएँगे जिससे कि आर्थिक संकट से जूझ रहे ग्रीस जैसे देश की सहायता की जा सके या यूरोज़ोन के संकट का मुक़ाबला किया जा सके।

लेकिन ब्रिटेन ने इस योजना में शामिल होने से इनकार कर दिया था और इसका नतीजा ये हुआ कि यूरोपीय संघ अपने लक्ष्य को हासिल करने में नाकाम रहा।

पिछले वर्ष ही ब्रिटेन की संसद ने आईएमएफ़ को दिए जाने वाली वार्षिक राशि को 10.7 अरब पाउंड से बढ़ाकर 20 अरब पाउंड करने की मंज़ूरी दी थी।

ब्रितानी प्रधानमंत्री डेविड कैमरन ने कहा था कि ये ब्रिटेन के हित में है कि आईएमएफ़ की सहायता की जाए लेकिन उन्होंने ज़ोर देकर कहा था कि अतिरिक्त राशि का उपयोग यूरोज़ोन को संकट से उबारने के लिए न किया जाए।

ब्रिटेन के वित्तमंत्री जॉर्ज ऑसबोर्न ने कहा था, "ब्रिटेन हमेशा आईएमएफ़ के लिए अतिरिक्त राशि जुटाने के लिए तैयार है, लेकिन वैश्विक समझौते के तहत वैश्विक भूमिका के लिए ही." आईएमएफ़ की प्रमुख क्रिस्टीन लेगार्दे ने मंगलवार को यूरोपीय सदस्यों की ओर से किए गए अतिरिक्त राशि के वादे का स्वागत किया था।

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