सावन माह में सोमवार के दिन शिवलिंग को शुद्ध गंगा जल, दूध, दही, घी, शहद और शक्कर से स्नान करवाकर धूप-दीप जलाकर मंत्र का जाप करने से समस्त बाधाओं का शमन होता है।
श्रावण के पावन माह में शिवलिंग को प्राण प्रतिष्ठित करवाकर स्थापित करने से व्यवसाय में वृद्धि और नौकरी में तरक्की मिलती है। इस मास में भगवन भोलेनाथ माता और माता पार्वती दोनों ही शुभ आशीर्वाद प्रदान करते हैं। शिव जी का पूरा परिवार, गण और अवतार इस मास में प्रसन्न मुद्रा में वरदान देते हैं, अत: इस मास का पूरा लाभ उठाया जाना चाहिए।
बीमारी से परेशान होने पर और प्राणों की रक्षा के लिए इस मास में महामृत्युंजय मंत्र का जाप करें। याद रहे, महामृत्युंजय मंत्र का जाप रुद्राक्ष की माला से ही करें। मंत्र दिखने में जरूर छोटा दिखाई देता है, किंतु प्रभाव में अत्यंत चमत्कारी है।
मंत्र इस प्रकार है-
संपूर्ण महामृत्युंजय मंत्र
ॐ हौं जूं सः ॐ भूर्भुवः स्वः
ॐ त्र्यम्बकं यजामहे
सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्
उर्वारुकमिव बन्धनान्
मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्
ॐ स्वः भुवः भूः ॐ सः जूं हौं ॐ
अन्य सरल मंत्र
ॐ नमः शिवाय
ॐ ऐं ह्रीं शिव गौरीमय ह्रीं ऐं ऊं।
महिलाएं सुख-सौभाग्य के लिए भगवान शिव की पूजा करके दुग्ध की धारा से अभिषेक करते हुए निम्न मंत्र का उच्चारण करें।
मंत्र : - ॐ ह्रीं नमः शिवाय ह्रीं ॐ।
लक्ष्मी अपने श्री स्वरूप में अखंड रूप से केवल भगवान शिव की कृपा से ही जीवन में प्रकट हो सकती हैं। अखंड लक्ष्मी प्राप्ति हेतु निम्न मंत्र की दस माला का जाप करें।
मंत्र- ॐ श्रीं ऐं ॐ।
शादी में हो रही देरी दूर करने के लिए इस मंत्र के साथ शिव-शक्ति की पूजा करें।
मंत्र - हे गौरि शंकरार्धांगि यथा त्वं शंकरप्रिया।
तथा मां कुरु कल्याणी कान्तकांता सुदुर्लभाम।।
संपूर्ण पारिवारिक सुख-सौभाग्य हेतु निम्न मंत्र का जाप भी कर सकते हैं।
मंत्र- ॐ साम्ब सदा शिवाय नम:।
-ज्योतिषाचार्य पंडित श्रीपति त्रिपाठी
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