साढ़े चार साल की सजा
कानपुर।
ब्रिटेन की एक अदालत ने एक महिला को साढ़े चार साल की सजा सुनाई है। द सिडनी मॉर्निंग हेराल्ड की एक रिपोर्ट के मुताबिक, वो महिला अपनी बेटी की शादी जबरन एक बुजुर्ग व्यक्ति से करा रही थी और शादी के लिए बहला-फुसलाकर जबदस्ती उसे पाकिस्तान लेकर गई थी। बता दें कि ब्रिटेन में जबरन शादी कराने का मामला 2014 के बाद पहली बार देखा गया है। इससे पहले अभी तक वहां की अदालत ने किसी को ऐसे मामलों में दोषी नहीं ठहराया था।

बर्मिंघम की रहने वाली महिला
दोषी महिला बर्मिंघम की रहने वाली है। उसके नाम का खुलासा कानूनी वजहों के चलते नहीं किया गया है। बर्मिंघम क्राउन अदालत ने उसे अपनी बेटी की जबरन शादी कराने का दोषी पाया। जिला क्राउन अभियोजक इलेन राडवे ने कहा, 'किसी की इच्छा के विरुद्ध शादी कराना एक अपराध है और साथ ही साथ यह मानवाधिकार का उल्लंघन भी है।

झूठ बोलकर ले गई पाकिस्तान
एक्सप्रेस ट्रिब्यून की एक रिपोर्ट के मुताबिक, इस केस को देख रहे वकील ने बताया कि दोषी महिला अपनी 17 साल की बेटी को 2017 में यह कहकर पाकिस्तान लेकर चली गई थी कि वे छुट्टियां मनाने के लिए जा रहे हैं। उसकी बेटी को पाकिस्तान पहुंचने पर बताया गया कि जब वह सितंबर में 18 साल की हो जाएगी तो उसकी वहीं शादी कर दी जाएगी। इसके बाद जब पीड़ित ने इसका विरोध किया तो उसकी मां ने उसका पासपोर्ट जलाने और उसे मारने-पीटने की धमकी दी। इसके बाद 18 साल पूरे होने के बाद उस पीड़िता की एक पाकिस्तानी बुजुर्ग से इस्लामिक रीति रिवाजों से शादी कर दी गई।

2014 के बाद यह पहला मामला
बाद में पीड़िता को ब्रिटेन के गृह विभाग की मदद से ब्रिटेन लाया गया, जहां उसने अपनी मां के खिलाफ बयान दिया। गौरतलब है कि अदालत ने ब्रिटेन में 2014 में जबरन शादी को एक अपराध घोषित कर दिया था। इसके बाद यह पहला मामला है, जिसमें किसी को दोषी करार दिया गया है।

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