घायल होने के बाद भी भागे धर्मेंद्र
धर्मेंद्र को नवंबर में अतरौली सीट से विधानसभा चुनावों के लिए बीएसपी प्रत्याशी घोषित किया गया था. वह एक रियल स्टेट कंपनी के मालिक भी थे. जानकारी के मुताबिक धर्मेंद्र कल रात बारहद्वारी इलाके से अपनी गाड़ी से निकल रहे थे. वहीं पर सीओ सिटी का ऑफिस भी है. तभी दो बाइकों पर सवार पांच शूटर आए और बाइक गाड़ी के आगे लगा दी. धर्मेंद्र कुछ समझ पाते कि तब तक एक शूटर पूरी तरह से फिल्मी स्टाइल में उतरा. उसने सबसे पहले सिर पर पैर रखा, फिर दोनों हाथों में पिस्टल लेकर ताबड़तोड़ दो दर्जन से अधिक गोलियां दागी. अचानक हमले से घबराए धर्मेन्द्र ने भागने के लिए गाड़ी का दरवाजा खोला, लेकिन दरवाजा शूटर से टकरा गया और वह गिर गया. इसके बाद धर्मेंद्र घायलावस्था में भागने लगे, तभी दूसरे शूटर ने उन्हे गिरा दिया और गोलियां दाग दी. घटना के बाद में हत्यारे असलहे लहराते हुए फरार हो गए. बाजार में गोलियां चलने से वहां पर भगदड़ मच गई. घटना की सूचना तुरंत धर्मेंद्र के परिजनों तक पहुंची और वे घटना स्थल पर पहुंचे. परिजन खून से लथपथ धर्मेन्द्र चौधरी को लेकर रामघाट रोड स्थित वरुण ट्रामा लेकर पहुंचे. वहां पर डाक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया

खुद ही गनरों को भेज दिया था घर
पुलिस ने हत्या के बाद केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है. पुलिस ने बताया कि धर्मेंद्र के खिलाफ भी कई मामले दर्ज थे. धर्मेंद्र भी अपने पास पिस्टल रखते थे लेकिन घटना के समय पिस्टल चालक के पास मौजूद थी. इसके अलावा सबसे खास बात तो यह है कि  धर्मेंद्र पर्सनली चार गनर हमेशा अपने साथ रखते थे लेकिन कल शाम को उन्होंने गनरों को घर भेज दिया और अकेले ही निकले थे. गाड़ी को नगला तिकोना निवासी चालक संजय चला रहा था. मूलरूप से बुलंदशहर के गांव बड़ौदा निवासी धर्मेन्द्र चौधरी पिछले करीब दस सालों से क्वार्सी क्षेत्र के गुलजार नगर में रहते थे. बिल्डर बनने से पहले उन्होंने सिक्योरिटी एजेंसी चलाई थी. वह शहर की प्रसिद्ध कंस्ट्रक्शन कंपनी ग्लोबल इन्फोटेक में पार्टनर थे. इसके अलावा बीएसपी ने उन्हें आगामी 2017 के विधानसभा चुनाव के लिए अतरौली सीट से उम्मीदवार भी घोषित कर दिया था.

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