दुकान पर काम करें

शिक्षा का अधिकार विशेषाधिकार है। ऐसे में आंध्र प्रदेश के कृष्णा जिले के बपुलपडू गांव में दो बच्चों ने इसका फायदा भी उठाया। यहां पर रहने वाले मोहम्मद अकरम 33 साल और उनकी पत्नी शर्मिला जुआ खेलते हैं और इन पर काफी ज्यादा कर्ज लदा है। ऐसे में यह अपने बच्चों शानू 11 साल और सिद्दकी 9 साल को स्कूल पढ़ने नहीं भेज रहे थे। बच्चों के लाख कहने के बाद भी इन्होंने उन्हें एक दुकान पर काम करने के लिए भेज दिया था। इनका कहना था कि पढ़ने की बजाय बच्चों का काम करना जरूरी है। जिससे कर्ज उतरेगा।  ऐसे में जब इस बात की जानकारी शर्मिला के पिता को हुई तो उन्होंने इसका विरोध किया, लेकिन अकरम ने बच्चों को स्कूल भेजने से साफ मना कर दिया।

नाना-नानी ने की मदद

ऐसे में पिता और मां से नाराज बच्चे सीधे थाने पहुंच गए और यहां पर उन्होंने पुलिस से शिकायत कर दी कि उनके पिता उन्हें स्कूल नही भेजते हैं। साथ ही यह भी बताया कि उनकी मां शर्मिला ने स्कूल जाने की जिद पर उन्हें पीटती भी है। जब कि उनके नाना नानी उनकी मदद कर रहे हैं। इसके बाद वीरपल्ली पुलिस थाने के इंसपेक्टर ने उनके माता-पिता को जमकर फटकार लगाई। इसके अलावा उन्हें चेतावनी दी कि आगे से बच्चों को स्कूल जाने से नहीं रोकेंगे। इसके साथ ही बच्चों को राज्य महिला विकास और बाल कल्याण विभाग के तत्वावधान में जाने का विकल्प दिया था। जिससे बच्चे काफी खुश हो गए थे। वहीं अब इन बच्चों की CPDO को उनकी जिम्मेदारी दी गई है।

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