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LUCKNOW: कंपनी द्वारा सरकार को गुमराह कर आठ प्रमुख पर्यटन स्थलों पर फाइव स्टार होटल बनाने का एमओयू किए जाने का 'दैनिक जागरण आई नेक्स्ट' द्वारा खुलासा करने के बाद पर्यटन मंत्री रीता बहुगुणा जोशी ने पूरे प्रकरण की जांच के आदेश दिए हैं। उन्होंने इसकी तत्काल रिपोर्ट भी मांगी है ताकि कंपनी के खिलाफ एफआईआर दर्ज करायी जा सके।

रेलवे की जमीन को रखा गिरवी

बताते चलें कि केसी इंफ्राबिल्ड के खिलाफ मार्च 2017 में सीबीआई ने केनरा बैंक से 12।38 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी अंजाम देने का केस दर्ज किया था। जिसकी जानकारी कंपनी ने इंवेस्टर्स समिट में राज्य सरकार के साथ फाइव स्टार होटल बनाने एमओयू के दौरान छुपा ली थी। वहीं यह भी सामने आया है कि केनरा बैंक के जीएम प्रमोद कुमार ने सीबीआई को भेजे अपने शिकायती पत्र में बताया था कि केसी इंफ्रा के एमडी विजय मिश्र ने राजधानी स्थित एपी सेन रोड की रेलवे की भूमि को अपना बताकर बैंक मे गिरवी रखा और इसके बदले में 12।38 करोड़ रुपये का लोन ले लिया। साथ ही ऑडी कार खरीदने के लिए भी 70 लाख रुपये का लोन लिया। इस मामले में सीबीआई विजय मिश्र को कई बार नई दिल्ली तलब कर चुकी है।

ग्रोवेल के नाम से भी कंपनी

वहीं यह भी सामने आया है कि  केसी इंफ्राबिल्ड के एमडी विजय मिश्र ग्रोवेल ट्रेडिंग हाउस प्राइवेट लिमिटेड के नाम से एक और कंपनी संचालित कर रहे हैं जो कि केसी के बैनर तले ही काम करती है। यह कंपनी देश-विदेश में कई बड़े प्रोजेक्ट समेत नेपाल में होटल और कैसिनो के बिजनेस में निवेश करने पर आकर्षक रिटर्न देने का वादा करके निवेशकों से पैसे बटोर रही है। इतना ही नहीं, राज्य सरकार से एमओयू के बाद केसी इंफ्राबिल्ड ने कई बड़े शहरों में निवेशकों को फाइव स्टार होटल में निवेश पर आकर्षक रिटर्न देने का लुभावना ऑफर भी दिया है।

बोलीं मंत्री, थैंक्स दैनिक जागरण आई नेक्स्ट

इंवेस्टर्स समिट में धांधली के इस मामले को उजागर करने पर विभागीय मंत्री रीता बहुगुणा जोशी ने दैनिक जागरण आई नेक्स्ट को धन्यवाद भी दिया। उन्होंने कहा कि इंवेस्टर्स समिट पीएम नरेंद्र मोदी और सीएम योगी आदित्यनाथ का ड्रीम प्रोजेक्ट है। इसमें किसी तरह की धांधली को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। दैनिक जागरण आई नेक्स्ट ने कंपनी की इस धांधली का खुलासा करके राज्य सरकार की मदद की है।

ये था पूरा मामला

यूपी इंवेस्टर्स समिट में बैंक से धोखाधड़ी करने वली कंपनी ने अफसरों को गुमराह कर प्रमुख पर्यटनों स्थलों पर आठ फाइव स्टार होटल बनाने का 1500 करोड़ का एमओयू साइन तक कर लिया था। कंपनी के निदेशकों ने एमओयू से पहले इस बात को पूरी तरह से छुपाए रखा कि उनके खिलाफ बैंंक से 12 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी की जांच सीबीआई कर रही है। हैरत की बात यह है कि एमओयू साइन होने से पहले किए गये वैरीफिकेशन में लखनऊ के अफसरों ने कंपनी को क्लीन चिट भी दे दी गई थी। यह एमओयू विभूतिखंड के साइबर हाइट्स टॉवर से संचालित कंपनी केसी इंफ्राबिल्ड प्राइवेट लिमिटेड ने किया था। एमओयू से पहले कंपनी के वैरीफिकेशन की जिम्मेदारी डीएम और एसएसपी को दी गयी थी जिसमें उन्हें क्लीनचिट मिल गयी।

इंवेस्टर्स समिट के एमओयू में किसी तरह की धांधली को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। मैंने इस मामले की जांच करके तत्काल रिपोर्ट देने को कहा है। कंपनी ने यदि अपने खिलाफ दर्ज आपराधिक मामला छुपाकर एमओयू किया है तो उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज करायी जाएगी।

- रीता बहुगुणा जोशी, पर्यटन मंत्री

स्पष्टीकरण दे राज्य सरकार : कांग्रेस

प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता सचिन रावत ने 'दैनिक जागरण आई नेक्स्ट' में प्रकाशित खबर पर कहा कि इंवेस्टर्स समिट में भ्रष्टाचार और नियम विरुद्ध एमओयू की बात कांग्रेस पार्टी लगातार उठाती रही है जो आज सच साबित हुआ है। हैरत की बात है कि कंपनी द्वारा एमओयू के नाम पर निवेशकों से धन उगाही की सूचना प्राप्त हो रही है पर सब जानते हुए भी सरकार की चुप्पी एवं कार्रवाई न करना इस भ्रष्टाचार के खेल में उसकी भागीदारी प्रमाणित करती है। चुनावों में भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस का ढोल पीटने वाली राज्य सरकार को इस पर स्पष्टीकरण देना चाहिए। कांग्रेस पार्टी मांग करती है कि जिन भी दागी कंपनियों द्वारा इंवेस्टर्स समिट के दौरान एमओयू किये गये हैं उन सबकी निष्पक्ष जांच कराई जाये तथा दोषी कंपनियों एवं इसमें संलिप्त अधिकारियों के खिलाफ  सख्त कार्रवाई की जाए।

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