RUDRAPUR: एनएच-7ब् मुआवजा घोटाला मामले में निलंबित एसडीएम भगत सिंह फोनिया और काशीपुर के तत्कालीन प्रभारी तहसीलदार मदन मोहन पडलिया समेत आठ लोगों को एसआईटी ने गिरफ्तार किया है। सभी को सोमवार को सीजेएम कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उन्हें क्ब् दिन की न्यायिक हिरासत में हल्द्वानी उप कारागार भेज दिया गया है। जेल भेजे गए लोगों में दो किसानों के साथ ही जसपुर तहसील से सेवानिवृत्त प्रभारी तहसीलदार भोले लाल, जसपुर तहसील का ही निलंबित संग्रह अमीन अनिल कुमार, अनुसेवक रामसुमझ, स्टांप वैंडर जीशान शामिल हैं। अन्य आरोपियों की तलाश में पुलिस की तीन टीमें जुटी हुई हैं।

 

एसडीएम को दून से किया गिरफ्तार

पिछले करीब नौ माह से छह सौ करोड़ रुपये से अधिक के मुआवजा घोटाले की परतें खोलने में जुटी एसआईटी ने अब आरोपियों की गिरफ्तारी शुरू कर दी है। पीसीएस अफसरों में सबसे पहला निशाना बने हैं निलंबित एसडीएम भगत सिंह फोनिया। उनको पुलिस टीम ने रविवार दोपहर देहरादून से हिरासत में लिया था। रविवार देर रात टीम उन्हें लेकर रुद्रपुर पहुंची। उनके साथ ही काशीपुर के तत्कालीन प्रभारी तहसीलदार मदन मोहन पडलिया और जसपुर के सेवानिवृत्त प्रभारी तहसीलदार भोले लाल की अलग-अलग स्थानों से धरपकड़ हुई। इनके साथ ही जसपुर के निलंबित संग्रह अमीन अनिल कुमार, इसी तहसील के अनुसेवक रामसुमझ और काशीपुर के स्टांप वेंडर जिशान को देर रात ही पकड़ लिया गया। जसपुर के दो किसान ओमप्रकाश और चरन सिंह की भी गिरफ्तारी रात को ही की गई। सभी से देर रात तक सिडकुल पुलिस चौकी में पूछताछ की गई। खुद एसएसपी डॉ। सदानंद दाते और एसपी क्राइम कमलेश उपाध्याय ने उनसे कई सवाल किए। सोमवार सुबह सभी आरोपियों को सीजेएम रुद्रपुर की कोर्ट में पेश किया गया, जहां से इन्हें जेल भेज दिया गया है।

 

राजस्व अधिकारियों और कर्मचारियों के साथ ही कृषकों ने एक राय होकर संगठित रूप से बैक डेट में कृषक भूमि को अकृषक बनाया। भूमि अध्याप्ति अधिकारी (एसएलएओ) व उनके कार्यालय के कर्मियों के साथ मिलकर यह आपराधिक षड़यंत्र रचा गया और एनएच 7ब् की जद में आने वाली भूमि की प्रकृति बदलकर करोड़ों का गलत मुआवजा बांटा गया। इससे सरकार को करोड़ों रुपये के राजस्व का नुकसान हुआ।

डॉ। सदानंद दाते, एसएसपी, ऊधमसिंहनगर.